धनबाद : कोयलांचल में पिछले एक पखवारा से ढंग से बारिश नहीं हुई है. इससे न केवल गरमी पहले की तरह बढ़ गयी है, बल्कि फसल लगे खेत भी सूख गये हैं. बाडि़यों में मकई के बाद लगने वाली सब्जी की खेती के लिए किसान जोताई तक नहीं कर पा रहे हैं. बाड़ी पूरी तरह सूख गयी हैं. वहीं दूसरी ओर, धान लगे खेतों में पानी सूख गया है. अलबत्ता बहाल खेतों में पानी है, जो दो-तीन दिनों में बारिश नहीं होने से सूखने के कगार पर पहुंच जायेंगे. बाइद खेतों की हालत पतली हो गयी है.
इन खेतों में या तो धान फूट रहे हैं या फिर गर्भ में आ चुके हैं. कनाली खेतों में लगभग धान पेट में आ चुके हैं. उन्हें एक बारिश का इंतजार है. गर्भ में आयी बाइलें बाहर आने के लिए छटपटा रही हैं. यह अलग बात है कि बिना पानी के भी वे निकल आयेंगी, लेकिन उसमें धान पुष्ट नहीं होंगे. एक चौथाई दाना ही उसमें पुष्ट पाये जा सकते हैं. इस संबंध में गोविंदपुर प्रखंड के मुर्राडीह के बुजुर्ग किसान अर्जुन मंडल बताते हैं कि धान की खेती के लिए सिंह नक्षत्र में बारिश बहुत जरू री नहीं है.