इंटरनेट की खोज एवं इसके व्यापक प्रसार ने मानव जीवन की दशा एवं दिशा बदल दी है. बहुत सारी चीजों के साथ-साथ शासन व्यवस्था भी अब इलेक्ट्रॉनिक हो चली है. सरकार की कई तरह की सेवाएं इंटरनेट पर उपलब्ध है. भारत में भी केंद्र एवं राज्य सरकार ने ढेर इ-गनर्वेस परियोजनाओं को अपनाया है. ऐसे में इन इ-परियोजनाओं तक जनता की पहुंच सुनिश्चित करना सरकार का ही प्रमुख दायित्व है. सरकार के इ-गवर्नेस परियोजनाओं का सीधा लाभ जनता को मिले, इसके लिए एक व्यवस्था जरूरी है. वास्तव में इसी व्यवस्था का नाम है प्रज्ञा केंद्र. प्रज्ञा केंद्र की संकल्पना एवं संरचना पर प्रस्तुत है उमेश यादव की यह रिपोर्ट :
शासन व्यवस्था पूर्ण रूप में जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा तभी मानी जा सकती है, जब जनता को शासन से सस्ता, सुलभ, त्वरित एवं पारदर्शी सेवाएं मिले. शासन व्यवस्था यानी सरकार से जनता मूल रूप में सूचना, दस्तावेज, सेवा एवं शिकायत निवारण चाहती है. इसके लिए वह विभिन्न सरकारी कार्यालयों में जाती है. लेकिन, वहां पर उन्हें पारदर्शिता का अभाव, लालफीताशाही, लेट सर्विस डिलिवरी, शारीरिक एवं मानिसक श्रम की क्षति एवं शोषण का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इन समस्याओं के निदान और जनता की शासन व्यवस्था पर विश्वास बरकरार रखने के लिए इ-गवर्नेस की आवश्यकता महसूस की गयी. सरकार ने इ-गवर्नेस परियोजनाओं को अपनाया. वर्ष 2006 में इ-गवर्नेस प्लान बनाया. इसके तहत 30 से ज्यादा परियोजनाएं ली गयी. इसी में एक शामिल है : कॉमन सर्विस सेंटर यानी सर्व सेवा केंद्र. इसकी स्थापना हर ग्राम पंचायत स्तर पर की गयी है.
झारखंड में इसका नामकरण प्रज्ञा केंद्र किया गया है. बिहार राज्य में इसका नाम वसुधा केंद्र है. इसी तरह विभिन्न राज्यों में यह कॉमन सर्विस सेंटर अलग-अलग नाम से जाना जाता है. कॉमन सर्विस सेंटर का उद्देश्य आम आदमी के लिए सभी जन सेवाओं को कम खर्च पर उनके निकट उपलब्ध कराना और उनकी मूल जरूरतों को पूरा करने के लिए जन सेवाओं में कार्य कुशलता, पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है.
पीपीपी मॉडल पर काम करता सीएससी
इसके जरिये ही विभिन्न सरकारी सेवाएं ऑनलाइन प्रदान की जाती है. नेशनल स्तर पर एक स्पेशल पर्पस व्हीकल है, जो सूचना एवं प्रोद्यौगिकी मंत्रलय के दिशा-निर्देश पर नेशनल स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर की मॉनिटरिंग करता है. अभी ‘सीएससी इ-गनर्वेस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड’ स्पेशल पर्पस व्हीकल है. इसके बाद राज्य स्तर पर एसडीए यानी स्टेट डेजीगनेशन अथॉरिटी और प्रमंडल स्तर पर एससीए प्रज्ञा केंद्र को संचालित करने के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया कराता है. झारखंड में अभी जैप-आइटी एसडीए है.
प्रज्ञा केंद्र पर दो प्रकार की सेवाएं उपलब्ध है. एक है जीटूसी. यानी गवर्नमेंट टू कस्टर. इसके तहत सरकारी सेवाएं ऑनलाइन प्रदान की जाती हैं. इसमें इ-नागरिक, इ-डिस्ट्रक्ट, स्टांप डय़ूटी संग्रह, सामान्य शिकायत, पुलिस शिकायत, वैट का रिटर्न फाइलिंग, नियोजनालय में पंजीयन, जेल में इ-मुलाकात, पासपोर्ट, पेन कार्ड, आधार पंजीकरण एवं सुधार आदि सेवाएं शामिल हैं. इ-नागरिक सेवा के तहत प्रखंड स्तर से मिलने वाला प्रमाण-पत्र, जैसे जाति, आय, आवासीय, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र ऑनलाइन निर्गत किया जाता है, जबकि इ-डिस्ट्रिक सेवा में जिलास्तरीय सेवाएं प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से उपलब्ध करायी जाती हैं.
