वाशिंगटन : क्लिंटन फाउंडेशन ने कहा है कि यदि पूर्व प्रथम महिला हिलेरी क्लिंटन 2016 में राष्ट्रपति का चुनाव लडने का निर्णय लेती है तो वह विदेशी मदद स्वीकार करने की अपनी नीति की समीक्षा करेगा. इस फाउंडेशन की स्थापना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने की थी.
क्लिंटन फाउंडेशन ने कल एक बयान में कहा, ‘‘ यदि हिलेरी राष्ट्रपति पद का चुनेाव लडने का फैसला करती हैं तो हम यह सुनिश्चित करना जारी रखेंेगे कि अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से मदद लेने संबंधी फाउंडेशन की नीतियां और कार्यप्रणाली उचित हैं या नहीं, जैसा हमने उनके विदेश मंत्री बनने के दौरान किया था.’’बहरहाल, फाउंडेशन ने यह नहीं कहा कि यदि हिलेरी राष्ट्रपति पद का चुनाव लडती हैं तो वह विदेशी मदद स्वीकार नहीं करेगा. हिलेरी के विरोधियों ने यह मामला उठाया है.
फाउंडेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी दिखाती है कि भारत के कई लोग एवं संगठन क्लिंटन फाउंडेशन में नियमित रुप से योगदान देते हैं. फाउंडेशन ने कहा कि अन्य वैश्विक कल्याणार्थ संगठनों की तरह क्लिंटन फाउंडेशन भी दुनिया भर के व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों से मदद लेता है. उसने कहा, ‘‘ लोग इसलिए योगदान करते हैं क्योंकि फाउंडेशन के कार्यक्रम विश्वभर में लाखों लोगों का जीवन सुधारते हैं. क्लिंटन फाउंडेशन अपनी पारदर्शिता के लिए जाना जाता है.’’ हिलेरी के विदेश मंत्री बनने के बाद फाउंडेशन ने 2009 में विदेशी सरकारों से धन लेना बंद कर दिया था.
हिलेरी राष्ट्रपति पद का चुनाव लडने का विचार कर रही हैं. ऐसे में विदेशी सरकारों से धन लेने की नीति के कारण फाउंडेशन जांच के दायरे में है. क्लिंटन ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लडने संबंधी अपने निर्णय की अभी घोषणा नहीं है, यह उम्मीद है कि वह जल्द ही इस संबंधमें घोषणा करेंगी.