मुख्यमंत्री ने बजट को कल्याणकारी और विकास को तेज करनेवाला बताया है. उन्होंने कहा है कि बजट से राज्य के आर्थिक विकास में तेजी आयेगी. राजस्व की प्राप्ति के साधान बढ़ेंगे और लोगों के क्रय शक्ति में वृद्धि होगी. रोजगार के अवसर मिलेंगे. वहीं, विपक्ष ने इसे निराशाजनक बताया है. कहा है कि बजट सिर्फ चुनावी घोषणा जैसा लगता है. यह राज्य को नयी दिशा नहीं दे पायेगा. इसमें गरीबों और वंचितों के लिए कुछ नहीं है.
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास विधानसभा में पहला बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा कि झारखंड में आर्थिक विकास की प्रचूर संभावना है. बजट में दीर्घकालीन योजना बनायी गयी है. इस बजट का दूरगामी प्रभाव होगा. इसका असर आने वाले दिनों में दिखेगा. आर्थिक विकास में तेजी आयेगी. राजस्व की प्राप्ति के साधन बढ़ेंगे, लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. श्री दास ने कहा कि विकास में किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो नारा दिया है कि सबका साथ, सबका विकास. उसी अवधारणा में सरकार आगे बढ़ रही है. इस बजट से अनुकूल माहौल बनेगा. आधारभूत संरचना के विकास में सरकार का जोर है. आदिवासी, अनुसूचित जाति, पिछड़े राज्य के 3.15 करोड़ में से उपेक्षित लोगों का एक साथ विकास होगा.
श्री दास ने कहा कि हर वर्ष 30 हजार बच्चे कुपोषण से मरते हैं. कुपोषण मुक्ति के लिए 12 हजार महिलाओं को कार्य भार दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसाधारण को कार्यालय के चक्कर ना काटने पड़े, इस दिशा में सरकार काम कर रही है. आइटी सेक्टर को मजबूत किया जायेगा.
उन्होंने कहा, गांवों में ई गवर्नेस और शहर में ई सिटी के काम में तेजी लायी जायेगी. एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता से राज्य में काम नहीं हुआ. सब्सिडी से गरीबी खत्म नहीं होगी. गरीबों के हाथों में रोजगार देना होगा. कौशल विकास पर सरकार का जोर है. हम गरीबों को कौशल युक्त बनायेंगे. कौशल विकास के लिए काफी खर्च किया जायेगा. कंपनियों से सीएसआर का एकाउंट पूछा जायेगा.
जनता ने अपना धर्म निभाया, सरकार को अपना धर्म निभाना है
मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता के कारण राज्य का अपेक्षित विकास नहीं हुआ. योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हुआ. श्री दास ने कहा कि जनता ने अपना धर्म निभाया है. उन पर राज्य की जनता ने विश्वास किया है. अब सरकार को अपना धर्म निभाना है. इसके लिए यह सरकार हर संभव प्रयास करेगी. सुशासन और विकास को सुनिश्चित किया जायेगा. विकास के प्रति प्रतिबद्धता कायम होगी. निश्चित समय सीमा के अंदर काम किये जायेंगे.
पोषण सखियां दूर करेंगी कुपोषण
झारखंड सरकार ने राज्य से कुपोषण दूर करने के लिए 10927 पोषण सखियों को नियुक्त करने का निर्णय लिया है. इससे सरकार महिलाओं, बालिकाओं और बच्चों के कुपोषण को दूर करेगी. समेकित बाल विकास परियोजनाओं में इन पोषण सखियों की प्रतिनियुक्ति की जायेगी. इनकी प्रमुख जिम्मेवारी कुपोषित बच्चों का समुचित देखभाल होगा. कुपोषण पर रोक लगाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य उप केंद्रों को मिला कर समेकित कार्य योजना भी तैयार की जायेगी. सरकार ने राज्य भर में समेकित पोषाहार मिशन भी चलाने की घोषणा की है. सरकार ने विकलांगों के लिए दी जानेवाली प्रोत्साहन राशि को छह सौ रुपये कर दी है. वृद्ध लोगों के लिए रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग एवं गिरिडीह में ओल्ड एज होम बनाया जा रहा है. इनका क्रियान्वयन स्वंयसेवी संस्थानों के माध्यम से किया जायेगा. बजट में 17 जिलों में तेजस्विनी योजना शुरू की है. इससे युवतियों को स्वावलंबी बनाया जा सकेगा. ग्रामीण क्षेत्रों से बड़े शहर में जानेवाली युवतियों के लिए यह योजना शुरू की गयी है.