प्रज्ञा केंद्र पर उपलब्ध दूसरी सेवा है बीटूसी यानी बिजनेस टू कस्टमर. इसके तहत बिजनेस सेवाएं दी जाती हैं. इसका उद्देश्य प्रज्ञा केंद्र के संचालक जो ग्रामस्तरीय उद्यमी होते हैं, की आमदनी बढ़ाना है. इसके पीछे सोच यह है कि संचालक की आमदनी बढ़ेगी तो प्रज्ञा केंद्र का संचालन नियमति रूप से होगा. प्रज्ञा केंद्र से मिलने वाली उपरोक्त दोनों प्रकार की ऑनलाइन सेवाएं भारत सरकार, राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन की अधिकृत वेबसाइटों पर उपलब्ध होती है.
अपना सीएससी पर उपलब्ध सेवाएं
डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एपीएनए डॉट सीएससी डॉट जीओवी डॉट इन वेबसाइट भारत सरकार की है. यह वेबसाइट खासकर कॉमन सर्विस सेंटर यानी प्रज्ञा केंद्र के लिए बनायी गयी है. इस वेबसाइट के जरिये प्रज्ञा केंद्र के संचालक निम्नलिखित बिजनेस सेवा अपने ग्राहक प्रदान करते हैं. इसके लिए वेबसाइट पर अपना वैलेट रिचार्ज कराना होता है.
डाटा कार्ड रिचार्ज
मोबाइल रिचार्ज
सीएससी बाजार
मोबाइल बिल भुगतान
पेनकार्ड
आइआरसीटीसी
इंटरटेनमेंट
इ-साक्षरता
पासपोर्ट सेवा
यूआइडी-आधार कार्ड
एलआइसी प्रीमियम
वोटर कार्ड से संबंधित कार्य
पैसा हस्तांतरण
राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
सर्विस सेंटर एजेंसी की भूमिका
सर्विस सेंटर एजेंसी इसे शॉट में एससीए कहा जाता है. मूल रूप में यह एक आइटी कंपनी होती है. प्रज्ञा केंद्र को स्थापित कर उसे संचालित करने के लिए इसका चयन एसडीए यानी स्टेट डेजीगनेशन अथॉरिटी टेंडर के जरिये करती है. झारखंड में जैप-आइटी स्टेट डेजीगनेशन अथॉरिटी है. झारखंड में पांच प्रमंडल के लिए अभी तीन एससीए कार्यरत हैं. इसमें एक यूटीएल एवं दूसरा एआइडी है. यूटीएल के पास तीन प्रमंडल रांची, कोल्हान एवं हजारीबाग और एआइडी के पास एक प्रमंडल पलामू है. तीसरा एससीए स्वयं जैप-आइटी है. इनके जिम्मे संताल परगना प्रमंडल हैक कॉमन सर्विस सेंटर के लिए एससीए की निम्नलिखित भूमिका तय की गयी है.
राज्य सरकार एवं एसडीए के बीच समन्वय
सरकारी सेवाएं प्रदान करना
प्रज्ञा केंद्रों की मॉनिटरिंग
प्रज्ञा केंद्र पर सरकारी सेवाओं का प्रबंधन
इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना
ऑनलाइन मॉनिटरिंग टूल्स की मॉनिटरिंग एवं रिपोर्ट तैयार करना
एक वीएलके लिए आवश्यक योग्यता
कॉमन सर्विस सेंटर यानी प्रज्ञा केंद्र के संचालक को वीएलक्ष् कहा जाता है. इसका पूरा नाम हुआ वीलेज लेबल एंटरप्रेन्योर. यानी ग्राम स्तरीय उद्यमी. एक वीएलक्ष्क के लिए जरूरी है कि उसमें निम्नलिखित गुण हो :
उद्यमशीलता का कौशल एवं सोच
लोगों से जुड़ने का कौशल
कॉमन सर्विस सेंटर को ऑपरेट करने की क्षमता
वीएलक्ष् के रूप में भूमिका निर्वहन की क्षमता
उपलब्ध सेवाओं की जानकारी
प्रज्ञा केंद्र पर उपलब्ध सेवाओं के लिए नागरिक को मोटिवेट करने का गुण