हर काम में अपनी सहभागिता जरूर दिखानी चाहिए. आपस में मिल-जुल कर काम करने से यूनिटी तो आती ही है, साथ ही एक बेहतर माहौल भी तैयार होता है. संस्थानों में ऐसा माहौल होगा तो वहां काम करनेवाला हर कर्मचारी बेबाक होकर अपनी राय सबके सामने रख सकेगा. एक बॉस तो हर जगह नहीं जा सकता है, लेकिन उनके साथी जो फिल्ड में काम कर रहे हैं, उन्हें हर तरह की जानकारियां रहती है.
एक बॉस को चाहिए कि वे उनसे फीडबैक लें. उनकी राय जानने की कोशिश करें. किसी भी काम को कैसे करना है. इसका फैसला तो लीडर लेता है, लेकिन एक अच्छा लीडर वहीं होता है जो अपने साथियों से राय लेते हैं. हमेशा पार्टिसिपेटिव मूड में काम करना चाहिए. बॉस और इंप्लाइ के बीच कभी भी कम्यूनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए. कम्यूनिकेशन गैप होने से कंपनी कभी तरक्की नहीं कर सकती है. आपस में अच्छा तालमेल होने से आइडिएशन अच्छे आयेंगे. इससे न केवल कंपनी बल्कि वहां काम करने वाले हर लोगों का फायदा भी होगा.
हर इंप्लाइ को उनका काम बता दें. समय सीमा भी. इस प्रोजेक्ट के लिए आप को इतने दिन ही मिलते हैं. अगर नहीं होगा, तो आप समय रहते ही कह देंगे. मैं दूसरा कोई रास्ता निकालूंगा. हर समय अपने इंप्लाइज को प्रोत्साहित करते रहना चाहिए. हां लेकिन यह भी ध्यान देना चाहिए कि जब आप किसी को काम सौंपते हैं, तो उस व्यक्ति की जिम्मेदारी भी बनती है कि वह काम को सही समय पर पूरा कर के दे. नहीं कर पाता है, तो वजह जानने की कोशिश करें, कहीं किसी पर्सनल काम या अन्य कारणों से तो काम समय पर पूरा नहीं कर पाया.
वजह सही है तो उसे समझाएं कोई भी परेशानियां क्यों न आये हमें हमेशा सही समय पर काम को करना चाहिए. काम में किसी तरह की कोताही नहीं बरतनी चाहिए. लेकिन अगर कोई जानबूझ कर काम में कोताही बरत रहा है तो आप को तुरंत एक्शन लेना चाहिए. ऐसा करने से दूसरे को भी सबक मिलेगा.
ज्यादातर देखा जाता है कि बॉस से अनबन होने के कारण ही इंप्लाइ नौकरी छोड़ देते हैं उन्हें संस्थान से कोई तकलीफ नहीं होती. एक बॉस को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए मेरे साथ जो काम कर रहा है वह मेरे परिवार का एक सदस्य है. वह खुश नहीं रहेगा, तो कैसे परिवार खुश होगा. चाहे कोई भी इंस्टीटय़ूशन क्यों न हो वहां काम करनेवाला हर शख्स वहां का मेंबर होता है.