माले:मालदीव में 15 साल की जिस लड़की को विवाह-पूर्व संबंध बनाने के आरोप में 100 कोड़ों की सजा सुनायी गयी थी, उसे हाइकोर्ट से राहत मिल गयी है. ऊंची अदालत ने बुधवार को कहा कि किशोर न्यायालय ने लड़की को गलत ढंग से दोषी करार दिया है. लड़की ने पिछले साल आरोप लगाया था कि उनके सौतेले पिता ने उनका यौन शोषण किया और उसके बच्चे को मार डाला था. अभियोजकों का कहना था कि इस आरोप से बलात्कार का मामला साबित नहीं होता है.
इसलिए इसे विवाह-पूर्व संबंध बनाने का मामला बना दिया गया. मालूम हो कि मालदीव में शादी से पहले जिस्मानी ताल्लुक कायम करना गैरकानूनी है. ऊंची अदालत ने लड़की को राहत देते हुए अपने फैसले में कहा कि निचली अदालत का फैसला इस भ्रम पर आधारित है कि यह हरकत लड़की ने की, जबकि वह खुद अपने साथ हुई दर्दनाक घटना से उपजे तनाव की बीमारी से पीड़ित है. फैसले में यह भी कहा गया कि वह अदालत की कार्यवाही में शामिल होने की स्थिति में नहीं थी.