बेंगलूर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार देश के पहले नौवहन उपग्रहण का प्रक्षेपण विसंगति दूर करने के बाद अब पहली जुलाई को किया जाएगा.
इसरो सूत्रों ने आज कहा, ‘‘ समीक्षा जारी है. इसे पहली जुलाई को पूर्वाह्न 11 बजकर 43 मिनट पर प्रक्षेपित किए जाने का कार्यक्रम है.’’ इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम 1ए (आईआरएनएसएस.1ए) को पहले पीएसएलवी..सी22 से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 12 जून को दोपहर करीब एक बजे प्रक्षेपित किया जाना था.
अंतरिक्ष यान की पूरी इलेक्ट्रिकल जांच कर ली गयी थी और यह प्रणोदक भरे जाने के लिए तैयार था। पीएसएलवी.सी22 को एकीकृत कर दिया था और इलेक्ट्रिक्ल जांच की जा रही थी.इसी महीने की शुरुआत में जांच के दौरान एक विसंगति मिलने के बाद अंतरिक्ष एजेंसी ने प्रक्षेपण का कार्यक्रम टाल दिया था.
इसरो के अधिकारी ने बताया कि आईआरएनएसएस.1ए का जीवनकाल 10 साल का होगा और इससे उपग्रह आधारित स्थलीय, हवाई और समुद्री नौवहन सेवाएं मुहैया हो सकेंगी। इससे वाहन का पता लगाने के अलावा आपदा और बेड़ा प्रबंधन में भी मदद मिलेगी. इसरो की योजना आईआरएनएसएस श्रृंखला के तहत 2014.15 तक सात उपग्रह प्रक्षेपित करने की है.