पटना: पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद से दिल मिल चुका है, अब दल मिलेंगे. महागंठबंधन के बाद विलय की जो भी बात हो रही है वह लालू की सहमति से ही हो रही है. जल्द ही छह राजनीतिक दलों का विलय होगा और नया राजनीतिक स्वरूप उभर कर सामने आयेगा. विलय के बाद दल का नया नाम, नया झंडा और नया चुनाव चिह्न् होगा. इसके लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को अधिकृत किया गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री पार्टी ऑफिस में जदयू राजनीतिक सलाहकार समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि छह राजनीतिक दलों के विलय की खबर से भी भाजपा लोगों को डरा रही है. कहा जा रहा है कि जंगल राज आ जायेगा, लेकिन इससे किसी को घबराने की जरूरत नहीं है. भाजपा खुद डरी हुई है और लोगों को डर दिखा रही है. नीतीश ने कहा कि उन्हें गवर्नेस के अलावा कुछ नहीं आता. विलय के बाद नये दल का कमिटमेंट भी गवर्नेस ही होगा. विलय के बाद नये दल के लिए नेता का चुनाव किया जायेगा.
‘नीति’ आयोग नहीं है इंस्टीटय़ूट
नीतीश ने योजना आयोग को भंग करने का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि जिस योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया गया है वह आयोग नहीं, एक संस्थान है. नेशनल इंस्टीटय़ूट फॉर ट्रासफॉर्मिग इंडिया या राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (नीति आयोग) कहा जा रहा है. यह संस्थान केंद्रीय धन का बंटवारा नहीं कर सकता है. इससे चिंता हो गयी है कि बिहार को राशि कैसे मिलेगी. योजना आयोग को भंग कर केंद्र सरकार ने प्लान इकोनॉमी को गुडबाय कह दिया है. योजना आयोग को भंग करने को लेकर मुख्यमंत्रियों की बैठक में बिहार की ओर से इसका विरोध किया गया था, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया. सिर्फ खानापूर्ति के लिए मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलायी गयी थी. नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार फिलहाल दो पॉलिसी पर चल रही है. एक तो कॉरपोरेट व बड़े घरानों को खुश करने की और दूसरा देश को तोड़ने की. दिल्ली में बैठे लोग विकास की बात कर रहे हैं, लेकिन नीचे के लोग भावना भड़का रहे हैं.
चोर दरवाजे से कानून बना रहा केंद्र
केंद्र सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की भी नीतीश ने आलोचना की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चोर दरवाजे से कानून बना रही है. किसानों के हित में जो कानून बना उसे संशोधित कर दिया गया. किसानों के लिए वोट मांगा और अब केंद्र सरकार उनकी जमीन लेगी. किसानों से औने-पौने दाम पर जमीन ली जायेगी और उसमें शहर बनाया जायेगा. इस पर चर्चा होनी चाहिए थी. क्या जरूरत थी कि अध्यादेश लाया जाये? जब दो महीने बाद बजट सत्र होता तो उसमें विधेयक पर चर्चा हो सकती थी, लेकिन केंद्र सरकार चर्चा से भागना चाहती है, इसलिए अध्यादेश लेकर आयी. यह लोकतंत्र में गलत परंपरा की शुरुआत है. नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार समाज को बांटने का काम कर रही है. केंद्र के एक मंत्री और उसके बाद एक सीनियर सांसद राष्ट्रपिता के हत्यारे को देश भक्त कह रहे हैं. धर्मातरण कराया जा रहा है. पैसों का प्रलोभन देकर समाज को बांटने की कोशिश हो रही है.
विलय पर सैद्धांतिक सहमति
जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी समेत छह राजनीतिक दलों के विलय पर जदयू की राजनीतिक सलाहकार समिति ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. अब रविवार को पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में सहमति के बाद पार्टी की ओर से विलय को अंतिम रूप से मंजूरी दे दी जायेगी. शनिवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित राजनीतिक सलाहकार समिति की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने कहा कि देश में राजनीतिक परिस्थिति के कारण विलय आज समय की मांग है. देश में जिस प्रकार जो वादा किये गये, उसे पूरा कराने के बजाये केंद्र सरकार दूसरे कामों में ही लगी हुई है.
किसानों, युवाओं, आम लोगों से जो भी वादा किया गया उसे पूरा ना कर उन्हें धोखा मिला है. इसी को लेकर संपर्क यात्रा के दौरान भाजपा नेताओं व उन्हीं के समर्थित लोगों के बयानों को दिखाया था. इससे कार्यकर्ताओं व लोगों को अब एहसास हो रहा है कि वे लोग ठगे गये हैं और उनके साथ धोखा हुआ है. बैठक में नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो अध्यादेश लाया है उसका हमलोगों ने विरोध जताया है. विदेश के काला धन लाने और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने, विशेष पैकेज, विशेष अटेंशन देने की बात की भी नीतीश ने चर्चा की. केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए कि वह गरीबों के खाते में 15-20 लाख रुपये कब जमा कर रही है. इसके अलावा उन्होंने फिल्म ‘पीके’ के बारे भी कहा कि इसमें अंधविश्वास पर प्रहार किया गया है.
जो समाज और देश के लिए अच्छा मैसेज जाता है. बैठक में राजनीतिक सलाहकार समिति के 189 सदस्यों में से करीब 153 लोग मौजूद थे और इसमें से 20 लोगों को बोलने का मौका मिला. बैठक के बाद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि सदस्यों ने पार्टी की राजनीतिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए सुझाव दिये और राजनीतिक चुनौतियों की चर्चा की. सभी में राजनीतिक दलों के विलय पर नीतीश कुमार के फैसले का स्वागत किया. विलय के लिए सभी राजनीतिक दलों को पार्टी की प्रक्रिया से गुजरनी पड़ती है. रविवार को राज्य पदाधिकारियों की बैठक होगी. देश स्तर पर विलय होगा और सभी पार्टियां इसमें मुहर लगायेंगी. जहां तक विलय की तारीख के एलान करने की बात है तो सभी दलों के नेता की सहमति से यह होगा. जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बैठक में सभी ने संपर्क यात्र की सफलता पर खुशी व्यक्त की. 14 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर पार्टी की ओर से दही-चूड़ा भोज की बात कही. बैठक में जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह, नीरज कुमार, डा. निहोरा प्रसाद यादव, महासचिव रवींद्र सिंह, नवीन कुमार आर्य, विधान पार्षद रामवचन राय, संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, पूर्व विधायक सतिश कुमार समेत राजनीतिक सलाहकार समिति के सदस्य मौजूद थे. विलय की खबर से भाजपा लोगों को डरा रही है