।। मनोज सिंह ।।
रांची : कांके विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला रोचक है. पिछली बार भाजपा ने 4571 मतों से जीत दर्ज की थी. पिछली बार भाजपा की टिकट से चुनाव जीतनेवाले प्रत्याशी रामचंद्र बैठा का पार्टी ने टिकट काट दिया. इस बार बीजेपी से डॉ जीतूचरण राम मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस ने पिछले चुनाव में भाजपा को परेशानी में डालने वाले युवा नेता सुरेश बैठा को उम्मीदवार बनाया है.
सुरेश को ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा समर्थन मिला था. शहरी मतदाताओं के कम समर्थन के कारण वह सीट हार गये थे. 1990 से कांके विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में है. चार बार रामचंद्र बैठा तथा एक बार रामचंद्र नायक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस बार भी भाजपा को पारंपरिक और कैडर वोटरों पर नजर है. भाजपा के पुराने प्रतिनिधियों के प्रदर्शन का नफा-नुकसान को भी पार्टी को उठाना पड़ेगा. लंबे समय से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने से होनेवाले घटा-फायदा पर भी जनता की नजर है.
30 से विधानसभा चुनाव लड़ने का अनुभव रखने वाले समरी लाल इस बार भाजपा के साथ हैं. वह क्षेत्र में दिख भी रहे हैं. पिछले दो चुनाव से 10 हजार के आसपास मत लानेवाले बुढ़मू इलाके के रामजीत गंझू के प्रभाव का असर भी दिखेगा. इस बार श्री गंझू चुनावी मैदान में नहीं है. विज्ञप्ति जारी कर वह किसी को भी समर्थन नहीं करने की घोषणा कर चुके हैं. उनको मिलनेवाले मतों को अपनी ओर करने में सभी दल लगे हैं. जिनको यह मत मिलेगा, वह रेस के मजबूत दावेदार भी होंगे.
झामुमो ने डॉ अशोक कुमार नाग को प्रत्याशी बनाया है. वह पहले आजसू में थे. आजसू से टिकट की दावेदारी कर रहे थे. ऊंची शैक्षणिक योग्यता रखने वाले डॉ नाग को इस क्षेत्र में झामुमो को पूर्व में (2005) मिले 46 हजार से अधिक मतों पर भी नजर है. 2005 में झारखंड मुक्ति मोरचा को 46443 मत मिले थे. उस साल पार्टी ने समरीलाल को उम्मीदवार बनाया था. भाजपा, झामुमो और कांग्रेस की परंपरागत लड़ाई वाली इस सीट से कुल 14 प्रत्याशी मैदान में हैं.
* 30 साल बाद समरी मैदान में नहीं
कांके विधानसभा सीट से 30 साल के बाद समरी लाल चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. श्री लाल पहली बार 1985 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे. उन्हें 1452 मत मिले थे. इसके बाद से लगातार चुनाव लड़ते रहे हैं. 2005 में वह झामुमो प्रत्याशी के रूप में मैदान में थे. उन्हें करीब 47 हजार मत मिले थे. इसे पूर्व 1990 व 1995 में जनता दल प्रत्याशी के रूप में क्रमश : 15624 और 29383 मत मिले थे. 2000 में उन्हें राजद उम्मीदवार के रूप में 24603 तथा 2009 में झामुमो प्रत्याशी के रूप में 16228 मत मिले थे.