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कम खर्च में घूमने का मजा देगी इलेक्ट्रिक साइकिल

पर्यावरण का बढ़ता प्रदूषण पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब है. ऐसे में शहरों में यातायात के प्रदूषणरहित साधन उपलब्ध कराने के लिए इलेक्ट्रिक बाइक और स्कूटर के बाद अब इ-साइकिल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. ‘जीटेक’ ने एक ऐसी इलेक्ट्रिक साइकिल का विकास किया है, जिसे बैट्री चालित मोटर और मैनुअल, […]

पर्यावरण का बढ़ता प्रदूषण पूरी दुनिया के लिए चिंता का सबब है. ऐसे में शहरों में यातायात के प्रदूषणरहित साधन उपलब्ध कराने के लिए इलेक्ट्रिक बाइक और स्कूटर के बाद अब इ-साइकिल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.
‘जीटेक’ ने एक ऐसी इलेक्ट्रिक साइकिल का विकास किया है, जिसे बैट्री चालित मोटर और मैनुअल, दोनों ही तरीकों से चलाया जा सकता है. इस इ-साइकिल के साथ-साथ भारत में उपलब्ध ऐसी अन्य साइकिलों और उनकी कार्यप्रणाली के बारे में बता रहा है नॉलेज..
दिल्ली : वैक्युम क्लीनर बनानेवाली कंपनी जीटेक ने एक नयी इलेक्ट्रिक साइकिलका विकास किया है, जिसे भविष्य की साइकिल के रूप में देखा जा रहा है. दरअसल, प्रदूषण से बचाव के लिए बड़े शहरों में बीते कई सालों से इलेक्ट्रिक बाइक और साइकिल का प्रचलन बढ़ रहा है और लोग आसपास स्थानीय स्तर पर आवागमन के लिए इसका इस्तेमाल ज्यादा करते हैं.
अब नयी इलेक्ट्रिक साइकिल की बड़ी खासियत है कि इसमें बहुत ही छोटी बैट्री लगायी गयी है. इसकी बैट्री पानी के बोतल के आकार की तरह छोटी है, जिसे आसानी से इस साइकिल में सेट कर दिया गया है. इस कारण इस साइकिल का डिजाइन आकर्षक है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इसके शानदार डिजाइन के कारण भविष्य में साइकिल इस्तेमालकर्ताओं के बीच यह बेहद लोकप्रिय होगी और स्थानीय यातायात सेवाओं में इसका क्रांतिकारी योगदान हो सकता है.
यह इलेक्ट्रिक साइकिल करीब 15 मील प्रति घंटे की स्पीड से भागने में सक्षम है. साथ ही इस साइकिल को एक बार पूरी तरह से चार्ज करने पर यह करीब 30 मील तक का सफर आपको आराम से करा सकती है. हालांकि, इसे विकसित करनेवाली कंपनी ने इसे इलेक्ट्रिक बाइक का नाम दिया गया है, लेकिन इसका डिजाइन बिलकुल साइकिल की तरह है.
जानेमाने आविष्कारक और उद्यमी निक ग्रे द्वारा स्थापित कंपनी ने ब्रिटेन के वॉरसेस्टरशायर में फॉर्म बिल्डिंग में इस इलेक्ट्रिक साइकिल का डिजाइन तैयार किया है. कंपनी को इसकी प्रेरणा उसके अपने प्रमुख उत्पाद वैक्युम क्लीनर की सफलता से मिली. वर्ष 2012 में कंपनी ने ‘एयर रैम कॉर्डलेस वैक्युम क्लीनर’ बनाया और उसे बाजार में लॉन्च किया था.
उसके बाद से अब तक पांच लाख से ज्यादा की संख्या में लोगों ने इस उत्पाद को खरीदा है. उल्लेखनीय है कि एयर रैम कॉर्डलेस वैक्युम क्लीनर में ऊर्जा के लिए लिथियम आयन बैट्री का इस्तेमाल किया गया है. स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक कार और अन्य नये उत्पादों में आजकल इसी लिथियम आयन बैट्री का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो हल्की होने के साथ कई खासियतों से युक्त है.
इस बैट्री को साइकिल से आसानी से निकाला जा सकता है, जिसे चार्ज करने में महज तीन घंटे का समय लगता है. बैट्री को करीब एक हजार बार रिचार्ज किया जा सकता है यानी इस साइकिल से बैट्री का इस्तेमाल करते हुए कम से कम 30,000 मील तक की यात्र की जा सकती है.
कोई गियर नहीं
बाजार में मौजूद अन्य इलेक्ट्रिक साइकिल की तरह इसमें कोई गियर नहीं है. इसमें पीछेवाले पहिये के बीचवाले हिस्से में एक छोटा सा मोटर लगाया गया है, जो इसमें लगी बैट्री से संचालित होती है यानी इसी मोटर से साइकिल चलती है.
