तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दे दी है. उन्हें बीमारी के आधार पर ज़मानत दी गई है.
जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की सज़ा सुनाई गई थी.
इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका खारिज़ कर दी थी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में सुब्रहमण्यम स्वामी का कहना था, ”जयललिता और उनके साथियों को इस आधार पर रियायत मिली है कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस बारे में बहस नहीं की है कि उनकी सज़ा को निलंबित किया जाए या नहीं. इस आधार पर कोर्ट ने जयललिता से कहा कि वो उनके लिए की गई सारी अपीलों को एक साथ जमा करें दस्तावेज के रुप में 18 दिसंबर तक कोर्ट में जमा करें.”
उन्होंने कहा, ”इसके अलावा जयललिता के वकील को ये भी आश्वासन देना पड़ा है कि जयललिता या उनकी पार्टी के लोग सुप्रीम कोर्ट या जजों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे ताकि तमिलनाडु और कर्नाटक में कोई हिंसा न हो. इन्हीं आधारों पर ज़मानत दी गई है.”
जयललिता के खि़लाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुब्रहमण्यम स्वामी ने ही याचिका दायर की थी.
स्वामी के अनुसार जयललिता बीमार हैं और इसलिए उन्होंने ज़मानत का कड़ा विरोध नहीं किया.
सज़ा सुनाए जाने के बाद जयललिता ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी थी और उसके बाद ओ पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया गया था.
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