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गंगासागर: 8 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगायी सागर में डुबकी

गंगासागर से विकास गुप्ता देश के कोने-कोने से आस्था की डुबकी लगाने सागरद्वीप पहुंचे करीब 8 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने 14 जनवरी को गंगासागर में पवित्र स्नान किया. सुबह से ही कड़ाके की ठंड व घने कोहरे के बावजूद सुबह 4.30 बजे से ही लोगों सागर में डुबकी लगानी शुरू कर दी. एक तरफ […]

गंगासागर से विकास गुप्ता

देश के कोने-कोने से आस्था की डुबकी लगाने सागरद्वीप पहुंचे करीब 8 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने 14 जनवरी को गंगासागर में पवित्र स्नान किया. सुबह से ही कड़ाके की ठंड व घने कोहरे के बावजूद सुबह 4.30 बजे से ही लोगों सागर में डुबकी लगानी शुरू कर दी. एक तरफ साधु संयासी सागर में पुण्य स्नान कर रहे थे, तो दूसरी बुजुगरें के साथ उनके परिजन गंगासागर में आस्था के स्नान में व्यस्त दिखे.

किसी ने गो दान किया तो किसी ने तुलसी

सागर में नहाने के बाद परिवार की महिलाएं घर-परिवार की सुख शांति के लिए सूर्य देवता की पूजा में व्यस्त दिखीं. इसके बाद कुछ महिलाओं ने सागर तट पर गो दान किया, तो कुछ महिलाओं ने तुलसी के पौधे की पूजा पाठ खत्म कर तुलसी दान किया. सागर तट पर रमेश पुरोहित ने बताया कि श्रद्धा के हिसाब से लोग गो दान कर रहे हैं. कोई दो हजार एक रुपये में गौ दान कर रहा है, तो कोई पांच सौ एक रुपये में. उन्होंने कहा कि सागर तट पर गो दान करने की इच्छा लेकर आनेवाले अपनी श्रद्धा के मुताबिक इस मनोकामना को पूरा कर रहे हैं.

नेपाल से भी गंगासागर आयीं महिलाएं

नेपाल के पोखरा से 62 महिलाओं का एक दल मंगलवार शाम को गंगासागर पहुंचा था. सभी महिलाओं ने सागरद्वीप में पहुंच कर स्नान किया. पवित्र स्नान के बाद पूजा-पाठ कर रही नेपाली नागरिक साधिका सापकोटा ने बताया कि दस जनवरी को दो बसों में वे नेपाल से गंगासागर के लिए निकली थीं. यहां 14 जनवरी को पुण्य स्नान खत्म करने के बाद वे यहां से बोधगया जायेंगी. वहीं तिप्ती लामा ने बताया कि पहली बार यहां आने के बाद जो शांति उन्हें मिली है, उसकी उम्मीद नहीं थी. गंगासागर व बोधगया प्राय: आसपास होने के कारण अब हर बार इस तीर्थ स्थान के दर्शन के लिए वह यहां पहुंचेंगी.

स्नान की होड़ में एक घायल

लोगों की भीड़ के कारण कुछ समय के लिए नहाने के पहले सागर में जाने के एक नंबर रास्ते में बैरिकेड लगा कर लोगों को रोका गया था. इस बैरिकेड के अचानक खुलने से भाग-दौड़ में एक 82 वर्षीय वृद्ध इसमें दब गया. तत्काल वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें जख्मी हालत में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. घायल वृद्ध का नाम मुन्ना पटेल है. वह अपने बेटे के साथ मध्य प्रदेश के मैहर से गंगासागर आये है.

पांच लाख श्रद्धालु घर के लिए रवाना : डीएम

दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी शांतनु बोस ने बताया कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को 8 लाख से ज्यादा लोगों ने सागर में महास्नान किया. जिसमें से पांच लाख से अधिक लोग नहाने के बाद शाम पांच बजे तक वापस सागरद्वीप से कोलकाता के लिए रवाना हो गये, जबकि पांच लाख से कुछ कम श्रद्धालु अब भी शिविरों में हैं. वे सभी गुरुवार को पुण्य तिथि में स्नान कर घर के लिए रवाना होंगे. वहीं 15 जनवरी को नहाने के लिए बुधवार शाम तक तकरीबन 5.5 लाख लोग और गंगासागर पहुंचे हैं.

