लंदन : ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय अगले महीने जर्मनी की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान नाजी यातना शिविर बर्गन-बेल्सन का दौरा करेंगी. 89 वर्षीय महारानी और उनके पति प्रिंस फिलिप शिविर जाकर ऐनी फ्रैंक का स्मारक देखेंगे. ऐनी एक यहूदी डायरी लेखिका थी जिनका किशोरावास्था में 1945 में टाइफस के कारण शिविर में निधन हो गया था.
एजिलाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप यहूदी नरसंहार में जीवित बचे लोगों से और उत्तर जर्मनी में बर्गन बेल्सन को आजाद कराने में मदद करने वाले कुछ लोगों से भी मिलेंगे. यूरोप से लाए गए 50,000 से अधिक लोग और युद्ध के करीब 20,000 कैदी इस शिविर में 1941 से 1945 के बीच मारे गए थे. ब्रिटेन के सैन्य बलों ने इस शिविर से कैदियों को 70 वर्ष पहले आजाद कराया था. उन्होंने इस जगह की तस्वीरें भी ली थीं जिससे दुनिया को तस्वीर के रुप में यहूदी नरसंहार का पहला सबूत मिला था.
जर्मनी के राष्ट्रपति जोएचिम गाउक ने शिविर को आजाद कराने वालों को धन्यवाद देते हुए पिछले महीने कहा था कि उन्होंने देश में फिर से ‘‘मानवता’’ बहाल की. शाही जोडा 24 से 26 जून तक जर्मनी का आधिकारिक दौरा करेगा और इस दौरान वह चांसलर एंजेला मर्केल से मिलेगा और राजकीय भोज का भी आनंद लेगा.