Advertisement
डुमरटोली में न सड़क न बिजली
अनगड़ा प्रखंड में एक गांव है डुमरटोली. तीन कमरों वाला स्कूल, एक सामुदायिक भवन तथा चार नलकूप (इनमें से दो-तीन अक्सर खराब रहते हैं) को छोड़ इस गांव में सरकार की कोई उपस्थिति नहीं है. टाटीसिलवे से करीब चार किमी दूर इस गांव तक न सड़क पहुंची है और न ही बिजली. स्कूल में पांचवीं […]
अनगड़ा प्रखंड में एक गांव है डुमरटोली. तीन कमरों वाला स्कूल, एक सामुदायिक भवन तथा चार नलकूप (इनमें से दो-तीन अक्सर खराब रहते हैं) को छोड़ इस गांव में सरकार की कोई उपस्थिति नहीं है. टाटीसिलवे से करीब चार किमी दूर इस गांव तक न सड़क पहुंची है और न ही बिजली.
स्कूल में पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है. इसके बाद पढ़ाई के लिए जंगली रास्ते से सफर कर बच्चों को टाटीसिलवे जाना होता है. संभवत: इसी परेशानी से गांव में कोई मैट्रिक पास ढ़ूंढ़ना मुश्किल है. करीब 40 घर व 200 आबादी वाले डुमरटोली में ग्रामीण बरसाती पानी से ही खेती करते हैं.
यह गांव दो तरफ से होरहाप की ओर से आनेवाली राढ़ू नदी से घिरा है, पर सिंचाई के लिए मोटर या कोई और मेकेनिज्म नहीं होने के कारण इसका लाभ नहीं मिलता. इस गांव में कोई स्वास्थ्य सुविधा भी नहीं है. ग्रामीण झोला छाप एक डॉक्टर के भरोसे हैं, जो टाटीसिलवे से एलोपैथी दवा लाकर ग्रामीणों का इलाज करता है. रोजी-रोजगार व कृषि सब में धोखा खाने वाले डुमरटोली के ग्रामीण किसी तरह अपना जीवन बसर कर रहे हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement