।। दक्षा वैदकर ।।
पिछले दिनों मैंने एक दोस्त से बातचीत के दौरान किसी की तारीफ की. दोस्त ने मुझे तुरंत टोका, ‘‘अरे, तुम उसकी तारीफ क्यों कर रही हो? तुम्हें याद नहीं कि उसने तुम्हारे साथ कितना बुरा व्यवहार किया था?’’ मैंने जवाब दिया, ‘‘वह सब तो मैं कब का भूल गयी.’’ दोस्त ने कहा, ‘‘ऐसी बात तुम कैसे भूल सकती हो! मेरे साथ अगर कोई बुरा करता है, तो मैं उसे जिंदगी भर याद रखता हूं और उस व्यक्ति को बाद में मजा चखाता हूं.’’
मेरे दोस्त की तरह ही दुनिया में ऐसे अनेक लोग हैं, जो लोगों के बुरे व्यवहार, बुरी घटनाओं को दिमाग में भर कर रखते हैं और बड़े गर्व से कहते हैं, ‘‘मैं तो यह बात जिंदगी भर याद रखूंगा.’’ ऐसे लोगों से केवल एक सवाल– जब आप किसी यात्रा पर जाते हैं और आपके पास ढेर सारा सामान होता है, जैसे दो भारी बैग हाथों में, एक बैग पीठ पर, पानी की बोतल, लंच बॉक्स, तो क्या आपकी यात्रा बड़े आराम से हो पाती है? नहीं. आपके चलने की गति धीमी पड़ जाती है, आप थक जाते हैं.
यह सब इसलिए, क्योंकि आप अपने साथ बहुत सारा बोझ लिये घूम रहे हैं. वहीं जब कोई कुली आकर आपसे सारा सामान ले लेता है और आपका हाथ पूरी तरह खाली हो जाता है, तो आप कितनी मस्ती में झूमते हुए चलते हैं. तब आप अपने आसपास की खूबसूरत वादियों को निहारने का समय निकाल पाते हैं. ऐसा ही होता है हमारे दिमाग के मामले में. यदि आप ढेर सारे बुरे विचार अपने दिमाग में भर कर रखेंगे, तो आपके जीवन की यात्रा आरामदेह नहीं रह जायेगी. आपको लक्ष्य तक पहुंचने में ज्यादा वक्त लगेगा.
हम सभी के लिए जरूरी है कि जिस तरह हम हर सुबह अपना घर साफ करते हैं, अपने शरीर साफ करने के लिए नहाते हैं, ठीक उसी तरह अपने दिमाग को भी रोज सुबह साफ करें. यह बहुत साधारण–सी बात है. अगर आप घर के कूड़ेदान का कचरा दो–तीन दिन नहीं फेंकते, तो पूरे घर में बदबू फैल जाती है. ठीक इसी प्रकार अगर आप कुछ दिन पहले की बात को, किसी के द्वारा किये गये अपमान को, बुरे व्यवहार को अपने दिमाग में जमा करते जायेंगे, तो आपका दिमाग भी बदबूदार हो जायेगा.
– बात पते की
* लोगों के बुरे व्यवहार को जल्दी भूल जाना चाहिए. अगर आप उस घटना को याद रखेंगे, तो उस व्यक्ति का नहीं, बल्कि आपका नुकसान होगा.
* जब आप ढेर सारी बुरी बातें याद रखते हैं, तो आप अपने दिमाग में अच्छी बातों की जगह कम कर देते हैं. दिमाग में रह जाती है सिर्फ बदबू.