फोटो:- 12 ( मंचासीन संत, स्थानीय विधायक एवं अन्य)प्रतिनिधि, चकाईप्रखंड क्षेत्र स्थित नावाडीह गांव में मंगलवार को जिला संतमत सत्संग का 23 वां वार्षिक अधिवेशन विलान संत महात्मा की उपस्थिति में विधि पूर्वक प्रारंभ किया गया. मौके पर उपस्थित सर्वश्री चतुरानंद जी महराज, स्वामी वेदानंद जी महाराज, स्वामी योगानंद जी महाराज सहित अन्य साधु-संतो ने सत्संग प्रेमियों को ज्ञान अमृत का पान कराया. स्वामी चतुरानन्द जी महराज ने कहा कि सत्संग में भाग लेने से मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी ज्ञानी बन जाता है. मनुष्य में ज्ञान की प्राप्ति होने से उनमें अच्छे कर्म करने की लालसा जगती है. जिससे उसे मोक्ष प्राप्ती होती है. स्वामी वेदानन्द जी महाराज ने कहा कि कली काल में काल से बचने का एक मात्र साधन सत्संग ही है. सत्संग के जरिये ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है. यह अधिवेषन बुधवार तक चलेगा. सत्संग के वार्षिक अधिवेशन में शिरकत कर रहे स्थानीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने कहा विलान संत-महात्माओं की उपस्थिति में ऐसे कार्यक्रम में भाग लेने पर काफी सुखद अनुभूति होती है.साथ ही कहा कि सत्संग के माध्यम से सामाजिक समरसता को काफी मजबूती मिलती है. सत्संग में विशेष कर जति, धर्म का कोई भेदभाव नहीं रहता. मौके पर उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि संतों के अमृत वाणी को ग्रहण कर उसे अपने अंदर उतारें तभी सत्संग में शामिल होना सार्थक होगा. इस दौरान जिप अध्यक्ष राजेन्द्र यादव, श्रीकांत दास, प्रदीप दास, रंजीत आजाद, कार्तिक दास, राजेश दास, अरूण यादव, विजय दास सहित हजारों सत्संग प्रेमी मौजूद थे.
सत्संग से ज्ञान में होती है वृद्धि : स्वामी चतुरानंद
फोटो:- 12 ( मंचासीन संत, स्थानीय विधायक एवं अन्य)प्रतिनिधि, चकाईप्रखंड क्षेत्र स्थित नावाडीह गांव में मंगलवार को जिला संतमत सत्संग का 23 वां वार्षिक अधिवेशन विलान संत महात्मा की उपस्थिति में विधि पूर्वक प्रारंभ किया गया. मौके पर उपस्थित सर्वश्री चतुरानंद जी महराज, स्वामी वेदानंद जी महाराज, स्वामी योगानंद जी महाराज सहित अन्य साधु-संतो ने […]
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