।। दक्षा वैदकर ।।
ऐसे कई लोग हैं, जो भावी संभावनाओं को देख नहीं पाते और जिसके चलते अपना व अपने बिजनेस का खासा नुकसान कर बैठते हैं. वे बस उन्हीं चीजों पर काम करते हैं, फोकस करते हैं, जिनका रिजल्ट उन्हें तुरंत मिले. एक सफल बिजनेसमैन ने एक दूधवाले के नजरिये से जुड़ा एक किस्सा बताया. आप भी सुनें.
उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले एक युवा दूधवाला मेरे घर पर दूध के बिजनेस के सिलसिले में आया. मैंने उसे समझाया कि हमारा दूधवाला अच्छा व ताजा दूध देता है और हम उसकी सेवाओं से संतुष्ट हैं. फिर मैंने उसे सुझाव दिया कि वह पड़ोस की महिला से पूछ ले. इसके जवाब में उसने कहा, ‘मैंने पड़ोस की महिला से पहेल ही बात कर ली है, लेकिन वे लोग आधा लीटर दूध ही लेते हैं और इतनी कम रकम के लिए मैं उनके यहां दूध पहुंचाने आऊं, यह मेरे लिए फायदे का सौदा नहीं है.’
मैंने उससे कहा, ‘शायद आपकी बात सही हो, लेकिन जब आप मेरी पड़ोसन से बात कर रहे थे, तो आपने यह नहीं देखा कि उस घर में दूध की मांग एक-दो महीने में बढ़ने वाली है. उनके यहां बच्चा पैदा होनेवाला हैं, जो निश्चित रूप से काफी दूध पीयेगा.’ उस दूधवाले को अपने दिमाग के अंधे होने पर शर्म आयी. उसने तुरंत महिला से बात की और दूध पहुंचाने का काम शुरू कर दिया. कभी जो परिवार आधा लीटर दूध ही लेता था, उसने दो लीटर लेना शुरू कर दिया. फिर उस घर में दो और बच्चों ने जन्म लिया और उनके यहां करीब चार लीटर दूध लगने लगा.
यह उदाहरण बताता है कि हम दिमाग से कितने अंधे हो सकते हैं. इसलिए बेहतर यह है कि हम यह देखें कि क्या हो सकता है, सिर्फ यह न देखें कि क्या है.
जो शिक्षक किसी बच्चे के सिर्फ वर्तमान व्यवहार के बारे में सोचेगा, वह यही सोचेगा कि बच्चा कितना बदतमीज, पिछड़ा और गंवार है, इसे पढ़ाना बेकार है. इस तरह अगर वह सोचेगा, तो बच्चे का विकास कभी नहीं हो पायेगा. इसके विपरीत अगर वह शिक्षक बच्चे के भीतर छिपी भविष्य की संभावनाओं को देख सकेगा, तो उसका विकास जरूर होगा.
– बात पते की
* अगर आपको सफल होना है, अपना बिजनेस बढ़ाना है, तो आपको दूरदृष्टि रखनी होगी. भविष्य की संभावनाओं पर नजर रखनी होगी.
* हर चीज के बारे में सोचें कि यह भविष्य में कैसी होगी, इसका क्या असर पड़ेगा, इससे मैं अपने बिजनेस कैसे बढ़ा सकता हूं.