स्मार्ट फोन, एंड्रायड और आइफोन का बाजार बढ़ने से मोबाइल कंटेंट का बाजार भी खासा विकसित हुआ है. प्रतियोगिता के दौर में हर कंपनी खुद को बेहतर साबित के लिए अलग और नये किस्म के कंटेंट विकसित कर रही हैं. यही कारण हैं कि यह क्षेत्र कैरियर के लिहाज से भी युवाओं को बहुत अकर्षित कर रहा है. क्या और कैसी है यह इंडस्ट्री, आइए डालें एक नजर.
मोबाइल फोन तो जैसे लोगों की जिंदगी बन गये हैं! अपने मोबाइल फोन में खोये युवाओं को देख कर बहुत से लोगों के मन में यह विचार आता है कि आखिर इसमें ऐसा क्या है कि इन युवाओं को सिर उठाने तक की फुरसत नहीं मिलती और हर समय अपने मोबाइल फोन में ही लगे रहते हैं? ऐसे लोगों को मोबाइल के साथ जोड़ने का काम करता है मोबाइल कंटेंट.
एक रिपोर्ट के आधार पर इस वर्ष मोबाइल अप्लीकेशन डाउनलोड करने से वैश्विक राजस्व में 44 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. यह आंकड़ा बढ़ कर 102 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. इससे साफ है कि मोबाइल कंटेंट की दुनिया कितना विस्तार कर रही है.
क्या होता है मोबाइल कंटेंट
जब भी हम मोबाइल कंटेंट की बात करते हैं, तो मोबाइल में मौजूद गेम, वॉलपेपर, रिंगटोन, वीडियो, मोबिशोज, न्यूज, मैप्स, लाइव टीवी, रेडियो, म्यूजिक, एसएमएस, एमएमएस व अन्य अप्लीकेशंस और एप्स आते हैं. अब मोबाइल कंटेंट का दायरा इतना बढ़ाया जा रहा है कि लैपटॉप और कंप्यूटर की जरूरत ही नहीं. विशेषज्ञ मोबाइल कंटेंट को तीन हिस्सों में बांटते हैं. मोबाइल इंटरटेनमेंट, मोबाइल एप्स और मोबाइल गेम्स.
कोर्स की उपलब्धता
देश में मोबाइल कंटेंट के कोई खास कोर्स नहीं हैं. कुछ प्राइवेट संस्थान इसके कोर्स कराते हैं, पर ये रेग्युलर कोर्स नहीं होते. कुछ शॉर्ट टर्म कोर्स करानेवाले प्राइवेट संस्थान हैं- ऐजऑन, एसडब्ल्यू ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, टेलीमैन इंस्टीट्यूट ऑफ मोबाइल टेक्नोलॉजी.
इस क्षेत्र में बेहतर करने के लिए कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग या कंप्यूटर अप्लीकेशंस में मास्टर्स होना अच्छा होता है. कैरियर और आगे बढ़ाने के लिए ग्राफिक्स डेवलपमेंट, डिजाइनिंग, विजुअल आर्ट में शॉर्ट टर्म कोर्स कर सकते हैं.
कैसा है यह क्षेत्र
यह क्षेत्र काफी चुनौतीपूर्ण है. हार्डवेयर के एक छोटे से टुकड़े में बेहतर मेमोरी देना, फिर उसे हैंडसेट में इनबिल्ट करना अपने आप में मुश्किल भरा काम होता है. इस क्षेत्र में प्रोग्रामर और आर्टिस्टिक स्किल के धनी प्रोफेशनलों को मौका मिलता है. इस इंडस्ट्री में आप कंटेंट राइटर, कॉपी राइटर, स्क्रिप्ट राइटर, डिजाइनर, ऑडियो और वीडियो प्रोडक्शन प्रोफेशनल, वॉइस रेनडिशन टेक्निशियन या प्रोग्रामर के रूप में काम कर सकते हैं. आनेवाले दिनों में वीडियो और थ्री डी कंटेंट भी देखे जा सकते हैं. इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए युवाओं में रेडियो जॉकिंग, एंकरिंग और वीडियोग्राफी की स्किल्स होनी चाहिए.
रचनात्मकता से मिलेगी पहचान
मोबाइल कंटेंट का क्षेत्र उन लोगों का स्वागत करता है, जिन्हें कुछ नया बनाना और प्रयोग करना पसंद हो. इस क्षेत्र में खुद को सबसे बेहतर साबित करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. अपने प्रॉडक्ट की क्वालिटी बनाये रखना और उसे प्रतिस्पर्धा की दौड़ में आगे रखना भी उतना ही जरूरी होता है. इस इंडस्ट्री में किसी भी तरह की नौकरी के लिए खास एप्टीट्यूड और विचार करने की क्षमता का होना जरूरी है. खुद को प्रतियोगिता में बनाये रखने के लिए आपको उभरती हुई तकनीकों को तुरंत सीखना भी बहुत आवश्यक होता है. साथ ही मीडियम, यूजर्स और जनरल नॉलेज को समझना जरूरी होता है.
कहां मिलते हैं मौके
मोबाइल कंटेंट में संबंधित कैरियर बनाने के लिए युवाओं को मोबाइल कंपनियों में सबसे ज्यादा नौकरी के मौके मिलते हैं. इसके अलावा सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट संस्थाएं, शैक्षणिक संस्थान, कंटेंट प्रोवाइडर्स, वेब प्लेटफॉर्म आदि में भी नौकरी प्राप्त करने की संभावनाएं काफी ज्यादा होती हैं.
भारतीय बाजार में मोबाइल कंटेंट की बाढ़
भारत में माबाइल फोन उपभोक्ताओं की संख्या पिछले जून माह में ही 87 करोड़ से ऊपर पहुंच चुकी थी. स्मार्टफोन के बढ़ने के कारण कंटेंट स्पेस में काम करने के मौके भी बढ़े हैं. यह क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से भी आकर्षक है, क्योंकि लोग अच्छे कंटेंट के लिए अब खर्च करने के लिए तैयार हैं.
वेब मीडिया जानकार पीयूष पांडे के अनुसार अभी भारत में मोबाइल कंटेंट ज्यादा डेवलप नहीं हो रहा है. जो कंटेंट वेबसाइट के लिए बनाया जा रहा है, उसे ही मोबाइल के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है. पर आनेवाले समय में यह बढ़ेगा. हालांकि मोबाइल कंटेंट की श्रेणी में मोबाइल अप्लीकेशन पर काफी काम हो रहा है, पर ये अधिकतर मुफ्त दी जाती हैं, इसलिए इसे बेच कर कमाई नहीं की जा सकती. इसमें विज्ञापन के माध्यम से जरूर कमाया जा सकता है. देश में एंड्रायड के कंटेंट के लिए काम हो रहा है, पर अभी भी आइफोन्स के कंटेंट पर खास काम नहीं शुरू हुआ है.