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प्रेजेंटेबल दिखना भी मायने रखता है

आप कितने ही ज्ञानी क्यों न हों, लेकिन जब बात नौकरी की चयन प्रक्रिया की होती है, तो सिर्फ जानकार होना ही काफी नहीं होता. इस मामले में जानकार होने के साथ आपका प्रेजेंटेबल दिखना भी मायने रखता है.. यदि आप इस धारणा पर यकीन करते हैं कि नौकरी पाने के लिए शक्ल-सूरत नहीं, बल्कि […]

आप कितने ही ज्ञानी क्यों न हों, लेकिन जब बात नौकरी की चयन प्रक्रिया की होती है, तो सिर्फ जानकार होना ही काफी नहीं होता. इस मामले में जानकार होने के साथ आपका प्रेजेंटेबल दिखना भी मायने रखता है..

यदि आप इस धारणा पर यकीन करते हैं कि नौकरी पाने के लिए शक्ल-सूरत नहीं, बल्कि ज्ञान होना चाहिए, तो अब वक्त आ गया है कि अपनी इस धारणा में थोड़ा परिवर्तन कर लिया जाये. यह सच है कि ज्ञान आपको सफलता की ऊंचाई पर ले जाता है, लेकिन आप इस बात से भी इनकार नहीं कर सकते कि कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया के दौरान नियोक्ता उनके ज्ञान के साथ लुक्स पर भी गौर करते हैं.

हाल में इटली में हुए एक अध्ययन से यह बात सामने आयी है कि नौकरी के ढेर सारे आवेदन पत्रों में से नियोक्ता उन आवेदन पत्रों को ज्यादा महत्व देते हैं, जिसमें लगी आवेदक की फोटो उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है. इस सर्वेक्षण में शोधकर्ताओं ने अगस्त, 2011 से सितंबर 2012 के दौरान इटली की कंपनियों में 1542 नौकरियों के लिए कुल 11009 सीवी भेजी. इन नौकरियों के लिए कंपनियों की तरफ से इश्तेहार निकाले गये थे. इनमें से 8 ऐसी सीवी भी कंपनियों को भेजी गयीं, जिनमें सिर्फ नाम, पता और बदली हुई फोटो थी. मजेदार बात यह रही कि जो महिलाएं और पुरुष आकर्षक और खूबसूरत थे, उन्हें कंपनियों की तरफ से ज्यादा कॉल आये. रिसर्च के मुताबिक जिन 55 फीसदी सीवी को सेलेक्ट किया गया, वह उन महिलाओं की थी, जो दिखने में खूबसरत थीं, जबकि 47 फीसदी हैंडसम मर्दो को तरजीह दी गयी. कंपनियों ने केवल सात फीसदी उन महिलाओं को कॉल किया, जो दिखने में खास नहीं थीं, जबकि 26 फीसदी अनाकर्षक पुरुषों को नौकरी मिली.

चयन के लिए प्रेजेंटेबल होना, लेकिन स्थिरता के लिए ज्ञान जरूरी
रंग-रूप के आधार पर कर्मचारी का चयन करने की बात की हकीकत जानने के लिए हमने दिल्ली की प्राइवेट फर्म में एचआर का काम करने वाली निकिता बंसल से बात की. उन्होंने बताया कि कोई भी कंपनी ऐसे कर्मचारियों को रखना पसंद करती है, जो काबिल होने के साथ-साथ प्रेजेंटेबल भी हों. इसके पीछे कंपनी का एक नजरिया यह भी होता है कि जो लोग खुद को व्यवस्थित नहीं रख सकते, वे भला काम को बेहतरी से कैसे व्यवस्थित करेंगे. जाहिर है आप अच्छे दिखेंगे, तो क्लाइंट का ध्यान आपकी ओर रहेगा और वह आपकी बात को ध्यान से सुनेगा. हां, मगर इसका यह मतलब भी नहीं कि लुक्स के आगे क्वालिफिकेशन मैटर नहीं करती. प्रेजेंटेबल होने पर आपका चयन जरूर हो जायेगा, लेकिन नौकरी में स्थिरिता आपको आपका ज्ञान ही दिलाता है.

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