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इस साल के नोबेल विजेता

नोबेल को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार माना जाता है. यह हर वर्ष मानव जीवन की बेहतरी के लिए किये जानेवाले नये वैज्ञानिक आविष्कारों-अनुसंधानों के अलावा साहित्य लेखन, अर्थशा और विश्व में शांति की स्थापना के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभानेवाले व्यक्तियों/ संगठनों को प्रदान किया जाता है. विभिन्न क्षेत्रों में इस वर्ष के नोबेल विजेताओं […]

नोबेल को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार माना जाता है. यह हर वर्ष मानव जीवन की बेहतरी के लिए किये जानेवाले नये वैज्ञानिक आविष्कारों-अनुसंधानों के अलावा साहित्य लेखन, अर्थशा और विश्व में शांति की स्थापना के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभानेवाले व्यक्तियों/ संगठनों को प्रदान किया जाता है. विभिन्न क्षेत्रों में इस वर्ष के नोबेल विजेताओं के बारे में जानकारी दे रहा है आज का नॉलेज..

शांति

रासायनिक हथियार निषेध संगठन

ओपीसीडब्ल्यू यानी द ऑर्गनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ वीपन्स (रासायनिक हथियार निषेध संगठन) केमिकल वीपन्स कन्वेंशन (सीडब्ल्यूसी) को कार्यान्वित करनेवाला निकाय है. पिछले एक वर्ष के दौरान सीरिया समेत कई अन्य देशों में रासायनिक हथियारों को नष्ट करने में व्यापक योगदान दिये जाने को लेकर इस संगठन को दिया गया है. वर्ष 1997 में यह संगठन अस्तित्व में आया था और वर्तमान में इसके 189 सदस्य देश हैं, जो दुनिया को रासायनिक हथियारों से मुक्त करने के अभियान में जुटे हुए हैं. इसका मकसद युद्ध में किसी भी तरह के रसायन के हथियारों को रोकने के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाना है.

रासायनिक हथियार कन्वेंशन

रासायनिक हथियार कन्वेंशन (समझौता) के तहत चार प्रमुख प्रावधान किये गये हैं. पहला, ओपीसीडब्ल्यू द्वारा अंतरराष्ट्रीय सत्यापन के तहत मौजूदा सभी रासायनिक हथियारों को नष्ट करना. दूसरा, पुनर्सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए दुनिया को नये हथियारों से बचाने के लिए रासायनिक उद्योगों की निगरानी करना. तीसरा, रासायनिक चुनौतियों से निबटने के लिए संबंधित पक्षों को जरूरी सुरक्षा और सहायता मुहैया कराना. चौथा, समझौते को दृढ़ता से लागू करते हुए अंतरराष्ट्रीय तालमेल कायम रखना और रसायनों के शांतिपूर्ण इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना.

हालांकि, दुनियाभर में रासायनिक हथियारों का बड़ा जखीरा इसने नष्ट किया है, लेकिन गैर-सदस्य देशों की भागीदारी को तय करते हुए धरती को इन हथियारों से बचाने के लिए अभी इसे एक मुहिम के तौर पर संचालित करना होगा. चुंकि दुनियाभर में सुरक्षा का माहौल स्थिर नहीं रहता, इसलिए इस संगठन को पूरी दक्षता के साथ भविष्य में पैदा होनेवाली चुनौतियों पर भी पूरी नजर रखनी होगी और उनसे निबटने के लिए तैयारी करनी होगी.

इसके अनुपालन के लिए अंतरराष्ट्रीय सत्यापन समेत इसके कार्यान्वयन और प्रावधानों को निर्धारित करने के संबंध में इसके उद्देश्यों को तय करने के लिए यह संगठन इस समझौते को जनादेश से अवगत कराता है. साथ ही, यह संबंधित पक्षों (देशों) को सलाह और आपसी सहयोग के लिए एक मंच मुहैया कराता है.