बजट में बेसहारा महिलाओं के लिए भी नारी निकेतन सह प्रशिक्षण केंद्र बनाये की बातें कही गयी हैं. सरकार की ओर से इन केंद्रों में महिलाओं को कौशल विकास कार्यक्रम का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. सरकार ने 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए भी कार्यक्रम तय किये हैं. साथ ही नारी उत्थान कोष की स्थापना भी करने की योजना बनायी गयी है. महिला सशक्तीकरण को भी सरकार ने बल दिया है.
सेविका, सहायिका को मिलेगा लाभ
बजट में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका को अंशदायी बीमा योजना से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है. महिलाओं को और सुरक्षा प्रदान करने की योजना भी बनायी गयी है. महिला आयोग के दायरे को बढ़ाने की पहल भी की गयी है. झारखंड को कुपोषण मुक्त बनाने की रणनीति बनायी गयी है.
मलेरिया, एनिमिया पर रहे ध्यान
सरकार मलेरिया, एनिमिया को दूर करने की सकारात्मक पहल करे. इसकी काफी आवश्यकता है. आदिवासी बाहुल्य इलाकों में मलेरिया से काफी महिलाओं की मृत्यु हो रही है. कई जिलों में बजट स्पष्ट नहीं रहता है. बजट में प्रावधान के अनुरूप राशि खर्च होनी चाहिए. महिलाओं से जुड़े कार्यक्रमों को प्रखंड स्तर तक लागू किया जाये.
जो योजनाएं अधूरी रह गयीं
13 वें वित्त आयोग की राशि से नहीं बन पाये आंगनबाड़ी केंद्र
सबला योजना में रेडी टू इट कार्यक्रम लागू नहीं
आंगनबाड़ी केंद्रों में वाटर प्यूरीफायर की आपूर्ति नहीं कर पायी सरकार
सेविका और सहायिका को ड्रेस उपलब्ध कराने में भी सरकार नाकाम
मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाने की दिशा में नहीं हो पायी पहल
रेडी टू इट फुड पैकेट की गुणवत्ता जांच के लिए प्रयोगशाला की स्थापना नहीं हो पायी
हर जिले को ई-डिस्ट्रिक्ट बनायेंगे
राज्य सरकार ने ई-शासन की दिशा में और पारदर्शिता बरतने की पहल की है. राजधानी रांची को पूरी तरह ई-डिस्ट्रिक्ट बनाये जाने के बाद सरकार ने अन्य 23 जिलों को भी ई-डिस्ट्रिक्ट बनाने का कार्यक्रम तैयार किया है. यह कार्यक्रम मिशन मोड के तहत चलाया जायेगा. 30 करोड़ रुपये अगले वित्तीय वर्ष में खर्च किये जायेंगे. सरकार ने जैप आइटी के डाटा सेंटर को अधिक सुदृढ़ करने पर बल दिया है. बजट की राशि में से 30 प्रतिशत राशि दी गयी है. जमशेदपुर, बोकारो, देवघर और धनबाद में नया सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क बनाये जाने की बातें कही गयी हैं. इन सभी जगहों पर एसटीपी के लिए जगह भी चिह्न्ति कर ली गयी है. राजधानी में पहली बार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर ट्रिपल आइटी भी बनाया जायेगा. इसके निर्माण की दिशा में आगे की कार्रवाई जारी है. राजधानी के कांके इलाके में इसके लिए जमीन भी दी जा रही है. पहली बार आइटी विभाग की ओर से कंप्यूटर प्रशिक्षण के क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम तय किया गया है. इससे कंप्यूटर के जरिये युवाओं का कौशल विकास किया जायेगा. राज्य सरकार की ओर से प्रखंड स्तर तक के कार्यालयों को झारनेट (झारखंड स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) से जोड़ने की व्यापक योजनाएं बनायी गयी हैं. परियोजना में 23 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जायेगी. सभी प्रखंड कार्यालयों को राज्य मुख्यालय से जोड़ा जायेगा. झारनेट के लिए भारत सरकार से भी सरकार अनुदान ले रही है. सभी प्रखंडों में इसके लिए एक कनेक्टिविटी सरकार उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है.
