इस्लामाबाद : मुंबई आतंकी हमला मामले की सुनवाई कर रही पाकिस्तान की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण केंद्र की मौजूदगी के संदर्भ में एक मजिस्ट्रेट का बयान रिकॉर्ड किया, हालांकि तीन अन्य आधिकारिक गवाह अदालत में पेश नहीं हो सके.अदालत ने चार आधिकारिक गवाहों को आज पेश होने के लिए फिर से तलब किया था क्योंकि वे गत 25 फरवरी को पेश नहीं हुए थे.
सुनवाई के बाद अदालत के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मामले में सिर्फ एक गवाह, थट्टा के एक स्थानीय मजिस्ट्रेट आज इस्लामाबाद में आतंकवाद विरोधी अदालत के समक्ष उपस्थित हुए और सिंध प्रांत के थट्टा जिले के मीरपुर साकरो में लश्कर के एक प्रशिक्षिण शिविर की मौजूदगी के बारे में बयान रिकॉर्ड करवाया.’’ उन्होंने कहा कि एक निजी गवाह मुमताज के बयान में अस्पष्टता को खत्म करने के लिए इस मजिस्ट्रेट का बयान रिकॉर्ड किया गया. मुमताज ने पहले अदालत को मीरपुर साकरो में लश्कर के प्रशिक्षण शिविर की मौजूदगी के बारे में बताया था.
बचाव पक्ष के वकील ने मुमताज के साथ जिरह की थी और उसकी गवाही पर प्रतिवाद किया था. न्यायाधीश सुहैल अकबर ने मामले की सुनवाई को 11 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया। मुंबई हमले को लेकर लश्कर के आतंकवादी जकीउर रहमान लखवी और छह अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है.