टेक्निकल सेक्रेटेरिएट

इसके दैनिक प्रशासनिक कामकाज और समझौते के कार्यान्वयन समेत निरीक्षण का कार्य ‘टेक्निकल सेक्रेटेरिएट’ के जिम्मे है. सचिवालय में प्रमुख महानिदेशक होते हैं, जो इसके मुखिया और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी हैं.

महानिदेशक

परिषद की अनुशंसा पर कान्फ्रेंस द्वारा चार वर्षो की अवधि के लिए महानिदेशक की नियुक्ति की जाती है. मौजूदा महानिदेशक की नियुक्ति के लिए दिसंबर, 2009 में कान्फ्रेंस के 14वें सत्र में प्रस्ताव पारित किया गया था और चार वर्षीय कार्यकाल के लिए 25 जुलाई, 2010 को महानिदेशक के पद पर अहमत उजियूमजू की नियुक्ति की गयी थी. कान्फ्रेंस और परिषद के कर्मचारियों की नियुक्ति के साथ ही सचिवालय के कार्यों के लिए महा-निदेशक ही जिम्मेदार होता है.

कार्यकारी परिषद

कार्यकारी परिषद में 41 सदस्य हैं, जिनका चयन एक सम्मेलन के माध्यम से दो वर्षो के लिए किया जाता है. प्रत्येक पक्ष को परिषद के सिद्धांतों के अनुकूल कार्य करने का अधिकार हासिल है. परिषद को प्रभावी बनाने के संदर्भ में समान भौगोलिक वितरण का सिद्धांत अपनाया जाता है. साथ ही, रसायन उद्योग और राजनीति व सुरक्षा से जुड़े हितों की महत्ता का भी तय करता है. इसके अलावा, निरीक्षक और वैज्ञानिक, तकनीकी और अन्य जरूरी कर्मचारी भी इसके अधीन आते हैं.

साहित्य

एलिस मुनरो

वर्ष 2013 के साहित्य का नोबेल पुरस्कार कनाडा की प्रसिद्ध लेखिका एलिस मुनरो को दिये जाने की घोषणा की गयी है. मुनरो का जन्म 10 जुलाई, 1931 कनाडा के विंघम शहर में हुआ था. ‘मास्टर ऑफ द कंटेंपररी शॉर्ट स्टोरी’ (समकालीन लघु कथाओं के मास्टर) के लेखन के लिए इन्हें यह पुरस्कार दिया गया है. चरित्र के संदर्भ में बिना कोई राय बनाये विविधताभरी जिंदगियों को छूने में मुनरो ने जो गरमाहट, अंतरदृष्टि और सहानुभूति दिखाई है, उसके चलते उन्हें अलग पहचान मिली है.

कनाडा के साहित्य जगत का सबसे बड़ा पुरस्कार भी उन्हें तीन बार मिल चुका है. हालांकि, उनका जन्म जरूर कनाडा में हुआ था, लेकिन बचपन में ही वे अमेरिका चली गयी थीं. अंगरेजी के अलावा मुनरो फ्रेंच, स्वीडिश, स्पेनिश और जर्मन में भी लिखती रही हैं. हाल ही में न्यूयार्क टाइम्स को दिये गये एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, ‘अपनी पहली पांच किताबें लिखते समय मैं प्रार्थना कर रही थी कि काश मैं उपन्यास लिखती.’ साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘मैं सोचती थी कि जब तक कोई इनसान उपन्यास नहीं लिखता, तब तक लोग उसे लेखक के रूप में गंभीरता से नहीं लेते. यह सोच कर मैं काफी परेशान रहती थी. लेकिन अब कोई भी बात मुङो परेशान नहीं करती. मैं समझती हूं कि अब लोग लघुकथाओं को पहले के मुकाबले ज्यादा गंभीरता से लेते हैं.

