कोडरमा बाजार : गांव की सरकार 13वें वित्त आयोग से मिली राशि को खर्च नहीं कर पा रही है. इस कारण वित्तीय वर्ष 2011-12 से लेकर 2012-13 तक उक्त योजना से मिली राशि अभी तक पड़ी है. यह खुलासा शुक्रवार को जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के तहत हुई समीक्षा बैठक में हुआ
13वें वित्त आयोग से मिली राशि के खर्च की समीक्षा की गयी. बोर्ड के अध्यक्ष महेश राय की अध्यक्षता में कोडरमा प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में उक्त योजना से मिली राशि से अब तक किस तरह की योजनाओं का चयन किया गया व कितना खर्च हुआ, इसको लेकर समीक्षा बैठक हुई. बैठक में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2011-12 में कोडरमा प्रखंड की प्रत्येक पंचायत को प्रथम चरण में तीन लाख 12 हजार व दूसरे चरण में एक लाख 19 हजार रुपये मिले.
वहीं 2012-13 में एक लाख 29 हजार 796 (प्रथम चरण में), जबकि 13 हजार 210 और एक लाख 21 हजार 174 रुपये द्वितीय व तृतीय चरण में मिले. साथ ही चालू वित्तीय वर्ष में भी प्रत्येक पंचायत को दो लाख 94 हजार 726 रुपये आवंटित किये गये. मगर गांव की सरकार अपनी-अपनी पंचायत में उक्त राशि को खर्च नहीं कर पायी. हालांकि बैठक में दो-चार पंचायत के मुखिया ने राशि खर्च करने की बात कही. मगर जब उपयोगिता प्रमाण पत्र की मांग की गयी, तो प्रमाण पत्र किसी ने नहीं दिया. अध्यक्ष श्री राय ने उक्त मुखिया को दो दिन के अंदर खर्च की गयी राशि का प्रतिवेदन सौंपने को कहा.
ज्ञात हो कि जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के तहत 13वें वित्त आयोग से विभिन्न प्रखंड की पंचायतों को मिली राशि में कितना खर्च किया गया, इसको लेकर प्रखंडवार बैठक कर जानकारी ली जा रही है. इसके तहत 22 जून को चंदवारा, 24 को डोमचांच, 26 को मरकच्चो, 27 को जयनगर और 29 जून को सतगावां प्रखंड के मुखिया व पंचायत सेवकों के साथ बैठक होगी.
मौके पर डीडीसी आभा कांशी, जिप उपाध्यक्ष डॉ नीरा यादव, जिप सदस्य रामधन यादव, बासुदेव यादव, बिंदु कुमारी, रेखा देवी, प्रमुख राजकुमार यादव, उप प्रमुख विजय सिंह आदि थे.
* अनुपस्थित रहने पर नाराजगी
बैठक में इंदरवा व लरियाडीह के मुखिया और पंचायत सेवक बिना सूचना के अनुपस्थित थे. इस पर सदस्यों ने नाराजगी जतायी. इस पर बोर्ड अध्यक्ष ने डीडीसी को उक्त दोनों पंचायतों के मुखिया व पंचायत सेवक से स्पष्टीकरण पूछने को कहा.