पिछले दिनों खबर आयी कि चीन की इंटरनेट आधारित कंपनी टेनसेंट ने कमाई के मामले में दुनिया की टॉप सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक की बराबरी कर ली है. दरअसल तकनीक की दुनिया ने आज व्यापार के पारंपरिक तौर-तरीकों को पीछे छोड़ दिया है और अब पूंजी तथा कच्च माल के बिना भी अरबों-खरबों का कारोबार हो रहा है. टेनसेंट के सफर और इंटरनेट बिजनेस की दुनिया पर नजर डाल रहा है आज का नॉलेज.
।।अमित द्विवेदी।।
तकनीक की आंधी में व्यापार की दुनिया भी आज इस तरह से बदल गयी है, जिसका अंदाजा शायद कुछ दशक पहले तक किसी ने नहीं लगाया होगा. पहले किसी भी तरह के नये कारोबार को शुरू करने के लिए जमीन से लेकर उसे बुनियादी ढांचे के निर्माण में बड़ी रकम खर्च करने के अलावा कई सरकारी एजेंसियों से एनओसी (नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) हासिल करना पड़ता था. ऐसे उद्यम या व्यवसाय की स्थापना के साथ ही उसकी संचालन लागत भी बहुत ज्यादा होती है. कारोबारी एक-एक पैसा जोड़ कर अपना कारोबार जमाते हैं, तब जाकर कई वर्षो के बाद उसे एक बड़े बिजनेस के रूप में सेट कर पाते हैं. लेकिन अब नये जमाने में यदि आपके पास बहुत पूंजी नहीं है, लेकिन आप आइडिया के धनी हैं, तो फिर महज कुछ वर्षो में ही अपना कारोबार बहुत ही बड़ा बना सकते हैं. खासकर सेवा क्षेत्र में तो कई कंपनियों ने अच्छा खासा नाम कमाया है. कंप्यूटर और इंटरनेट के कारोबार से जुड़ी कंपनियों ने तो दिन-दोगुना रात-चौगुना वाली वृद्धि दर को हासिल करते हुए दुनिया को चौंका दिया है.
इंटरनेट का कारोबार
उदाहरण के तौर पर बात करें, तो अमेरिका के एक कॉलेज में पढ़नेवाले एक 19 वर्षीय छात्र (मार्क जूकरबर्ग) ने अपने चार दोस्तों के साथ मिल कर एक वेबसाइट डिजाइन की. उन्होंने इस कांसेप्ट को एक साकार रूप देते हुए 4 फरवरी, 2004 को फेसबुक डॉट काम नाम से एक सोशल नेटवर्किग वेबसाइट लांच की. आज दुनिया की यह सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किग वेबसाइट बन गयी है. तकरीबन 1.15 अरब उपभोक्ताओं वाली इस सोशल नेटवर्किग वेबसाइट को चीन की वेबसाइट टीसेंट ने कड़ी चुनौती दी है और 100 अरब डॉलर के कारोबार को पार कर लिया है.
इसी कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी ही वेबसाइटों से रूबरू करवा रहे हैं, जिन्होंने इंटरनेट के कारोबार के मामले में दुनिया की कई बड़ी कंपनियों को मात दी है.
टेनसेंट डॉट कॉम
टेनसेंट को चीन में इंटरनेट की उपयोगिता को ज्यादा कारगर बनानेवाली कंपनी माना जाता है. हाल ही में यह कंपनी तब चरचा का विषय बनी, जब कमाई के मामले में इसने दुनिया की टॉप सोशल नेटवर्किग वेबसाइट फेसबुक की बराबरी कर ली.
टेनसेंट होल्डिंग लिमिटेड नाम की यह कंपनी चीन की इनवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी है. यह कंपनी सोशल नेटवर्क, वेबपोर्टल, ई-कॉमर्स और मल्टीप्लेयर ऑनलाइन गेम में बड़े पैमाने पर अपना कारोबार कर रही है. इसकी स्थापना 1998 में की गयी थी और इसका हेडक्वार्टर चीन में गुआंगडोंग के शेंङोन में है. कंपनी के संस्थापक हैं मा हुआटेंग.
मार्च, 2013 में टाइम मैगजीन में छपी खबर में, मा को चीन का चौथा व दुनिया का 223वां सबसे धनी व्यक्ति बताया गया. इनकी व्यक्तिगत पूंजी 5.1 अरब अमेरिकी डॉलर बतायी गयी. मा बचपन से ही काफी चंचल थे, लेकिन रचनात्मकता उनके हर काम में दिखती थी. टेनसेंट को शुरू करने का ख्याल एक दिन उन्हें अपने दोस्तों से बातचीत के दौरान आया और उन्होंने इसे साकार करने की ठानी.
