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बीकानेर : दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर राजस्थान अभिलेखागार की वेबसाइट पर एक क्लिक करके न सिर्फ 35 लाख रियासतकालीन ऐतिहासिक दस्तावेज देखे जा सकते है बल्कि 246 आजादी के परवानों के संस्मरण भी सुने जा सकते हैं. राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक डा. महेंद्र खडगावत का दावा है कि इतनी संख्या में […]

बीकानेर : दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर राजस्थान अभिलेखागार की वेबसाइट पर एक क्लिक करके न सिर्फ 35 लाख रियासतकालीन ऐतिहासिक दस्तावेज देखे जा सकते है बल्कि 246 आजादी के परवानों के संस्मरण भी सुने जा सकते हैं.

राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक डा. महेंद्र खडगावत का दावा है कि इतनी संख्या में रियासतकालीन ऐतिहासिक एवं प्रशासनिक दस्तावेजों को आनलाइन करने वाला राजस्थान देश का पहला ई-अभिलेखागार बन गया है. सूचना एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से इन दस्तावेजों को आनलाइन किया गया है.

उन्होंने दावा किया कि स्वतंत्रता सेनानियों के संस्मरणों को ध्वनिबद्ध करने का कार्य सिर्फ राजस्थान राज्य अभिलेखागार ही कर रहा है. आनलाइन किये गये अभिलेखों में बीकानेर रियासत के तीस लाख, अलवर के दो लाख व जोधपुर रियासत के सात लाख पांच हजार दस्तावेज है. आनलाइन देखे जाने वाले दस्तावेजों में बीकानेर, हनुमानगढ, चूरु व श्रीगंगानगर जिलों के करीब सवा तीन लाख जमीनों व मकानों के पट्टे भी शामिल है.

खडगावत के अनुसार, आनलाइन किए गए अभिलेखों में बीकानेर महकमा खास(सचिवालय की पत्रवलियां), ऐतिहासिक बहियां, रामपुरिया रिकार्ड, परवाना बहियां, कौंसिल के हुकूम की बहियां शामिल है. जयपुर रियासत के लगभग ग्यारह लाख ऐतिहासिक अभिलेख शामिल हैं, जिनमें मुख्यत: स्याह हुजूर वकील रिपोर्ट्स, अखबारात, अजर्दाश्त, तोजी, रुक्के, परवाने, आमेर अभिलेख, दस्तूर कौमवार, मुगलकालीन ऐतिहासिक फरमान, निशान व मन्सूर, विल्स रिपोर्ट, मुगल राजपूत व राजपूत मराठा से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेज शामिल है.

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