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नकली चेहरा सामने आये..

।। मुंबईसेअनुप्रियाअनंत ।। * विज्ञापन फिल्मों में भी बॉडी डबल का होता है इस्तेमाल – टेलीविजन पर फिल्मों के प्रचार–प्रसार के लिए सुपरस्टार्स का आना आम हो गया है. पर यह जितना दिखता है, उतना सच है नहीं. सच तो यह है कि हीरो–हीरोइनें उतनी मेहनत करते भी नहीं हैं, जितनी मेहनत करते दिखते हैं. […]

।। मुंबईसेअनुप्रियाअनंत ।।

* विज्ञापन फिल्मों में भी बॉडी डबल का होता है इस्तेमाल

– टेलीविजन पर फिल्मों के प्रचारप्रसार के लिए सुपरस्टार्स का आना आम हो गया है. पर यह जितना दिखता है, उतना सच है नहीं. सच तो यह है कि हीरोहीरोइनें उतनी मेहनत करते भी नहीं हैं, जितनी मेहनत करते दिखते हैं. ये कुछ पैसे के बदले जोखिम लेनेवाले बॉडी डबल से काम करते हैं और वाहवाही लूटते हैं.

शाहरुख खान की चेन्नई एक्स्प्रेसलगभग हर लोकप्रिय टीवी शो का हिस्सा बन गया है. आखिर शाहरुख खान को इतना वक्त कैसे मिल जाता है कि वे घंटों के शो शूट कर लेते हैं. तो जनाब, आप ठीक सोच रहे हैं. दरअसल, जिसे आप टीवी पर देख रहे होते हैं, वह शाहरुख नहीं, उनका बॉडी डबल होता है.

एक्शन सीन में जिस तरह बॉडी डबल का इस्तेमाल होता है, फिल्मों के प्रमोशन से लेकर विज्ञापन तक की शूटिंग में भी उनका ही इस्तेमाल किया जाता है. यकीन हो, तो दिया और बाती हमके उन दृश्यों को ध्यान से देखें, जिसमें शाहरुख के क्लोज शॉट नहीं लिये गये हैं. इसमें शाहरुख के बॉडी डबल हैं. इसकी एक बड़ी वजह है. स्टार्स अपनी ऊर्जा संचित रखना चाहते हैं.

अब तो एक दिन के विज्ञापन की भी पूरी शूटिंग वे खुद नहीं करते. केवल वही दृश्य करते हैं, जो जरूरी हो. सूत्र बताते हैं कि हाल ही में करीना ने एक प्रोडक्ट के विज्ञापन की शूटिंग मे बॉडी डबल का इस्तेमाल किया. इसमें करीना को डांस करना था, पर उन्होंने इसकी रिहर्सल नहीं की. सारा काम उनकी बॉडी डबल ने किया.

दरअसल, बड़े स्टार जब किसी ब्रांड से जुड़ते हैं, तो कंपनी को उनके नखरे भी उठाने पड़ते हैं. करीना हर सीन के बाद लगभग तीन घंटे का ब्रेक लेती हैं. दूसरी तरफ, प्रोडक्शन हाउस किसी एक विज्ञापन पर बहुत ज्यादा वक्त जाया नहीं करना चाहता, सो वे बॉडी डबल से काम करवा लेते हैं. मजे की बात है कि जिसके एवज में ये डबल्स काम करते या करती हैं, वह स्टार उसे जानता तक नहीं.

डुप्लीकेट के साथ होता है दोयम दज्रे का व्यवहार: एक डुप्लीकेट ने बताया कि सुपरस्टार के पास वक्त नहीं होता कि एपिसोड को पूरा कर सकें. इसलिए डुप्लीकेट्स को बुलाया जाता है. सुपरस्टार का काम लेकर डुप्लीकेट के साथ दोयम दज्रे का व्यवहार होता है. आमिर खान तो अपने विज्ञापन में डुप्लीकेट का चेहरा तक नहीं देखना चाहते. काम खत्म होने से पहले बारबार मॉनीटर देख कर यह सुनिश्चित करते हैं.

* शूटिंग में कैमरे का होता है कमाल: कैमरा लोगों को भरमाता है. अलगअलग एंगल से दृश्य फिल्माये जाते हैं, ताकि दर्शकों को पता चले कि कलाकार असली है या डुप्लीकेट. जोखिम लेनेवाले डुप्लीकेट्स को चंद हजार रुपये मेहनताना मिलते हैं, जबकि सुपरस्टार उसी के बदले लाखोंकरोड़ों रुपये लेते हैं. एक डुप्लीकेट ने इस वर्किग स्टाइल को फेसबुक पर शेयर किया, तो सुपरस्टार के पीआर ने उसे फौरन हटवा दिया, ताकि स्टार की इमेज खराब हो.

* वॉयस आर्टिस्ट की स्थिति डुप्लीकेट से बेहतर: फिल्मोद्योग में वॉयस आर्टिस्ट को डुप्लीकेट से ज्यादा पैसे मिलते हैं. दरअसल, बड़े सिने स्टार की आवाज कोई और रिकॉर्ड करवाता है. ऐसे लोग सचिन तेंडुलकर से अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान, शाहरुख खान, अक्षय कुमार तक के लिए डबिंग करते हैं. ऋषिकेश कानन भी अमिताभ की आवाज बन चुके हैं. सोनिया नायर ने जूही, काजोल से लेकर विद्या, प्रीति जिंटा और करीना तक के लिए डबिंग की है.

* अभिनेत्रियों के बोल्ड सीन में भी डुप्लीकेट

एक अभिनेत्री की बॉडी डबल कहती है कि बोल्ड सीन देने का डींग मारनेवाली अभिनेत्रियां भी झूठी हैं. कोई एक्ट्रेसेस जब बोल्ड, चुंबन या कोई अंतरंग दृश्य फिल्माने में असहज होती हैं, तो डुप्लीकेट इस सीन को पूरा करती हैं. पर उन्हें मिलता क्या है. चंद हजार रुपये.

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