स्कूली शिक्षा के दौरान मेधावी विद्यार्थियों का सामना कई प्रतियोगिताओं से होता है. इनमें से एक है ओलिंपियाड. इतना ही नहीं, मेधावी विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए कई तरह की स्कॉलरशिप भी मुहैया करायी जाती है. इन सबसे विद्यार्थियों की शिक्षा और उनके जीवन पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है, कितना फायदेमंद हैं ये, आइए जानें मंजूषा के आलेख से.
समय बदला, दौर बदला, विद्यार्थियों का रुझान बदला और बदली परीक्षाओं की पद्धति. इन सबके बीच अभिभावकों का नजरिया भी बदला है. अब अभिभावक भी चाहते हैं कि उनके बच्चे को शुरू से ही एक्सपोजर मिले. मुङो अब भी याद है. पढ़ाई के दौरान एक बार इंटरनेशनल मैथ्स ओलिंपियाड में हिस्सा लेने का मौका मिला था. मेरे स्कूल से नौवीं व दसवीं कक्षा से कुल छह विद्यार्थियों को चुना गया था. मैं भी इसका हिस्सा थी. हमें मध्यप्रदेश के सतना जिले में जाना था. इस ओलिंपियाड का सफर भले ही हम सबके लिए पहले ही स्तर पर खत्म हो गया था, पर उससे मिला एक्सपोजर और अनुभव आज भी हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. नये लोगों से मिलना, नयी जगह घूमना, नये शिक्षकों के संपर्क में आना, नवीं कक्षा में ही यह सब अनुभव ओलिंपियाड में हिस्सा लेने के कारण ही हो पाया. हालांकि तब इस ओर विद्यार्थियों का रुझान उतना ज्यादा नहीं हुआ करता था. न ही उतने मौके मिलते थे, पर आजकल युवाओं का ओलिंपियाड या स्कॉलरशिप की ओर खासा रुझान देखने को मिल रहा है, साथ ही इसमें सफल होने का रास्ता दिखानेवाली जानकारियां भी उपलब्ध हैं. इसे एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देख जा सकता है. ओलंपियाड के साथ-साथ कई स्कॉलरशिप भी हैं, जो विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका देती हैं. देश में ओलिंपियाड के बढ़ते महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय जूनियर साइंस ओलिंपियाड, 2013 को आयोजित करने का मौका मिला है. आइजेएसओ, 2013 इस वर्ष दिसंबर में मुंबई में आयोजित होगा.
कैसे और कौन-कौन से हैं ओलिंपियाड
भारत में शिक्षा के स्तर पर बढ़ती प्रतियोगिता ने हर विषय में विद्यार्थियों के लिए नये आयाम विकसित किये हैं. एजुकेशनल ओलिंपियाड का मकसद हर क्षेत्र में बुद्धिमान और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सामने लाना है. यह विद्यार्थियों को मौजूदा शिक्षा पद्धति में ज्यादा से ज्यादा सीखने और सीखी हुई चीज को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. देश में आज कई तरह के ओलिंपियाड हो रहे हैं. साइंस और मैथ्स में अंतरराष्ट्रीय ओलिंपियाड स्कूल के विद्यार्थियों को वैश्विक चैंपियनशिप का हिस्सा बनने का मौका देते हैं. इसमें कई देश हिस्सा लेते हैं. फिलहाल देश के प्रसिद्ध ओलिंपियाड में मुख्य हैं- द इंटरनेशनल मैथेमेटिकल ओलिंपियाड (आइएमओ), द इंटरनेशनल फिजिक्स ओलिंपियाड (आइएफएचओ), द इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलिंपियाड (आइसीएचओ), द इंटरनेशनल बायोलॉजी ओलिंपियाड (आइबीओ), द इंटरनेशनल ओलिंपियाड इन इन्फॉर्मेटिक्स (आइओआइ), द इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमी ओलिंपियाड (आइएओ). इसमें भाग लेने के लिए विद्यार्थी और उनके टीम लीडर्स विभिन्न देशों में जाते हैं. इसी तरह स्कूल ओलिंपियाड फाउंडेशन द्वारा साइंस, कंप्यूटर, इंगलिश, मैथ्स के ओलिंपियाड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किये जाते हैं. इससे अलग कई अन्य नेशनल ओलिंपियाड भी होते हैं.
