इंदौर : नौकरी की मांग को लेकर 15 अगस्त से आमरण अनशन पर बैठी 33 वर्षीय पीएचडीधारक महिला को पुलिस ने जबरन महाराजा यशवंतराव अस्पताल में भर्ती करा दिया. यह महिला दृष्टिबाधित है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि एमजी रोड क्षेत्र में संभाग आयुक्त कार्यालय के सामने पिछले चार दिन से अनशन पर बैठीं डॉ फातिमा को उनकी गिरती हालत के मद्देनजर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अनशन के कारण उनका करीब छह किलोग्राम वजन कम हो गया था. सूत्रों ने बताया कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने रात में फातिमा से अनशन तोड़ने का अनुरोध किया था, लेकिन वह नहीं मानीं. नतीजतन उन्हें जबरन अस्पताल में भर्ती कराते हुए अनशन तुड़वाया गया, ताकि उनकी हालत में और गिरावट न आये. फातिमा के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि वह अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की मध्यप्रदेश स्थित जन्मस्थली भाभरा की रहनेवाली हैं. उन्हें राजनीति विज्ञान विषय में किये गये शोध कार्य के लिये वर्ष 2010 के दौरान डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गयी थी.
फातिमा ने प्रदेश सरकार के अलग-अलग संस्थानों में नौकरी के लिये विकलांग कोटे के तहत कई दफा आवेदन किये, लेकिन उनकी तमाम अकादमिक योग्यताओं को दरकिनार करते हुए उन्हें हर बार संभवत: इसलिये नौकरी के काबिल नहीं समझा गया, क्योंकि वह दृष्टिबाधित हैं. देश के 67 वें स्वतंत्रता दिवस पर फातिमा इस मांग के साथ आमरण अनशन पर बैठी थीं कि प्रदेश सरकार उन्हें शिक्षण के क्षेत्र में उनकी योग्यता के मुताबिक रोजगार दे.