योजनाएं पारदर्शी होंगी
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को लागू करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में सरकार ने ई-शासन की परिकल्पना की है. सभी समहरणालय से लेकर प्रखंड कार्यालयों को झारनेट से जोड़ा जायेगा. आम लोगों को इलेक्ट्रॉनिक डिलिवरी सिस्टम का लाभ मिले, यह प्राथमिकता रहेगी.
आइटी का व्यापक प्रसार हो
आइटी से जुड़े कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है. सरकार की ओर से ई-शासन के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. इसमें बेहतर नेटवर्किग, स्पीड और कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी गयी है. सरकार के कार्यक्रमों के धरातल पर उतरने से राज्य में सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलिवरी और भी बेहतर होगी.
एसटी, एससी के विकास पर जोर
राज्य सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के बजट घोषणा में अल्पसंख्यक समुदायों के बहुआयामी विकास पर बल दिया है. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति और आदिम जनजाति के लिए चलायी जानेवाली प्रोटोटाइप से लेकर अन्य कल्याणकारी योजनाओं में तेजी लाने का संकल्प दोहराया गया है. संताल परगना प्रमंडल में आदिम जनजाति के लिए बने पहाड़िया कल्याण दीवाकालीन प्राथमिक विद्यालय में मध्याह्न् भोजन की शुरुआत करते हुए, व्यावसायिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के कार्यक्रम तय किये गये हैं. सरकार की ओर से केंद्र प्रायोजित मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमएसडीपी) के तहत रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, साहेबगंज और पाकुड़ में इंदिरा आवास, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आइटीआइ और पॉलिटेक्निक संस्थानों का निर्माण किया जाना है. हज यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने की योजनाएं अनवरत सरकार की ओर से जारी रखी जायेंगी.
इसके अलावा राज्य में बने कब्रिस्तानों, जाहेरथान की घेराबंदी कार्यक्रम इस वर्ष भी जारी रखी जायेगी. सरकार ने परंपरागत योजनाओं को जारी रखते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रओं को कक्षा पांच से लेकर दसवीं तक दो-दो सेट पोशाक देने की घोषणा भी की है. 90 हजार छात्रओं को इसका लाभ मिल पायेगा. मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना के तहत आदिम जनजाति के सभी परिवारों को 35 किलो अनाज मुफ्त दिया जायेगा. वन अधिकार अधिनियम के तहत जमीन के पट्टे भी जनजातियों को दिये जायेंगे. छात्रवृत्ति योजनाओं को और सुलभ बनाने और आधार कार्ड से लाभुकों को जोड़ने का काम जारी रहेगा.
रांची-बोकारो एक्सप्रेस वे
रांची: राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में सड़कों व पुलों के निर्माण के लिए कुल 3000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान रखा है. इस राशि से रांची-बोकारो एक्सप्रेस वे के अलावा जमशेदपुर, धनबाद व रांची को जोड़ने के लिए छह लेन का एक्सप्रेस वे गोल्डेन ट्राइंगल स्थापित किया जायेगा. यह इंडस्ट्रीयल कोरिडोर होगा. रांची-बोकारो एक्सप्रेस वे (90 किमी) पर 1830 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. इसे पीपीपी मोड से बनवाया जायेगा. वहीं रांची में रिंग रोड फेज सात को कांठीटांड़ से करमा तक करीब 354 करोड़ रुपये की लागत से बनवाया जायेगा.
