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बच्चों को नाश्ते में पोषण वाला भोजन दें

मां की सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि वो अपने बच्चे को पोषक आहार खिलाये ताकि उसका सही पोषण व विकास हो सके. हर मां चाहती है कि उसका बच्चा अनाज, हरी सब्जियां, फल या बादाम इत्यादि खाये जिससे वो स्वस्थ रहें. ये सब खिलाने के लिए मां कई तरकीबें अपनाती है, जैसे कि […]

मां की सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि वो अपने बच्चे को पोषक आहार खिलाये ताकि उसका सही पोषण व विकास हो सके. हर मां चाहती है कि उसका बच्चा अनाज, हरी सब्जियां, फल या बादाम इत्यादि खाये जिससे वो स्वस्थ रहें. ये सब खिलाने के लिए मां कई तरकीबें अपनाती है, जैसे कि हरी सब्जियों को मसलकर उसकी हरी पूरियां या भरवां चपातियों के साथ मक्खन, बच्चों के पसंदीदा पिज्ज पर सब्जियां लगाना या फिर पाव-भाजी में ढ़ेर सारी सब्जियों को डालना. कुछ ऐसा ही लतिका श्रॉफ अपनी दो बच्चियों को पोषक आहार खिलाने के लिए करती हैं. उनका सारा दिन इसी में निकल जाता है कि कैसे वो अपनी दोनों बेटियों को स्वस्थ खाना खिलाएं. इन्हीं दिक्कतों से परेशान लतिका श्रॉफ कहती हैं मैं चाहे उनका कितना भी मनपसंद खाना बना दूं लेकिन वो उसमें से भी हेल्दी चीजें आसानी से निकाल देती है, जिससे मुङो उनके हर खाने को बनाने के लिए बारीकी से सोचना पड़ता है ताकि वो हेल्दी फूड निकाल ही न सकें.

वैसे लतिका जैसी कई माएं रोजाना ही ऐसी दिक्कतों से दो-चार होती हैं और ज्यादातर सभी मांओं का मानना है कि बच्चों के खाने में पोषक तत्वों को बरकरार रखना बहुत मुश्किल है. खासतौर से नाश्ते के समय तो बच्चे और भी ज्यादा चिड़चिडे होते हैं तो नाश्ते में पोषक तत्वों से युक्त आहार देना लगभग नामुमकिन हो जाता है.

सुबह के समय तो बच्चे नाश्ता या तो मिस कर देते हैं या फिर सिर्फ दूध का गिलास पीकर चले जाते हैं. इसीलिए न्यूट्रिशियनिस्ट और बालरोग विशेषज्ञ मांओं को हमेशा ऐसा खाना या आहार देने की सलाह देते हैं जो न सिर्फ बच्चों के लिए स्वादिष्ट हो बल्कि वो बच्चों के पोषक तत्वों को भी पूरा कर दे. इसी समस्या को देखते हुए नयी मांओं के लिए नाश्ते में अनाज एक बहुत अच्छा और बढ़िया उपाय है. नाश्ते में फोर्टीफाइड अनाज के जरिये सुबह नाश्ते में बच्चों को विटामिन और खनिज लवण आसानी से मिल जाते हैं और इससे बच्चों का पेट भी भरा रहता है. मुख्य अनाज में से निकाला गया कम वसा और फोर्टीफाइड विटामिन व खनिज लवण से युक्त होता है.

इसमें जरूरी फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिज लवण होते हैं. अध्ययनों से भी ये पता चलता है कि अगर नाश्ते में जरूरी पोषक तत्व न मिले, तो उसकी भरपाई दिनभर में भी नहीं हो पाती. गेहूं के दानों से बने अनाज के नाश्ते में रोटी जैसे कई गुण हैं. ये न सिर्फ फाइबर (खाने में परोसे एक हिस्से में 1़5 ग्राम फाइबर) बल्कि 11 जरूरी विटामिन व खनिज लवण जैसे कि कैल्सियम, आयरन और जिंक भी होता है. बच्चे इसे मजे से खाते हैं क्योंकि ये दूध में घुलकर चॉकलेट स्वाद का हो जाता है और ये नाश्ते में आसानी से बन भी जाता है. न्यूट्रिशनिस्ट चारू दुआ के अनुसार, अगर नाश्ते में जरूरी पोषक तत्व जैसे कि फाइबर, कैल्सियम, आयरन और दूसरे जरूरी विटामिन व खनिज लवण नहीं लेते, तो वो दिनभर के खाने में पूरे नहीं हो पाते. अगर बच्चे बचपन में नाश्ता नहीं करते या फिर छोड़ देते हैं, तो उसका असर युवावस्था में देखने को मिलता है.

प्रस्तुति: दिनेश सिंह

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