आमतौर पर उनकी कहानियां छोटे शहर के रहन-सहन और माहौल पर केंद्रीत रही है. उन्होंने अपनी कथाओं में स्वीकृत सामाजिक परंपरा के कारण संबंधों के तनाव और संघर्ष व नैतिक प्रतिद्वंद्व के माहौल को अपनी लेखनी से उकेरा है. ये समस्याएं ऐसी हैं जो पीढ़ियों में मतभेद और महत्वकांक्षाओं के टकराव की वजह से पैदा होती हैं.

किसान और एक शिक्षक की बेटी मुनरो एक ऐसे शहर में पैदा हुईं, जो साहित्य के लिहाज से बहुत माकूल नहीं था. यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ओंटारियो से पत्रकारिता की पढ़ाई करते हुए उन्हें स्कॉलरशिप मिली थी. जब उन्होंने कनाडा की सीबीसी रेडियो को अपनी पहली कहानी बेची तो उनकी बैचलर की पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई थी. कॉलेज के अपने साथी जेम्स मुनरो से विवाह करने के लिए उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया. शादी के बाद वे एक घरेलू महिला बन गयीं. उम्र के तीसरे दशक में ही वे इतनी डरी सहमी और निराश हो चुकी थीं कि एक पूरा वाक्य भी नहीं लिख पातीं थीं. वर्ष 1963 में उनकी खुशकिस्मती उस समय लौटी, जब उनके पति ने किताबों की दुकान खोली.

भौतिकी

फ्रेंकोइज एंगलर्ट

जन्म: 6 नवंबर, 1932

जन्म स्थान: इटरबीक, बेल्जियम

पुरस्कार के लिए नामांकित किये जाते समय संबद्धता: यूनिवर्सिटी लिब्र डी ब्रुक्सेलर्स, ब्रुसेल्स, बेल्जियम

पीटर डब्ल्यू हिग्स

जन्म: 29 मई, 1929

जन्म स्थान: न्यूकैसल अपॉन टाइन, यूके

पुरस्कार के लिए नामांकित किये जाते समय संबद्धता: यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग, एडिनबर्ग, यूनाइटेड किंगडम

योगदान: एक ऐसे स्टैंडर्ड मॉडल की खोज के लिए, जिसने सब-एटोमिक (उप-परमाण्विक) कणों के द्रव्यमान की उत्पत्ति को समझने में योगदान दिया है. इसे हाल ही में मूलभूत कणों के तौर पर माना गया था.

रसायन

मार्टिन कारप्लस

जन्म: 15 मार्च, 1930

जन्म स्थान: ऑस्ट्रिया

पुरस्कार के लिए नामांकित किये जाते समय संबद्धता: यूनिवर्सिटी डी स्ट्रॉसबर्ग, फ्रांस, हारवर्ड यूनिवर्सिटी, कैंब्रिज, एमए, यूएसए.

माइकल लेविट

जन्म: 9 मई, 1947

जन्म स्थान: प्रिटोरिया, दक्षिण अफ्रीका

पुरस्कार के लिए नामांकित किये जाते समय संबद्धता: स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन, यूएसए.

एरिह वार्शल

जन्म: 20 नवंबर, 1940

जन्म स्थान: इसराइल

पुरस्कार के लिए नामांकित किये जाते समय संबद्धता: यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया, यूएसए.

योगदान: जटिल रासायनिक प्रणालियों के ‘मल्टीस्केल’ मॉडल का विकास

चिकित्सा

जेम्स ई रॉथमैन

जन्म: 3 नवंबर, 1950

जन्म स्थान: हेवरहिल, एमए, यूएसए

पुरस्कार के लिए नामांकित किये जाते समय संबद्धता: येल यूनिवर्सिटी, न्यू हेवन, सीटी, यूएसए.

रैंडी डब्ल्यू सेकमेन

जन्म: 30 दिसंबर, 1948

जन्म स्थान: सैंट पॉल, एमएन, यूएसए.

पुरस्कार के लिए नामांकित किये जाते समय संबद्धता: यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले, सीए, यूएसए, होवार्ड ह्यूज मेडिकल इंस्टीटय़ूट.

थॉमस सी सुडोफ

जन्म: 22 दिसंबर, 1955

जन्म स्थान: गोटिंगेन, जर्मनी

पुरस्कार के लिए नामांकित किये जाते समय संबद्धता: स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी, स्टैनफॉर्ड, सीए, यूएसए, होवार्ड ह्यूज मेडिकल इंस्टीटय़ूट.

योगदान: हमारी कोशिकाओं में मुख्य संचरण प्रणाली के तौर पर मशीनरी रेगुलेटिंग वेसिकल ट्रैफिक का आविष्कार.

अर्थशास्त्र

इयूजेन एफ फामा

जन्म: 14 फरवरी, 1939

जन्म स्थान: बोस्टन, एमए, यूएसए

पुरस्कार के लिए नामांकित किये जाते समय संबद्धता: यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो, शिकागो, आईएल, यूएसए

लार्स पीटर हेंसेन

जन्म: 26 अक्तूबर, 1952

जन्म स्थान: केम्पैन, आईएल, यूएसए

पुरस्कार के लिए नामांकित किये जाते समय संबद्धता: यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो, शिकागो, आईएल, यूएसए

रॉबर्ट जे. शिलर

जन्म: 29 मार्च, 1946

जन्म स्थान: डेट्रॉएट, एमआइ, यूएसए

पुरस्कार के लिए नामांकित किये जाते समय संबद्धता: येल यूनिवर्सिटी, न्यू हेवन, सीटी, यूएसए

योगदान: संपत्ति की कीमतों के बारे में अनुभवजन्य विश्लेषण.

कुछ तथ्य

लेने से इनकार

वर्ष 1964 में फ्रांस के ज्यां पॉल सार्त् ने नोबेल पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया था. उनका कहना था कि एक लेखक को खुद को संस्थान नहीं बनने देना चाहिए. इसके बाद वर्ष 1973 में वियतनाम के ले डुक ने देश के राजनीतिक हालात के चलते पुरस्कार लेने से मना कर दिया था. इसके अलावा, हिटलर के शासन के दौरान वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार का स्वीकार करने की अनुमति नहीं थी. वर्ष 1938 में रिचर्ड कून, 1939 में अडोल्फ बूटेनांट और गेरहार्ड डोमाक को नामांकित किया गया था. द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद ही उन्हें यह पुरस्कार दिया जा सका.

विजेता महिलाओं की संख्या कम

वर्ष 2012 तक कुल 44 महिलाओं को ही नोबेल पुरस्कार दिया गया है. इनमें से 16 विज्ञान के क्षेत्र में, दो भौतिकी में, चार रसायन शास्त्र में और दस चिकित्सा विज्ञान में. मैरी क्यूरी एकमात्र महिला हैं, जिन्हें दो बार नोबेल पुरस्कार दिया गया है. वर्ष 1903 में रेडियोएक्टिविटी को समझने के लिए भौतिकी में और 1911 में पोलोनियम और रेडियम की खोज करने के लिए रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उन्हें यह पुरस्कार दिया गया.

सबसे ज्यादा नोबेल

अमेरिका के वैज्ञानिकों को अब तक सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार हासिल हुए हैं. इस मामले में दूसरे स्थान पर जर्मनी है. इसके बाद ब्रिटेन और फ्रांस का नंबर आता है. इसे महज संयोग ही कहा जायेगा कि पुरस्कार प्राप्त करनेवाले अधिकतर लोगों का जन्मदिन 21 मई और 28 फरवरी को होता है. इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस दिन विद्वान जन्म लेते हैं.

1901 में दिया गया था पहला नोबेल पुरस्कार

846 व्यक्तियों और 22 संस्थाओं को मिल चुका है नोबेल

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