टेनसेंट के उत्पाद
टेनसेंट के प्रमुख उत्पादों में टेनसेंट क्यू क्यू है जो कि इंस्टेंट मैसेजिंग सॉफ्टवेयर के रूप में काफी लोकप्रिय है. इसका एप्लीकेशन एंड्रोएड, आइओएस, लाइनक्स, मैक, ओएसएक्स, विंडोज, विंडोज फोन, विंडोज मोबाइल सीइ, सिंबियन, जावा एमइ, वेब एप्प जैसे प्लेटफॉर्म को सपोर्ट करता है. यह चाइनीज, अंगरेजी, फ्रेंच और जापानी जैसी भाषाओं में उपलब्ध है. इसके अलावा क्यूक्यू डॉट कॉम चीन का सबसे बड़ा पोर्टल है.
साथ ही, टेनसेंट होल्डिंग द्वारा विकसित किये गये वी चैट ने स्मार्टफोन की दुनिया में तहलका मचा रखा है. वी चैट व्हाट्स एप्प जैसा ही एप्लीकेशन है, जिस पर मोबाइल के जरिये कोई भी अपने दोस्तों से मुफ्त में बात कर सकता है. इसे पहली बार चीन में जनवरी, 2011 में लांच किया गया. यह एप्लीकेशन एंड्रॉयड, आइफोन, ब्लैकबेरी, विंडोजफोन और सिंबियन के प्लेटफॉर्म पर काम करता है. यह मोबाइल एप्लीकेशन चाइनीज, अंगरेजी, इंडोनेशियन, स्पेनिश, पुर्तगीज, तुर्की, मलय, जापानी, कोरियाइ, पॉलिश, इटैलियन, थाई, वियतनामी, हिंदी और रूसी भाषाओं में भी अपनी सेवाएं देता है.
शेयर बाजार में कदम
टेनसेंट होल्डिंग लिमिटेड 16 जून, 2004 को हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर हुई. 2010 में एक ऐसा मौका आया जब यह कंपनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी बन गयी थी. इससे बड़ी सिर्फ गूगल और अमेजन जैसी कंपनियां ही थीं. इस कंपनी का कुल कारोबार उस समय 38 बिलियन यूएस डॉलर था, जो अब 101 बिलियन डॉलर हो चुका है. कंपनी का कारोबार पब्लिक इशू निकालने के महज नौ वर्षो में ही इस मुकाम तक पहुंच गया. कंपनी में कुल 24,160 कर्मचारी हैं. 8 सितंबर, 2013 को इसकी एलेक्सा रैंकिंग नंबर एक तक पहुंच गयी थी. इसमें उपभोक्ताओं को ऑनलाइन सोशल गेम्स, म्यूजिक, शॉपिंग, माइक्रोब्लॉगिंग, ग्रुप व वाइस चैट की सुविधा है. 20 मार्च, 2013 तक इसके पास 798.2 मिलियन एक्टिव क्यू क्यू एकाउंट थे.
जानें दुनिया की कुछ शीर्ष इंटरनेट कंपनियों के बारे में
गूगल
नेसडैक में रजिस्टर गूगल की शुरुआत सितंबर, 1998 में हुई थी. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब लोग खोज शब्द के पर्याय के रूप में गूगल का प्रयोग करने लगे हैं. गूगल की स्थापना स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी करनेवाले दो छात्रों- लैरी पेज और सर्जरी बिन ने की थी. गूगल के पास पूरी दुनिया में इस समय 44,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं और इसकी कुल आय 50.18 अरब डॉलर है. गूगल ने सर्च इंजन के अलावा अपना विस्तार करते हुए ब्लॉगिंग, सोशल नेटवर्किग, इमेल जैसी सुविधाओं को सफलतापूर्वक लांच करते हुए इस कारोबार में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली. जीमेल, गूगल प्लस, यूट्यूब, मोटरोला मोबिलिटी, एडमॉब, डबलक्लिक, ऑन2 टेक्नोलॉजीज, पिकनिक, जगत और वेज जैसे ढेरों उत्पाद इसके पास हैं.
फेसबुक
फरवरी, 2004 में शुरू हुई यह सुविधा फिलहाल तकरीबन 70 भाषाओं में उपलब्ध है. इस बेबसाइट के संचालन में 5,000 से ज्यादा कर्मचारी जुटे हुए हैं. इसका मुख्यालय अमेरिका में कैलीफोर्निया के मेनलो पार्क में है. मार्क एलियट जूकरबर्ग (फेसबुक के चेयरमैन और सीइओ) ने 19 वर्ष की उम्र में अपने चार दोस्तों के साथ मिल कर की. मार्च, 2013 तक 1.15 बिलियन उपभोक्ताओं के साथ फेसबुक सबसे अधिक प्रयोग की जानेवाली सोशल नेटवर्किग वेबसाइट बन गयी. नेसडैक में रजिस्टर्ड यह कंपनी 2012 तक 53 मिलियन डॉलर की कमाई कर चुकी थी. इसका सालाना राजस्व 5.1 अरब डॉलर है.
याहू
इसकी शुरुआत भी अमेरिका से ही हुई. कैलीफोर्निया के सनीवाले में जैरी यांग और डेविड फिलो ने इसकी नींव रखी थी. एक समय ऐसा भी आया था, जब याहू गूगल से काफी आगे निकल चुका था और याहू का सर्च इंजन ज्यादा मशहूर हो गया था. पूरी दुनिया में इसके 11,500 कर्मचारी हैं. इसकी सालाना आमदनी लगभग 4.98 अरब डॉलर है.
अमेजन
अमेजन ऑनलाइन रिटेलिंग के मामले में प्रख्यात कंपनी है. इसकी नींव जेफ बेजोस ने 1994 में रखी थी. सालाना 61.09 अरब यूएस डॉलर का कारोबार करनेवाली इस कंपनी के पास ढेरों उत्पाद हैं, जैसे- ए2 जेड डेवलपमेंट, ए9 डॉट कॉम, एलेक्सा इंटरनेट, अमेजन डॉट कॉम, अमेजन किंडले, अमेजन स्टूडियोज, अमेजन वेब सर्विसेस, ऑडिबल डॉट कॉम, डिप्रिव्यू डॉट कॉम, एंडलेस डॉट कॉम, आइएम वीडी, लव फिल्म, द बुक डिपॉजिटरी, जैपोस डॉट कॉम, वूट, जंगली डॉट कॉम, गुडरीड्स डॉट कॉम, माइ हैबिट डॉट कॉम और आस्क विले डॉट कॉम जैसे प्रख्यात इंटरनेट उत्पाद हैं.
ट्विटर
अपनी अभिव्यक्तियों को फुसफुसाहट के रूप में बयां करने का तरीका जैक डोर्सी ने दिया. 21 मार्च, 2006 को ट्विटर की नींव रखी गयी और जुलाई, 2006 में पहले ट्विट के साथ यह शब्द दुनियाभर में विख्यात हो गया. फरवरी, 2013 तक इसके यूजर की संख्या 20 करोड़ पार कर चुकी थी. इस पर केवल दो तरह की सुविधा है. आप किसी को फॉलो कर सकते हैं या फिर कोई आपको फॉलो कर सकता है. अगर कोई चाहे तो आपके ट्विट का जवाब दे सकता है या फिर उसे रीट्विट कर सकता है. मौजूदा समय में इसके माध्यम से देश-दुनिया की बड़ी हस्तियों को लाखों की संख्या में लोग फॉलो करते हैं. हालांकि, फॉलोअर के मामले में टॉप 100 की सूची में एक भी भारतीय नहीं है, फिर भी अमिताभ बच्चन 60 लाख फॉलोअरों के साथ दुनिया में 129वें नंबर पर हैं. इस वेबसाइट को दुनियाभर में इसके 900 कर्मचारी चला रहे हैं और इसका सालाना राजस्व 140 मिलियन डॉलर है.
इंटरनेट कारोबार के महारथी
लैरी पेज
लैरी और सर्जरी ब्रिन गूगल के सह-संस्थापकों में से एक हैं. लैरी का नाम दुनिया के शीर्ष इंटरनेट कारोबारियों में सबसे ऊपर है. गूगल के प्रोजेक्ट के तहत पूरी दुनिया की जानकारी एक जगह मुहैया कराने की कोशिश जब उन्होंने शुरू की थी, तो उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि यह प्रोजेक्ट इतना बड़ा हो जायेगा. उन्होंने अपने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत कुछ छात्रों को साथ में लेकर की थी. गूगल सर्च पूरी तरह से मुफ्त है, फिर भी यह दो एड प्रोग्राम- एडवर्ड और एडसेंस के जरिये सालाना 12 बिलियन डॉलर से अधिक का कारोबार करती है. वर्तमान में गूगल के सीइओ लैरी पेज के पास 24.9 बिलियन पूंजी है, जबकि वे कंपनी से महज एक डॉलर का मासिक वेतन लेते हैं.
