हजारीबाग : हजारीबाग विधानसभा क्षेत्र के कटकमसांडी प्रखंड के बाझा पंचायत स्थित हटकोणा गांव विकास से कोसों दूर है. इस गांव से जिप सदस्य कु लदीप सिंह भोक्ता बने हैं. गांव को पक्की सड़क, पेयजल की सुविधा, बिजली और सरकारी लाभ नहीं मिल पाया. प्रखंड मुख्यालय से मात्र तीन किमी की दूरी पर हरिजन बहुल गांव में सरकारी विकास की योजनाएं नहीं दिखती हैं.
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जिप सदस्य के गांव में भी सुविधा नहीं
हजारीबाग : हजारीबाग विधानसभा क्षेत्र के कटकमसांडी प्रखंड के बाझा पंचायत स्थित हटकोणा गांव विकास से कोसों दूर है. इस गांव से जिप सदस्य कु लदीप सिंह भोक्ता बने हैं. गांव को पक्की सड़क, पेयजल की सुविधा, बिजली और सरकारी लाभ नहीं मिल पाया. प्रखंड मुख्यालय से मात्र तीन किमी की दूरी पर हरिजन बहुल […]
पगडंडी के सहारे लोग गांव जाते हैं. उप-स्वास्थ्य केंद्र भवन काफी जर्जर है. कोई चिकित्सीय सुविधा लोगों को नहीं मिल रही है. यहां के अधिकांश युवक रोजगार के लिये बाहर पलायन कर गये हैं. बाकी बचे लोग आसपास बहनेवाले नाले से सटी जमीन पर सब्जी उगाते हैं. जिला परिषद सदस्य के गृह गांव में विकास नहीं होने से कई सवाल खड़े होते हैं. अन्य गांवों में विकास कैसे होगा.
* नहीं हो पाया संसाधनों का उपयोग
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग सदर विधानसभा क्षेत्र में चिकित्सा की उचित व्यवस्था नहीं है. आज भी इस प्रमंडल के लोगों को अच्छी चिकित्सा के लिए राजधानी जाना पड़ता है. यहां मेडिकल कॉलेज स्थापना की बात कही गयी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. शहर के चारों ओर रिंग रोड का कार्य भी लंबित है.
रेलवे स्टेशन के पास अंतरराज्यीय बस अड्डा भी नहीं बना.
शहर को सुंदर, स्वच्छ बनाने की कोई पहल यहां अब तक नहीं हुई. शहरी क्षेत्र को नगर निगम बनाने का प्रस्ताव तक नहीं भेजा गया. मास्टर प्लान बनाने की योजना धरातल पर नहीं है. इस विधानसभा क्षेत्र को सॉलिड बेस्ड मैनेजमेंट योजना के लिये 2006 में करोड़ों रुपये उपलब्ध कराये गये, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अनियमित आपूर्ति से लोग परेशान हैं. सिंदूर सब स्टेशन में पांच एमबीए का पावर ट्रांसफारमर रिपेयरिंग का कार्य शुरू नहीं हो पाया.
शहर में अंडरग्राउंड बिजली वायरिंग की योजना स्वीकृत नहीं करायी गयी.
कटकमदाग, कटकमसांडी और सदर प्रखंड की कृषि भूमि सिंचाई के अभाव में बंजर हो रही है. कई चैकडैम की योजनाएं लंबित हैं. सरकारी कोल्ड स्टोरेज तक नहीं है. रोजगार के लिये कोई कल-कारखाने नहीं खुले हैं. खिलाड़ियों के लिए मानक खेल मैदान व स्टेडियम तक नहीं है. बडे बड़े खेल मैदान को जैसे-जैसे स्टेडियम बना कर बरबाद कर दिया गया.
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