साथ ही, इच्छानुसार साइकिल सवार पारंपरिक साइकिल में पैडल मारने की तरह भी इसे चला सकते हैं. कार्बन बेल्ट सरीखे चेन के जरिये पिछले पहिये को पैडल से जोड़ा गया है. हालांकि, चढ़ाई पर साइकिल को चढ़ाने की स्थिति में इसमें लगा मोटर बेहद मददगार होगा, लेकिन यदि चालक चाहे तो समतल सड़क पर वह खुद भी पैडल मारते हुए साइकिल चला सकता है और मोटर को बंद रख सकता है.
एलुमिनियम से बनी साइकिल
इस इलेक्ट्रिक साइकिल को एलुमिनियम एलॉय यानी मिश्र धातु से बनाया गया है. उल्लेखनीय है कि इस धातु का इस्तेमाल आधुनिक एयरक्राफ्ट के निर्माण में किया जाता है, जो अपेक्षाकृत ज्यादा हल्का होने के साथ बेहद मजबूत है. इसका वजन करीब 16 किलोग्राम है.
इस इलेक्ट्रिक साइकिल में गियर या चेन नहीं होने का मतलब है कि इसका मेंटेनेंस करना आसान है. इसके अलावा, इसके टायर का डिजाइन इस तरह से किया गया है, ताकि पंक्चर से बचाव हो और सड़क पर घिसे भी कम. जीटेक डॉट को डॉट यूके की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यह साइकिल लोगों को बहुत जल्द अपनी ओर आकर्षित कर लेता है. इस साइकिल की सवारी करनेवालों को महज साइकिल चलाने का एहसास नहीं होता, बल्कि उन्हें ओलिंपिक साइकिलिस्ट की भांति साइकिल चलाने का एहसास होता है.
थकान से बचाव
बड़े शहरों में यातायात के बढ़ते दबाव और प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण बहुत से लोग अपने कार्यस्थल तक जाने के लिए इस प्रकार के साइकिल का इस्तेमाल करना चाहते हैं, लेकिन थकान ज्यादा होने के कारण वे इससे बचना चाहते हैं. इस साइकिल के डिजाइन में इस बात का खास ख्याल रखा गया है.
निक ग्रे के मुताबिक, इस साइकिल का डिजाइन खासकर उन लोगों के हिसाब से किया गया है, जो साइकिल चलाते हुए अपने कार्यस्थल तक जाना तो चाहते हैं, लेकिन ज्यादा थके हुए नहीं दिखना चाहते. अब ऐसे लोग इस साइकिल का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि वे अपने कार्यस्थल पर एकदम तरोताजा दिख सकते हैं.
पर्यावरण प्रदूषण से बचाव
विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे देशों के लिए यह साइकिल बहुत उपयोगी साबित होगी. इसके अलावा, जिन देशों में कार पार्किग समस्या बनती जा रही है, वहां इसे बड़ी उम्मीद से देखा जा रहा है. निक ग्रे का कहना है कि इस साइकिल का डिजाइन डेवलप करने के लिए उनकी टीम पिछले लंबे अरसे से जुटी हुई थी, ताकि इसकी सवारी को बेहद आसान बनाया जा सके.
युवा हो या बुजुर्ग, एडवेंचर के लिए ड्राइव करना चाहते हों या कहीं जाने के लिए, यह साइकिल आपको मंजिल तक पहुंचाने के साथ ही अच्छा एक्सरसाइज भी करायेगी. इसे बनानेवाली कंपनी का कहना है कि इस साइकिल की इतनी खूबियां हैं कि लोगों को यह बेहद पसंद आयेंगी और यदि किसी को यह पसंद नहीं आयी, तो कुछ समय बाद वे इसे वापस भी कर सकते हैं.
23 किमी प्रति घंटा एवॉन की इ साइकिल
एवॉन की इस साइकिल को खुद पैडल मारते हुए और मोटर से, यानी दोनों ही तरीकों से चलाया जा सकता है. इसकी अधिकतम स्पीड 23 किमी प्रति घंटा है और एक बार चार्ज करने पर यह करीब 40 किमी तक जाने में सक्षम है. एलवी 36 वोल्ट की रिचार्जेबल बैट्री से इसके मोटर को ऊर्जा मिलती है. इस साइकिल का वजन बैट्री के साथ 46 किलोग्राम है, जबकि यह 70 किलोग्राम तक को लोड सहने में सक्षम है.
भारत में साइकिल समेत अनेक प्रकार के दुपहिये वाहन बनानेवाली प्रसिद्ध कंपनी हीरो इलेक्ट्रिक ने पिछले दिनों देशभर के बाजारों में इलेक्ट्रिक साइकिल को लॉन्च किया है. फिलहाल कंपनी ने इस इलेक्ट्रिक साइकिल का इजाद शहरों में कार्यरत उन प्रोफेशनल्स के इस्तेमाल के लिहाज से किया है, जो आसपास अपने कार्यस्थल तक जाने के लिए कर सकते हैं.