कपिलमुनी मंदिर के सामने भक्तों की लगी लंबी कतार

गंगासागर में डुबकी लगाने के बाद भक्तों का अपार जन सैलाब कपिलमुनी मंदिर के बाहर देखा गया. लोगों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की तरफ से सागर तट से मंदिर परिसर तक कुल आठ बैरिकेड बनाये गये थे. प्रत्येक बैरिकेड से पांच सौ के करीब श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा था. कतार में खड़े सभी भक्तों की नजरें कपिलमुनी मंदिर के प्रमुख द्वार पर टिकी थीं. हर भक्त भगवान के दर्शन की आस लगाये कतार में खड़ा था. सुबह छह बजे से ही लोग दर्शन कर घर के लिए रवाना होत दिखे. दक्षिण 24 परगना के पुलिस अधीक्षक प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि पूरे मेला प्रांगण में चार हजार पुलिस कर्मी सुरक्षा के लिहाज से तैनात हैं. भक्त सुरक्षित तरीके से दर्शन कर सकें, इसे लेकर सभी इंतजाम किये गये हैं. भक्तों की भीड़ में पहले दर्शन के लिए भक्तों में लगी होड़ को रोकने के लिए बैरिकेड बनाया गया है.

बिछड़े को मिलाने में तत्पर है बजरंग परिषद

शाही स्नान के लिए देश के कोने-कोने से गंगासागर आकर यहां अपनों से बिछड़ जाने वाले सभी लोगों को अपनों से मिलाने का काम बड़ाबाजार की एक संस्था बजरंग परिषद कर रही है. संस्था के सेवा सचिव सुरेश अग्रवाल ने बताया कि उनके रिकार्ड के मुताबिक 12 जनवरी से लेकर 14 जनवरी तक मेले में कुल नौ हजार से ज्यादा लोग अपनों से बिछड़े थे, इनमें अधिकतर लोगों को अपनों से मिला दिया गया है. संस्था के प्रयास से कुल साढ़े आठ हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं के चेहरों पर अपनों से मिलने की खुशी लौट चुकी है.

मेला प्रांगण से कुल 58 बदमाश गिरफ्तार

सागर मेला प्रांगण में गत मंगल व बुधवार को भोले-भाले श्रद्धालुओं को अपना शिकार बना कर उनसे रुपये,मोबाइल और सोने के चेन छीनने के आरोप में पुलिस ने कुल 58 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने 20 मोबाइल फोन, 23 हजार रुपये नगद और आठ सोने का चेन जब्त किये हैं. दक्षिण 24 परगना के पुलिस अधीक्षक प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि मंगलवार की तुलना में बुधवार को ज्यादा बदमाशों को गिरफ्तार किया गया. मंगलवार देर रात 12 बजे से लेकर बुधवार देर रात तक पुलिस ने कुल 43 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. इन बदमाशों के पास से पुलिस को 10 मोबाइल फोन मिला है, इसके अलावा पुलिस ने देर रात महिलाओं के गले से सोने का चेन छीन कर भाग रहे बदमाशों को गिरफ्तार कर कुल पांच सोने का चेन भी इनके पास से जब्त किये. गिरफ्तार बदमाशों के पास से कुल आठ हजार रुपये नगद मिले हैं.

स्नान के दौरान एक तीर्थयात्री की मौत
गंगासागर स्नान के समय तीर्थयात्री रामस्वरूप कायत (69) की मौत हो गयी. वह जयपुर के कृष्णपुरी के रहनेवाले थे. पुलिस के अनुसार वे तीन नंबर रोड के तट पर स्नान कर रहे थे. स्नान करने के दौरान वे बेहोश होकर गिर गये. उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत करार दिया गया. सागर मेले के दौरान यह दूसरी मौत है. इसके पहले सोमवार को एक तीर्थयात्री की मौत हो गयी थी.

श्री पुष्टिकरण सेवा समिति सागर में सक्रिय
श्री पुष्टिकर सेवा समिति के कार्यकर्ता मेला क्षेत्र में तीर्थयात्रियों की सेवा में जुटे हैं. संस्था के सेवा शिविर में यात्रियों को भोजन से लेकर आवास तक की व्यवस्था नि:शुल्क उपलब्ध करवायी जा रही है. संयोजक श्री देवेंद्र बिस्सा व मंत्री राजकुमार पुरोहित के अनुसार संस्था विगत 64 वर्षो से यहां शिविर लगाती आ रही है. इस बार भीड़ अधिक है पर संस्था के वरिष्ठ कार्यकारी सदस्य जेठमल रंगा, प्रेम कल्ला, दिनेश व्यास,अरुण पुरोहित,शिव कुमार व्यास, सुनील रंगा, मनीष पुरोहित,शिव जोशी व अन्य सदस्य तीर्थयात्रियों की सेवा में जुटे है.ासेवी रामेश्वर लाल भट्टड़, जगत कोचर व अन्य विशिष्ट व्यक्ति यों ने संस्था के सेवा कार्यो का जायजा लिया और संस्था के कार्यकार्ताओं की सेवानिष्ठा व प्रयासों की सराहना की.

