17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दूसरों की बात बीच में न काटें, होगा नुकसान

।। दक्षा वैदकर ।।पहले मुझे लोगों की बात बीच में काटने की बहुत बुरी आदत थी. जब भी कोई मुझे कुछ बताना शुरू करता, मैं उसकी बात काट, उसमें अपने शब्दों को डाल कर साबित करना चाहती कि तुम जो बता रहे हो या रही हो, वो मुझे पहले से पता है. मैं यह भी […]

।। दक्षा वैदकर ।।
पहले मुझे लोगों की बात बीच में काटने की बहुत बुरी आदत थी. जब भी कोई मुझे कुछ बताना शुरू करता, मैं उसकी बात काट, उसमें अपने शब्दों को डाल कर साबित करना चाहती कि तुम जो बता रहे हो या रही हो, वो मुझे पहले से पता है.

मैं यह भी साबित करना चाहती थी कि तुम्हें कोई भी बात कम शब्दों में कहनी नहीं आती. बेवजह खींच रहे हो. देखो, मैंने कितनी जल्दी और कितनी आसानी से कह दी. इस घमंड से मुझे बहुत नुकसान भी हुआ. कई लोगों ने बात बताना ही बंद कर दिया, तो कई चिढ़ कर कहने लगे ‘तुम्हें तो सब पता ही होगा’. एक सहेली ने लेकिन मुझे सुधारने के लिए शायरी याद कर ली. जब भी मैं कोई बात काटती वह कहती- ‘वो कत्ल भी कर देते, तो होता नहीं मलाल.. अफसोस ये है कि उसने मेरी बात काट दी’. शुरुआती कुछ दिन मैं इस शायरी को सुन खूब हंसी और उसे उसकी बात पूरी करने दी, लेकिन बाद में महसूस हुआ कि सच में मैं लोगों की बात बहुत काटती हूं, जिससे संबंध बिगड़ रहे हैं और नुकसान भी हो रहा है.

बस फिर क्या था, मैंने कसम खायी कि अब किसी की बात नहीं काटूंगी. भले ही वह कितनी ही देर क्यों न लगाये किसी बात को समझाने में. शुरू-शुरू में बहुत परेशानी हुई, लेकिन बाद में इसकी आदत-पड़ ही गयी. लोग खुश रहने लगे कि कोई तो है, जो उनकी बात मन लगा कर बिना काटे सुनता है. इस तरह मुझे यह फायदा भी हुआ कि मैं लोगों को बेहतर तरीके से समझने लगी. कई बार मैं मन-ही-मन अंदाजा लगाती कि सामने वाला अब ये लाइन कहेगा, लेकिन मैं गलत साबित होती. मैं उसकी बात पूरी सुनती, तो पता चलता कि माजरा तो कुछ और ही है.

दोस्तों अगर आपको भी बात काटने की आदत है, तो इसे जल्दी से ठीक कर लें. दरअसल हम सामनेवाले की बात अंदाजे से काटते हैं कि वह आगे यही कहने वाला होगा. ऐसे में कई बार सामनेवाला अपनी बात और प्रेशर से समझाने की कोशिश करता है. उसके बोलने की गति और आवाज दोनों तेज हो जाती है. फिर हम भी और जोर से बोलते हैं. इस तरह सीधी-सरल बातचीत, बहस में तब्दील हो जाती है. बेहतर है कि हम लोगों की बात को पूरा सुनें. उन्हें काट कर छोटा करने की कोशिश न करें.

– बात पते की
* हमारी बात काटने की आदत साधारण-सी चर्चा को कई बार बहस और बड़े झगड़े में बदल देती है. बेहतर है कि खुद के बोलने पर कंट्रोल लगा लें.
* कभी किसी को टोक कर यह न कहें कि ‘मैं समझ गया हूं’. इससे सामनेवाले को चोट पहुंचती है. लोगों को उनकी बात पूरी करने दें. उन्हें शांति से सुनें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें