आगरा:प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्रव से होनेवाली अकाल मौत को रोकने के लिए एक अनोखी पोशाक तैयार की गयी है. रक्तस्त्रव की स्थिति में इसे महिला के शरीर में बांध दिया जाता है. यह शरीर के रक्त प्रवाह को ओवरी के पास जाने से काफी हद तक रोक देता है. रक्त दिमाग और दिल की तरफ बढ़ने लगता है, इससे डॉक्टर को इलाज के लिए समय मिल जाता है.
आगरा में रेनबो अस्पताल और मल्होत्र नर्सिग होम ने इसकी मदद से कई महिलाओं की जान बचाने में कामयाबी हासिल की है. इस पोशाक को अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया ने तैयार किया है और भारत में आगरा, पुणो और राजस्थान के एक शहर में ट्रायल चल रहा है. पोशाक का नाम ‘नॉन प्यूमेटिक एंटी शॉक गारमेंट’ और ‘रक्षक’ रखागया है.
डब्ल्यूएचओ ने भी की पुष्टि : डब्ल्यूएचओ ने भी इसके इस्तेमाल को जरूरी बताया है. भारत में भी इसके निर्माण के लिए कुछ कंपनियों ने रु चि दिखायी है. इसकी कीमत मात्र दो हजार रुपये है. दरअसल, प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्त्रव को मेडिकल भाषा में पोस्ट पार्टम हैमरेज (पीपीएच) कहा जाता है. यह एक ऐसी समस्या रही है, जिससे प्रसव के दौरान डॉक्टरों के भी हाथ-पांव फूल जाते हैं. स्त्री रोग विशेषज्ञों की देश के सबसे बड़े संगठन ‘फोग्सी’ के पूर्व अध्यक्ष व रेनबो अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ नरेंद्र मल्होत्र का कहना है कि 500 एमएल से ज्यादा रक्तस्त्रव होने पर महिला की जान पर खतरा उत्पन्न हो जाता है.
सुरक्षित रहेंगी महिलाएं : प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत का बड़ा कारण यही है. आगरा में अब भी 60 फीसदी डिलीवरी गांवों में अप्रशिक्षित दाइयों के हाथों होता है. ‘रक्षक’ पोशाक को प्रसव के दौरान महिला के शरीर पर बांधने के बाद रक्तस्त्रव को रोका जा सकेगा. पोशाक को बांधने के एक से तीन घंटे के अंदर महिला को सुरिक्षत स्थान तक पहुंचाया जा सकता है.
इस गारमेंट को बांध कर ऑपरेशन भी किया जा सकता है. आगरा के रेनबो अस्पताल में डॉक्टरों को ट्रेनिंग देने पहुंची यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया की वैज्ञानिक प्रो. स्वेलन मिलर ने बताया कि ‘नॉन प्यूमेटिक एंटी शॉक गारमेंट’ एक नयी तकनीक है. यह प्राथमिक उपचार के समान काम करता है.
सफल रहा प्रयोग : इस पोशाक का प्रसव के दौरान कई महिलाओं पर उपयोग किया जा चुका है. इसके नतीजों को देखकर सरकार इसके माध्यम से समझाने की कोशिश करेगी कि यह पोशाक हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचा दिया जाये, तो महिलाओं की जान बचायी जा सकती है.