दरअसल, इस तरह के लोग जहां शारीरिक व्यायाम के तौर पर पैडल मारनेवाली पारंपरिक साइकिल का इस्तेमाल करना चाहते हैं, वहीं आराम और थकान न होते हुए अपने कार्यस्थल तक तरोताजा पहुंचना चाहते हैं. ऐसे में यह इलेक्ट्रिक साइकिल इन लोगों की दोनों ही जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है. यानी इसे पैडल से भी चलाया जा सकता है और मोटर से भी चलाया जा सकता है.
बैट्री चालित साइकिल एवियर की अधिकतम स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटा तक है. इसे को मिश्र धातु से बनाया गया है. इस साइकिल में भी लिथियम बैट्री का इस्तेमाल किया गया है, जिसे फुल चार्ज होने में करीब पांच से छह घंटों का समय लगता है. इस साइकिल में छह गियर हैं, जिनका इस्तेमाल सवार जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं.
कंपनी ने इसके दो मॉडल को बाजार में लॉन्च किया है. एवियर एएमएक्स और एवियर एएफएक्स. एएमएक्स मॉडल पुरुष साइकिल चालकों और एएफएक्स महिला साइकिल चालकों के लिए है.
लॉन्चिंग के वक्त एवियर एएमएक्स की कीमत 19,290 रुपये और एवियर एएफएक्स की कीमत 18,990 रखी गयी थी. एवियर एएमएक्स काले रंग में और एवियर एएफएक्स गहरे जामुनी लाल रंग में उपलब्ध है. इनमें मुख्य फर्क यह है कि महिलाओं के लिए बनायी गयी एवियर एएफएक्स के ढांचे का आकार पुरुषों के लिए बनाये गये एवियर एएमएक्स के मुकाबले थोड़ा छोटा है.
इससे महिलाओं को साइकिल की सवारी आसान हो सकेगी. साथ ही साइकिल में आगे एक बास्केट भी लगाया गया है. हालांकि, फिलहाल यह साइकिल देशभर में सीमित बाजारों में उपलब्ध है, लेकिन कंपनी के एक अधिकारी का कहना है कि इलेक्ट्रिक साइकिल के संबंध में सरकार के नियमों में कुछ हद तक लचीलापन आने के बाद बाजार में इसे ज्यादा से ज्यादा तादाद में मुहैया कराया जा सकेगा.
बीसीए मोटर्स ने भी भारत में इलेक्ट्रिक साइकिल का निर्माण किया है. हालांकि, शुरू में इसे बीएसए मोटर्स द्वारा आयात किया गया था, लेकिन अब भारत में भी इसे बनाया जा रहा है.
इसकी बैट्री को रिचार्ज करने पर यह अधिकतम 30 किमी प्रति घंटे की स्पीड से रोड पर दौड़ने में सक्षम है. फिलहाल इस साइकिल को चलाने के लिए किसी तरह के रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस की जरूरत नहीं है. इस इलेक्ट्रिक साइकिल की कीमत 13,580 रुपये बतायी गयी है. इसमें ‘बीएलडीसी 180 वॉट’ का मोटर और 24 वोल्ट की बैट्री है.
हरकुलस सीएमएक्स थंडरबोल्ट
यह साइकिल भी बीसीए मोटर्स का ही है. इसकी बैट्री को रिचार्ज करने पर यह अधिकतम 30 किमी प्रति घंटे की स्पीड से रोड पर दौड़ने में सक्षम है. इस इलेक्ट्रिक साइकिल की कीमत 17,356 रुपये बतायी गयी है.
फोर्ड की इलेक्ट्रिक बाइक
कार बनानेवाली कंपनी फोर्ड भी इस क्षेत्र में हाथ आजमा रही है और वह फोल्डिंग इलेक्ट्रिक बाइक का विकास कर रही है, ताकि किसी भी अवस्था में उसका इस्तेमाल किया जा सके. इसका जो प्रोटोटाइप कंपनी ने विकसित किया है, उसमें मोटर और पहियों का इस्तेमाल चालक अपनी सुविधानुसार कर सकेगा. उबड़-खाबड़ सतह और समतल सतह, दोनों ही स्थितियों के लिए इसे बनाया गया है.
इसके प्रोटोटाइप में 200 वॉट का मोटर लगाया गया है, जिसे जरूरत के मुताबिक आसानी से हटाया भी जा सकता है. समतल सतह पर चालक इसे पैडल मारते हुए भी चला सकते हैं, जिस दौरान इसमें मोटर की जरूरत नहीं होगी. यह साइकिल करीब 25 किलोमीटर प्रति घंटे तक की स्पीड पकड़ने में सक्षम है.

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