चंद्रमंडीह . सरकार की लचर व्यवस्था के कारण महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की हालत बद से बदतर हो गयी है. यहां तक कि आवंटन के अभाव में हजारांे मजदूरांे का मजदूरी का रुपया बांकी है.इसी प्रकार प्रखंड में कार्यरत मनरेगा पदाधिकारी और रोजगार सेवक को आठ माह से वेतन नहीं मिला है. इधर मजदूरांे की प्रताड़ना तो उधर वेतन नहीं मिलने से उत्पन्न स्थिति का सामना करना मनरेगा पदाधिकारी एवं कर्मियांे के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है. अब इनके समक्ष भूखमरी की नौबत आ गयी है.रोजगार सेवक इबरार अहमद, अंजीत कुमार, प्रदीप कुमार, मंटून कुमार, अरुण कुमार गुप्ता, रमेश कुमार, धीरेंद्र कुमार, मुकेश कुमार शर्मा, राजीव कुमार, सुबोध कुमार सिन्हा आदि दर्जनांे रोजगार सेवकों ने बताया कि एक तो कम बेतन उसमंे भी आठ माह से नहीं मिला है. वेतन नही मिलने से बच्चांे की पढ़ाई- लिखाई पर असर पड़ रहा है. दुकानदारों का हमलोगांे के उपर हजारों रुपये कर्ज हो चुके है.मनरेगा कार्यालय की स्थिति बद से बदतर हो गयी है. मनरेगा पदाधिकारी सुशील कुमार ने भी कहा कि आठ माह से मुझे भी वेतन नहीं मिला है और हमारी भी स्थिति दयनीय हो गयी है.
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नहीं मिला है मनरेगाकर्मियों का आठ माह से वेतन
चंद्रमंडीह . सरकार की लचर व्यवस्था के कारण महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की हालत बद से बदतर हो गयी है. यहां तक कि आवंटन के अभाव में हजारांे मजदूरांे का मजदूरी का रुपया बांकी है.इसी प्रकार प्रखंड में कार्यरत मनरेगा पदाधिकारी और रोजगार सेवक को आठ माह से वेतन नहीं मिला है. इधर मजदूरांे […]
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