दक्षा वैदकर
कुछ लोगों का व्यवहार अपने काम व कैरियर के प्रति इतना बुरा होता है कि वे खुद को ही नुकसान पहुंचा बैठते हैं. उन्हें पता ही नहीं है कि उनका यह व्यवहार खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुका है और आगे जाकर वह कहीं भी काम करने के लायक नहीं बचेंगे. इस स्थिति से बचा जा सकता है, यह जान कर कि कौन-सा व्यवहार, एटिट्यूड हमारे लिए ठीक नहीं है.
(1) मैं अपनी जगह खुश हूं : ‘मुङो प्रोमोशन का शौक नहीं. मैं जो काम कर रहा हूं, ठीक है. मैं बॉस की जगह पाने के लिए एक्सट्रा घंटे काम नहीं कर सकता. सेल्स टारगेट के पीछे भागना मुङो पसंद नहीं.’ ऐसी स्थिति में आप खुद आगे बढ़ना नहीं चाहते, तो कोई आपकी मदद नहीं कर सकता.
(2) बॉस को ही नहीं मिल रहा प्रोमोशन : ‘मेरे बॉस को ही पिछले पांच साल से प्रोमोशन नहीं मिला, तो भला मैं क्यों बुरा मानूं. कोई भी व्यक्ति कंपनी नहीं छोड़ रहा, तो मैं क्यों छोड़ं. मैं जहां हूं, वहां खुश हूं.’ ऐसी स्थिति में कंपनी और इंडस्ट्री स्थिर रहती है और नुकसान आपको होता है.
(3) शुरू से एक ही काम : ‘जबसे कंपनी ज्वॉइन की है, तब से मैं एक ही काम कर रहा हूं. मुङो न तो कोई चीज सीखने का मौका मिला और न ही कोई नयी जिम्मेवारी.’ ऐसी स्थिति में कंपनी आपको भविष्य के लिए नकारा बना कर छोड़ सकती है.
(4) रोज नहीं होता है काम : ‘मुङो अपनी कंपनी में रोज काम नहीं करना पड़ता. मैं कई बार वर्कप्लेस छोड़ कर बाहर घूमने निकल जाता हूं.’ इस स्थिति में आपको कोई चुनौती नहीं मिलती और बाद में काफी परेशानी आती है.
(5) जिंदा लाश बन गया हूं : ‘मुङो काम करने की इच्छा नहीं होती, मुङो आराम पसंद है. रोज काम पर जाने से मुङो चिढ़ होती है. ऑफिस में कुछ भी उत्साहवर्धक नहीं है.’ ऐसी स्थिति में लंबे समय तक रहने पर आप कंपनी के लिए बेकार हो जाते हैं.दोस्तों, इन स्थितियों में अगर आप हैं, तो तुरंत इससे निकलने का प्रयास करें. कहीं ऐसा न हो कि बाद में देर हो जाये.
बात पते की..
– अपने दोस्तों, सहकर्मियों से सलाह लें और पूछें कि क्या आपके काम में कोई कमी है. आप क्या नया सीख सकते हैं, कर सकते हैं.
– खुद से पूछें कि क्या आप जो काम सालों से कर रहे हैं, उससे आप खुश हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि आपकी रुचि किसी और फील्ड में है?