मोतिहारी: प्रणव मैथमेटिक्स कोचिंग की संचालिका पूजा श्रीवास्तव ने महिलाओं के कैरियर में एक नया आयाम जोड़ा है. उनकी प्रेरणा से कई छात्राओं ने पढ़ाई पूरी करने के बाद शिक्षण कार्य को कैरियर के रूप में अपनाने का फैसला किया है.
शैक्षणिक संस्थाओं की सफलता ने पूर्वी चंपारण को शिक्षा का हब बना दिया है, लेकिन सभी संस्थाएं नामी-गिरामी शिक्षकों द्वारा चलायी जाती हैं. ऐसे में एक मात्र महिला शिक्षक सफलतापूर्वक कोचिंग चला रही हैं. वर्ष 2000 में दो छात्राओं से शुरू की गयी कोचिंग में आज सैकड़ों स्टूडेंट्स हैं.गणित में नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने के बाद पूजा श्रीवास्तव का विवाह मोतिहारी के बलुआ टाल निवासी बसंत कुमार के साथ हुआ.
नेपाल के गौर में जन्मी पूजा के पिता, दादा, शिक्षण कार्य से जुड़े थे. स्वभावत: शिक्षा के क्षेत्र में पिता-दादा के शिक्षण कार्य में पूजा की रुचि थी. पूजा अभी पीएचडी भी कर रही हैं. शादी के बाद वे इमानुअल स्कूल से शिक्षक के रूप में जुड़ीं. उन्हें संतुष्टि नहीं हुई. वे शहर के कोचिंग संस्थानों की बढ़ती संख्या से प्रभावित थीं. खुद का कोचिंग खोलने का निश्चय किया.