शंकराचार्य ने की महाआरती
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी गंगासागर में पधार कर देशहित और गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के संकल्प के साथ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने गंगासागर में बुधवार की शाम छह बजे महाआरती की. सागरतट पर इस दौरान उनके साथ असंख्य साधु सन्यासियों ने महाआरती में हिस्सा लिया. शाम छह बजे के करीब उनके साथ असंख्य श्रद्धालुओं ने भी गंगा आरती की. दीप प्रज्जवलित कर उन्होंने तकरीबन आधे घंटे तक गंगा की आरती की गयी. मौके पर उन्होंने कहा कि देशहित व गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के संकल्प के साथ सभी साधु संन्यासियों को इस तरह की महाआरती में शामिल होना चाहिए. जो यहां नहीं आ पाये हैं, उन्हें अपने स्थानीय जगहों पर इस तरह की आरती का आयोजन करना चाहिए, इससे पूरे देश में सुख व शांति कायम होगी. 15 जनवरी को सुबह आठ बजे शंकराचार्य निश्चलानंद जी सागर में डुबकी लगा कर महास्नान करेंगे.


ठंड से बचने के लिए हजारों रुपये चुकाने पड़े तीर्थयात्रियों को

गंगासागर के पुण्य स्नान के एक दिन पहले 14 जनवरी की रात तकरीबन पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने के कारण सरकार द्वारा बनाये गये अपेक्षा से ज्यादा टेंट के बावजूद मेला परिसर में टेंट की किल्लत हो गयी. इसी किल्लत का फायदा यहां के स्थानीय लोग उठा रहे हैं. लोगों की मजबूरी को उन्होंने अपना व्यवसाय बना लिया है. गंगासागर में डुबकी लगाने आये लोगों को इस कड़ाके की ठंड में सिर छिपाने के लिए एक अस्थायी जगह खोजना एक मजबूरी बन गयी है. इसी का फायदा यहां साल भर रहने वाले लोग उठा रहे हैं. सागर तट पर होबला पत्ते का अस्थायी टेंटनुमा जगह बना कर वहां पनाह लेनेवालों से हजारों रुपये वसूले जा रहे हैं. इसके बावजूद लाखों तीर्थयात्री खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं.

लोगों की परेशानी उन्हीं की जुबानी

कपिलमुनि मंदिर के पास से सागर तट पर जाने वाले चार नंबर रास्ते में झारखंड के हजारीबाग से आये कपिल तरवे बताते हैं कि कैंप में रहने की जगह नहीं मिलने पर अस्थायी आशियाने की तलाश कर रहा था, इसी बीच एक युवक उसे इशारों में बुलाया और टेंट में रहने का ऑफर दिया. शुरुआत में इनकार करने के बाद अंत में ठंड को देखते हुए उसके साथ कुछ दूर गया तो देखा होबला पत्ते का बना एक टेंट नुमा जगह, जिसके ऊपर ओस रोकने के लिए प्लास्टिक लगा हुआ था. अब शुरू हुई रुपये की बात. युवक ने एक व्यक्ति के दो दिन रहने की कीमत दो हजार रुपये मांगी. अंत में परिवार के तीन सदस्यों के लिए पांच हजार रुपये में सौदा तय हुआ. बिहार के लक्खीसराय से आये रमन लाल बताते हैं कि पहले वे सरकारी टेंट में गये थे, लेकिन जगह नहीं होने के कारण उन्हें भी इस तरह के अस्थायी टेंट में पत्नी के साथ 3700 रुपये देकर रहने को बाध्य होना पड़ा.

चार नंबर रोड पर बने इस अस्थायी टेंट में अपने बुजुर्ग पिता से मुलाकात के लिए वहां आये जगदीश प्रसाद बताते है कि मैं एक प्राइवेट जॉब करता हूं. इस बार पिता को गंगासागर दर्शन कराने का मन था, सो उन्हें लेकर यहां चला आया. भीड़ ज्यादा होने के कारण खचाखच भरे सरकारी व सेवा संस्थाओं के शिविरों में भी जगह नहीं मिली. इसके कारण पिता के लिए 22 सौ रुपये देकर अस्थायी टेंटों में सिर छिपाने की जगह दो दिन के लिए मिली. रुपये ज्यादा नहीं होने के कारण सिर्फ पिता को ही टेंटनुमा जगह में रख पाया. खुद खुले आसमान के नीचे ही प्लास्टिक ओढ़ कर रात गुजारी है. सिर्फ गंगासागर में कपिलमुनि मंदिर के पास चार नंबर द्वार ही नहीं, लोगों की मजबूरी का फायदा उठा कर दो नंबर, तीन नंबर व पांच नंबर रास्ते में ही जगह-जगह इस तरह की छावनियां बनी हुईं हैं और इसमें रहने के लिए मनमाने ढंग से श्रद्धालुओं से पैसे वसूले जा रहे हैं.

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