बालुरघाट : आर्थिक तंगी के साथ साथ पारिवारिक अभाव के कारण पांच साल पहले बंद हुए पढ़ाई को फिर से नये सिरे से चालू करने के लिए जिला शासक से मिलने के लिए 14 साल की नाबालिग घर से निकल पड़ी.
नाबालिग जब जिला शासक कायाग्लय पहुंची, उस वक्त जिला प्रशासनिक भवन में कोई अधिकारी नहीं रहने के कारण नाबालिग इधर-उधर भटकने लगी. बाद में स्थानीय लोगों ने उसे बालुरघाट पुलिस के हाथों सौंप दिया. पुलिस ने नाबालिगा को एक एक स्वयंसेवी संस्था को सौंप दिया.
स्वयंसेवी संस्था ने आज उसे कूचबिहार के एक सरकारी होम में भेज दिया. यह घटना दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट की है. नाबालिगा का नाम मानसी राय है. वह बालुरघाट थाना के रामपुर बस स्टैंड इलाके की रहनेवाली है. दो साल पहले उसके पिता की मौत हो गयी. मां मानसिक रूप से बीमार है.
उसका तीन भाई व दो बहन है. आर्थिक तंगी के कारण उसे चौथी कक्षा में ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी. फिर से पढ़ाई करने की उम्मीद लिये नाबालिगा आज जिला शासक के पास मदद के लिए पहुंची थी.