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सड़कें बनीं, पर रोजगार नहीं

पांकी/रांची : प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से जब आप पांकी की तरफ रुख करेंगे, तो सड़कें चमचमाती मिलेंगी. पहले मेदिनीनगर से पांकी की यात्रा काफी दुरूह मानी जाती थी, लेकिन अब सड़क अच्छी होने के कारण सफर आसान हुआ है. 10 वर्षो के दौरान गांव जाने वाली सड़कों की दशा में काफी सुधार हुआ है. तरहसी […]

पांकी/रांची : प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से जब आप पांकी की तरफ रुख करेंगे, तो सड़कें चमचमाती मिलेंगी. पहले मेदिनीनगर से पांकी की यात्रा काफी दुरूह मानी जाती थी, लेकिन अब सड़क अच्छी होने के कारण सफर आसान हुआ है. 10 वर्षो के दौरान गांव जाने वाली सड़कों की दशा में काफी सुधार हुआ है. तरहसी के अमानत पर पुल विकास की एक कड़ी बनी है. रोजगार धंधे के पर्याप्त अवसर नहीं होने के कारण इलाके में पलायन भी एक बड़ी समस्या है.
मलय जलाशय का पानी विधानसभा क्षेत्र के खेतों तक नहीं पहुंचता है. अस्पताल के लिए भवन तो बने तो पर पर्याप्त डॉक्टर नहीं है. अपराध की बात की जाये तो पांकी इलाके में कई उग्रवादी संगठनों का उदय हुआ है. विकास योजनाओं में लेवी लेना, विकास के काम रोकने जैसे कई मामले इस इलाके में होते हैं. मनरेगा जैसी योजना भी भ्रष्टाचार के गिरफ्त में है. आवागमन के मामले में तरक्की हुई है, पुल-पुलिया व सड़क का निर्माण हुआ है, लेकिन कई मामलों में अभी सुधार की गुंजाइश बाकी है.
ईमानदारी से प्रयास किया
विधायक विदेश सिंह ने कहा कि पूरी ईमानदारी के साथ उन्होंने विकास की योजनाओं को धरती पर उतारने का काम किया है. सड़क, पुल-पुलिया और गांवों तक स्कूलों का निर्माण कराया है. स्वास्थ्य सुविधा गांव स्तर तक बहाल हो, इसके लिए भी प्रयास किया है. सिंचाई व अन्य क्षेत्रों में जो काम बाकी रह गये हैं. उसे पूरा कराना उनकी प्राथमिकता में है. हमेशा उन्होंने जनभावना का कद्र करते हुए विकास की योजनायें इलाके में लागू करायी है.
जनता को धोखा दिया
2009 में पांकी से चुनाव लड़ने वाले एसबीपी मेहता ने कहा कि एक भी समस्या का सधमान नहीं है. सदन में चूप रहे. पांकी सड़क में 18.30 करोड़ का घोटाला हुआ. इसकी जांच सक्षम एजेंसियों से नहीं करायी गयी. अनुमंडल नहीं बनाया. लोहड़ती को प्रखंड नहीं बनाया. झूठा शिलन्यास किया गया. भय और दहशत के माहौल बनाने का काम किया. उनके और उनके परिजनों ने ठेकेदारी किया.
अच्छे लोग चुन कर आये
गुलाम रजा का कहना है कि उम्मीद है कि इस बार राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध रहनेवाले लोग चुने जायेंगे. जब स्थिर सरकार बनेगी, तो विकास की गति भी तेज होगी. वैसे पांकी इलाके में विकास के कार्य हुए हैं, लेकिन पूरे राज्य की स्थिति देखी जाये, तो स्थिति चिंताजनक है. क्योंकि झारखंड के साथ जो राज्य बने वह विकास के मामले में झारखंड से काफी आगे निकल चुके हैं. इस तरह का वातावरण झारखंड में बने, ऐसी उम्मीद हमें है.

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