तालिबान और आईएस को लेकर अमेरिका का दोहरा बर्त्ताव, खड़ा हो सकता है विवाद

वाशिंगटन : अमेरिका ने दो आतंकी संगठनों के बीच विवादास्पद अंतर करते हुए अफगान तालिबान को ‘सशस्त्र विद्रोही’ और इस्लामिक स्टेट (आईएस) को ‘आतंकवादी समूह’ बताया है. व्हाइट हाउस के उप प्रवक्ता एरिक स्कल्त्ज ने सवालों के जवाब में संवाददाताओं से कहा, तालिबान एक सशस्त्र विद्रोह है. आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत) एक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 29, 2015 5:23 PM
वाशिंगटन : अमेरिका ने दो आतंकी संगठनों के बीच विवादास्पद अंतर करते हुए अफगान तालिबान को ‘सशस्त्र विद्रोही’ और इस्लामिक स्टेट (आईएस) को ‘आतंकवादी समूह’ बताया है.
व्हाइट हाउस के उप प्रवक्ता एरिक स्कल्त्ज ने सवालों के जवाब में संवाददाताओं से कहा, तालिबान एक सशस्त्र विद्रोह है. आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत) एक आतंवादी समूह है. इसलिए हम आतंकवादी समूहों को रियायत नहीं देते.
यह पूछे जाने पर कि जॉर्डन की सरकार की ओर से आईएसआईएल के साथ कैदी की अदला-बदली का फैसला और अमेरिका द्वारा अपने सैन्यकर्मी बोवे बर्गडल के लिए तालिबान के पांच सदस्यों को रिहा करने का फैसला एक जैसे हैं तो उन्होंने कहा, आप जानते हैं कि इस पर उस वक्त काफी चर्चा हुई थी और संघर्ष की स्थिति के खत्म होने पर कैदियों की अदला-बदली होती है.
दूसरी बार पूछे जाने पर कि क्या तालिबान आतंकवादी समूह है तो स्कल्त्ज ने कहा, मैं नहीं समझता कि तालिबान आतंकी समूह है. तालिबान एक सशस्त्र विद्रोह है.
गौरतलब है कि अभी तक अमेरिकी विदेश विभाग ने तालिबान को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित नहीं किया है, हालांकि उससे जुड़े समूहों तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और हक्कानी नेटवर्क को उसने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. जबकि अमेरिका ने अफगान तालिबान के सरगना मुल्ला उमर के ऊपर एक करोड डॉलर का ईनाम रखा है.

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