-विम्बलडन में टास करने रवाना हुई-
ब्रिटिश उच्चायुक्त सर जेम्स बेवन को लगता है कि 11 वर्षीय पिंकी सोनकर की मुस्कुराहट विम्बलडन टेनिस ग्रैंडस्लैम के सेंटर कोर्ट की चमक बढ़ा देगी और इस टूर्नामेंट में उनके देश के खिलाड़ी एंडी र्मे के लिये भाग्यशाली साबित होगी.
पिंकी की हाल में होठ की सजर्री हुई है जिससे उबर चुकी हैं. पिंकी ने आस्कर विजेता डाक्यूमेंटरी ‘स्माइल पिंकी’ में काम किया था, उन्हें विम्बलडन के पुरुष एकल फाइनल के शुरु होने से पहले टास करने के सम्मान से नवाजा गया है. ब्रिटिश उच्चायोग के चैरीटी संस्था ‘स्माइल ट्रेन’ के साथ मिलकर आयोजित किये गये रवानगी कार्यक्रम में पिंकी ने कहा,‘‘मुझे विम्बलडन नहीं मालूम है, लेकिन वहां सिक्का उछालने जा रही हूं.’’
विम्बलडन पिछले कुछ वर्षों से गैर सरकारी संस्थाओं की मदद करता है. इस कड़ी में न्यूयार्क स्थित गैर सरकारी संगठन ‘स्माइल ट्रेन’ को इस साल यह सम्मान मिला है जो दुनिया भर में होठ की विकृतियों की सजर्री करने वाली विश्व की सबसे बड़ी संस्था है जिसने पिंकी की सजर्री करायी है. पिंकी इस तरह विम्बलडन में टास करने वाली पहली भारतीय होंगी. लंदन के विशाल झूले ‘लंदन आई’ के बारे में पूछने पर वह मुस्कुराते हुए बोली, ‘‘वैसा गोल, गोल घूमने वाला झूला मेरे स्कूल में है, छोटा वाला.’’पिंकी ने कहा, ‘‘मुझे इंग्लिश, हिंदी, गणित, चित्रकला और खेल भी पंसद हैं. मैं बड़े होकर शिक्षिका बनना चाहती हूं.’’
ब्रिटिश उच्चायुक्त ने इस मौके पर कहा, ‘‘वह लंदन देखने जा रही है और मुझे इस समय विम्बलडन में सेंटर कोर्ट से बेहतर कोई स्थान नहीं लगा, जहां वह सिक्का उछालेगी. सभी लोगों की मुस्कान की भाषा एक सी होती है और मुझे लगता है कि पिंकी की मुस्कान लंदन में चमक बिखेर देगी.’’उच्चायुक्त बेवन ने कहा, ‘‘लेकिन इससे कहीं ज्यादा मुझे लगता है कि पिंकी की मुस्कान हमारे लिये भाग्यशाली भी रहेगी. पिछले 60 से ज्यादा वर्षों से इंग्लैंड के किसी खिलाड़ी ने पेशेवर पुरुष एकल टेनिस का खिताब नहीं जीता है लेकिन इस साल पिंकी हमारे लिये भाग्यशाली हो सकती है.’’