न्यूयार्क : अदालत ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों में कथित भूमिका को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दायर एक मामले की पृष्ठभूमि में उन्हें दी गयी छूट के संबंध में एक मानवाधिकार समूह द्वारा उठायी गयी आपत्तियों पर फैसला सुनाते हुए विदेश विभाग से जवाब मांगा है. विभाग से दस दिसंबर तक अपने जवाब दाखिल करने को कहा गया है.
अमेरिकन जस्टिस सेंटर (एजेसी) ने पिछले सप्ताह एक ज्ञापन पेश करते हुए कानूनी दलील दी कि मोदी के मामले को क्यों आगे बढाया जाना चाहिए और गुजरात के मुख्यमंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए मोदी को क्यों छूट नहीं मिलनी चाहिए.
एजेसी की दलील के जवाब में न्यूयार्क की जिला अदालत ने अमेरिकी विदेश विभाग को मोदी की छूट को चुनौती देने वाली दलील पर जवाब देने का निर्देश दिया. एजेंसी अध्यक्ष जोसेफ विटिंगटन ने उम्मीद जतायी कि कानून मामले को आगे बढाने के लिए अनुमति देगा. उन्होंने आगे कहा, ‘‘गुजरात के नृशंस नरसंहार के बचे हुए लोगों को आस है कि अमेरिका अपने कानून और न्याय के अंतररराष्ट्रीय मानदंडों का पालन करेगा.’’