कितना होता है इनसे फायदा
इन ओलिंपियाड के माध्यम से विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाता है. ये छात्रों में ज्यादा से ज्यादा नयी चीजों को सीखने की प्रवृत्ति, थ्योरी और कांसेप्ट्स में रुचि पैदा करने में सहायक होते हैं. ऐसा जरूरी नहीं होता है कि ये सारी चीजें स्कूलों में पढ़ाई के दौरान सिखाई ही जायें. वैश्विक स्तर पर आयोजित होनेवाले ओलिंपियाड से विद्यार्थियों का व्यक्तित्व विकास भी होता है. इससे उन्हें नये वातावरण में घुलने-मिलने के लिए प्रोत्साहन मिलता है. ये प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों को दूसरे देशों के विद्यार्थियों को जानने-समझने का मौका देती हैं. इस तरह ओलिंपियाड विद्यार्थियों को अपना टैलेंट और विषय पर अपनी पकड़ दिखाने का मौका देते हैं. इनकी मदद से विद्यार्थियों का आत्मविश्वास विकसित होता है. कुल मिला कर इनसे विद्यार्थियों का चौतरफा विकास होता है.
कैसे करें इनकी तैयारी
किसी भी ओलिंपियाड की तैयारी अन्य प्रतियोगिताओं की तरह ही करनी चाहिए. ये सीधे तौर पर स्कूल, कॉलेज या यूनिविर्सिटी के पाठ्यक्रम से संबंधित नहीं होते हैं. इनके माध्यम से जानकारी की नींव मजबूत होती है. इसके लिए बाजार में कई तरह की किताबें उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से विद्यार्थी अपने विषय की तैयारी विस्तृत नजरिये के साथ कर सकते हैं. इसके साथ ही अपने स्तर के सामान्य ज्ञान को भी लगातार अपडेट करते रहना चाहिए. इनमें विषय से संबंधित प्रश्नों के अलावा सामान्य अध्ययन व रीजनिंग से भी प्रश्न पूछे जाते हैं.
कैसे करें आवेदन
ज्यादातर ओलिंपियाड में विद्यार्थियों के भाग लेने में स्कूल मुख्य भूमिका निभाते हैं. स्कूलों के पास ओलिंपियाड के रजिस्ट्रेशन फॉर्म आते हैं. विभिन्न क्लासेस के इच्छुक विद्यार्थी इन फॉर्म्स को भरते हैं. कई बार परीक्षाएं स्कूलों में परीक्षा पत्र भेज कर ही आयोजित होती हैं. कई बार इनके अलग सेंटर निर्धारित किये जाते हैं. इन ओलिंपियाड के लिए आवेदन अमूमन परीक्षा तिथि के महीने पहले तक होते हैं.
निकट भविष्य में होनेवाले कुछ ओलिंपियाड
नेशनल कंप्यूटर ओलिंपियाड
परीक्षा तिथि : 19 सितंबर और 4 अक्तूबर, 2013
इसमें 35 प्रश्नों का एक पेपर आता है, जिसके लिए एक घंटा मिलता है. इसे तीन सेक्शन में बांटा गया है. सेक्शन 1 मेंटल एबिलिटी, सेक्शन 2 लॉजिकल और एनालिटिकल रीजनिंग, सेक्शन 3 कंप्यूटर और आइटी से संबंधित होता है.
नेशनल साइंस ओलिंपियाड
परीक्षा तिथि : 15 और 28 नवंबर, 2013
इसमें 35 प्रश्नों का एक पेपर आता है, जिसके लिए एक घंटा दिया जाता है. परीक्षा में दो सेक्शन आते हैं. सेक्शन 1 में मेंटल एबिलिटी और सेक्शन 2 में साइंस से संबंधित प्रश्न आते हैं.
इंटरनेशनल मैथ्स ओलिंपियाड
परीक्षा तिथि : 5 और 19 दिसंबर, 2013
इसमें 35 प्रश्नों का एक पेपर आता है, जिसके लिए एक घंटे का समय मिलता है. तीन सेक्शन में पेपर आता है. सेक्शन 1 में लॉजिकल रीजनिंग, सेक्शन 2 में मैथमेटिकल रीजनिंग और सेक्शन 3 में रोजमर्रा की मैथमेटिक्स से संबंधित प्रश्न आते हैं.
इंटरनेशनल इंगलिश ओलिंपियाड
परीक्षा तिथि : 16 और 30 जनवरी, 2014
इसमें 35 प्रश्नों का एक पेपर आता है, जिसके लिए एक घंटे का समय मिलता है. पेपर में तीन सेक्शन होते हैं. सेक्शन 1 में वर्ड और स्ट्रक्चर नॉलेज, सेक्शन 2 में रीडिंग और सेक्शन 3 में स्पोकन और रिटेन एक्सप्रेशन से संबंधित प्रश्न आते हैं.
हर टेस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 100 रुपये है. आवेदकों को पिछले शैक्षणिक सत्र में कम से कम 60 फीसदी अंक होना जरूरी है.