सर्जरी ब्रिन
सर्जरी ब्रिन बचपन से ही बेहद प्रतिभाशाली छात्रों में से एक थे. इनके माता-पिता रूस को छोड़ कर अमेरिका में जा बसे थे. उन्होंने कंप्यूटर के बारे में बहुत-सी जानकारियां इकट्ठी की और गणित के आंकड़ों को सुलझाने में वे माहिर थे. कैलीफोर्निया के लॉस एल्टोस में रहनेवाले ब्रिन की कुल पूंजी 24.4 बिलियन डॉलर है. गूगल के विकास में लैरी के साथ सर्जरी ने भी बड़ी भूमिका निभायी थी.
जेफ बेजोस
अमेजन डॉट कॉम के प्रमुख जेफ्री पेस्ट्रन जोर्गेन्सन उर्फ जेफ बेजोस ने इसकी स्थापना 1994 में की थी. अभी वे 27.2 अरब डॉलर के मालिक हैं. दुनिया की टॉप टेन वेबसाइटों में से एक अमेजन डॉट कॉम इंटरनेट ऑनलाइन रिटेलिंग में कारोबार करती है. इसका राजस्व वर्ष 2012 में 61.09 अरब डॉलर था. इस कारोबारी ने हाल ही में दुनियाभर में प्रख्यात ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ अखबार को खरीदा है.
एरिक सचमिड
गूगल के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में स्थापित एरिक 8.2 अरब डॉलर के मालिक हैं. इनका वेतन 1.25 मिलियन डॉलर है. 27 अप्रैल, 1955 को वॉशिंगटन में जन्मे एरिक राष्ट्रपति ओबामा को तकनीकी सलाहकार के रूप में भी सेवाएं देते हैं.
पिएरे ओमिदयार
21 जून, 1967 को फ्रांस के पेरिस में जन्मे पिएरे मोराद ओमिदियार ईबे के मालिक हैं. पिएरे 8.7 अरब डॉलर के मालिक हैं. ईबे एक ऑक्शन वेबसाइट है. सितंबर, 1995 में उन्होंने इसे शुरू किया था. कंपनी की वार्षिक आमदनी 14.07 अरब डॉलर है. सितंबर, 2013 में वेबसाइट की एलेक्सा रैंकिंग 21वीं आंकी गयी.
भारतीय इंटरनेट कारोबारी
इंटरनेट पर कारोबार के मामले में भारतीय कारोबारी भले ही टॉप टेन में न हों, फिर भी इंटरनेट के कारोबार में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. जानते हैं कुछ प्रमुख भारतीय कारोबारियों के बारे में, जो इंटरनेट से जुड़े कारोबार के जरिये बड़ी कंपनियों को चुनौती दे रहे हैं.
-संजीव बिखचंदानी : नौकरी डॉट कॉम के संस्थापक संजीव बिखचंदानी आज भारत के शीर्ष इंटरनेट कारोबारियों में गिने जाते हैं. संजीव ने 1997 में इंफो एज लिमिटेड के रूप में इसकी स्थापना की थी. इस वेबसाइट पर ढाई करोड़ से ज्यादा लोग नौकरी के लिए रजिस्टर हैं.
-वीएसएस मणि : एक किराये के मकान से महज 50,000 रुपये में अपना कारोबार शुरू करनेवाले ‘जस्ट डायल’ कंपनी के मालिक वीएसएस मणि ने 1997 में इस कारोबार की नींव रखी थी. आज यह कंपनी 470 मिलियन रुपये की हो गयी है.
-सचिन बंसल और बिनी बंसल : फ्लिपकार्ट डॉट कॉम के मालिक सचिन बंसल और बिनी बंसल ने इसकी 2007 में इसकी शुरुआत की थी. महज छह साल में ही इसका कारोबार 500 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. भारत में इसके 4,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं. यह एक ऑनलाइन रिटेलिंग कंपनी है.
-अजीत बालाकृष्णन : रेडिफ मेल डॉट कॉम के मालिक अजीत ने इस कंपनी की शुरुआत 1995 में की थी. उन्होंने इस कंपनी में दो करोड़ रुपये का निवेश किया था. वर्ष 2001 में यह कंपनी नेसडैक में रजिस्टर हुई थी.
-दीप कालरा : अप्रैल, 2000 में दीप ने ‘मेक माई ट्रिप’ नाम से ऑनलाइन पोर्टल चालू किया. न्यूयॉर्क और सेन फ्रांसिस्को समेत भारत के तकरीबन 20 शहरों में इसके कार्यालय हैं. मौजूदा समय में भारत में बुक होनेवाले 12 टिकटों में से एक टिकट इस पोर्टल से बुक होता है.