डुमरी-फुसरो-जैना मोड़ (65 किमी) को 567 करोड़ रुपये की लागत से फोर लेन किया जायेगा. पलामू प्रमंडल में मोहम्मदगंज-जपला अंतरराजीय पथ (40किमी), छतरपुर-जपला रोड, चौपारण-चतरा रोड, गढ़वा-शाहपुर रोड, खूंटी-तोरपा-कोलेबिरा रोड, कुजू-घाटो रोड, आसनबनी-पटमदा रोड, मिर्जा चौकी-बोआरीजोर-सिमरा रोड, धनबाद-पाथरडीह-सिंदरी रोड, चाईबासा-कोकचो-भरभरिया रोड, कोचेडेगा-रामरेखा धाम-छतीसगढ़ सीमा रोड, नोनीहाट-कैराबनी-बगदाहा मोड़ रोड को 1365 करोड़ रुपये की लागत से टू लेन बनाया जायेगा. इन सड़कों की कुल लंबाई 470 किमी है. देवघर, गिरिडीह, खूंटी, चाईबासा, लोहरदगा, गोड्डा व पाकुड़ नगरों के लिए बाइपास का निर्माण शुरू करा दिया जायेगा. इन योजनाओं की कुल लंबाई 134 किमी है. दुमका-हंसडीहा-बिहार सीमा तक (50 किमी), गोविंदपुर-टुंडी-गिरिडीह पथ (45 किमी), खूंटी-तमाड़ (48 किमी), गिरिडीह-जमुआ-सारवां (52 किमी) का निर्माण कार्य शुरू कराया जायेगा.इन योजनाओं पर करीब 1800 करोड़ रुपये खर्च आयेगी.
विद्या लक्ष्मी योजना का शुभारंभ
वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट में मानव संसाधन विकास विभाग के लिए कई नयी योजनाओं की शुरुआत की गयी है. बजट में राज्य में छात्राओं का ड्रॉप आउट रेट कम करने के लिए मुख्यमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना शुरू करने की घोषणा की गयी है. इसके तहत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की वैसी छात्रएं, जो वर्ष 2015-16
या उसके बाद कक्षा पांच की परीक्षा में उत्तीर्ण करेंगी, उनके नाम से बैंक में दो हजार रुपये जमा किये जायंेगे. इसके लिए बजट में 24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बजट में 57 नये प्रखंड में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खोलने की घोषणा की गयी है. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की दस हजार छात्रओं को कंप्यूटर व टैबलेट दिया जायेगा. पोशाक व पुस्तक पानेवाले बच्चों को अब राज्य सरकार द्वारा जूता-मोजा भी दिया जायेगा. जूता के लिए प्रत्येक बच्चे को 180 रुपये व मोजे के लिए 80 रुपये दिये जायेंगे. राशि बच्चों के खाते में स्थानांतरित की जायेगी. विद्यालयों में नामांकन के समय बच्चे की मां का नाम नामाकंन फार्म में दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में विशेष प्रशिक्षण केंद्र खोला जायेगा. रांची विश्वविद्यालय में पुरातत्व विभाग स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रत्येक जिले में एक-एक आदर्श महिला महाविद्यालय की स्थापना की योजना है. राज्य में 475 उच्च विद्यालय खोलने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें से 150 विद्यालय वित्तीय वर्ष 2015-16 में खोले जायेंगे. प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है.
शिक्षा को बढ़ावा
बजट से राज्य में शिक्षा के विकास को बढ़ावा मिलेगा. बजट में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक को बजट में प्राथमिकता दी गयी है. कई नयी योजनाओं को शुरू किया गया है. बच्चों को जूता-मोजा, कॉपी भी दिये जायेंगे. बजट से राज्य में गुणवत्तायुक्त शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा. राज्य में और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खोले जायेंगे.
इंटर पर ध्यान देने की आवश्यकता
बजट में जो प्रावधान किये गये हंै, उसे प्रभावी किेया जाये. बजट घोषित योजनाएं लागू हो इसे सुनिश्चत करना होगा. राज्य में प्लस टू शिक्षा की स्थिति सबसे खराब है. प्लस टू कैरियर प्वाइंट होता है. बजट में प्लस टू की शिक्षा के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. प्राथमिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया है. इससे प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा.
अब तक पूरी नहीं हो सकीं
कक्षा नौ से 12वीं तक की छात्रओं को नि:शुल्क पुस्तक, पोशाक सोलर लैंप नहीं मिला
उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई
कक्षा छह से आठ में मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई.
इंटर कॉलेज प्रस्वीकृति नियमावली 2005 व स्थापना अनुमति उच्च विद्यालय नियमावली 2008 में संशोधन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी.