‘पिंक स्लिप’, ‘आपकी ज़रूरत नहीं’, ‘आपके योगदान के लिए शुक्रिया’, ‘रीस्ट्रक्चरिंग की मजबूरी है’, ‘काम संतोषजनक नहीं है’, ‘जा सकते हैं’.
किसी कंपनी में काम करने के दौरान इनमें से कोई शब्द सुनने का मतलब है उस कंपनी में आपका आख़िरी दिन.
लेकिन नौकरी से हटाने के लिए ज़रूरी नहीं है कि रूखे या अशिष्ट शब्दों का ही प्रयोग किया जाए.
क्वोरा डॉटकॉम नाम की वेबसाइट में शालीन भाषा का इस्तेमाल कर लोगों को नौकरी से हटाने के कुछ तरीके बताए गए.
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एकदम रूखा
ये सुनना कभी आसान नहीं होता कि आपको नौकरी से निकाला जा रहा है और ना ही ये उस मैनेजर के लिए आसान काम है कि वो आपको ऐसी ख़बर सुनाए.
लेकिन कुछ लोगों के पास इसके उपाय भी हैं.
ट्रैसी ब्रायन बताती हैं, "मेरे पिता के एक दोस्त ने एक लड़के से कहा- मुझे नहीं पता ये दफ़्तर तुम्हारे बिना कैसे चलेगा, लेकिन सोमवार से मैं यह पता लगाना शुरू करुंगा.”
रिचर्ड ब्रेसर के अनुसार उनके जानकार बिज़नेसमैन तो अक्सर ऐसा करते हैं.
उनमें से कुछ ये कहते सुनाई पड़ते हैं, "ये टीम कुछ ज़्यादा ही आत्मसंतुष्ट नज़र आने लगी है मुझे आज एक कर्मचारी को बाहर का रास्ता दिखाना होगा."
अब ईएमआई रिकॉर्ड में काम करने वाले जॉन बेगनैल को निकालते वक़्त क्या कहा गया, यह भी पढ़िए. "तुम्हारी प्रतिभा और दृष्टिकोण स्वतंत्र रूप से काम करने के लिए बिल्कुल ठीक है."
ख़तरनाक़ जुमलों से सावधान
डाउनसाइज़ जैसे भारी जुमलों की जगह कुछ मैनेजर उसी अर्थ के दूसरे जुमलों का इस्तेमाल करते हैं. जैसे ‘राइटसाइज़्ड’ की जगह ‘राइटसाइज़िंग’.
रॉबर्ट रैपलीन लिखते हैं जब मैनेजर अपनी नौकरी बचाए रखने के लिए मेहनती और कर्मठ लोगों को नौकरी से बर्खास्त कर देते हैं, तो उस सूरत में वो ‘डाउनसाइज़िंग’ कहने से बचते हुए इसे ‘कैपसाइज़िंग’ कहते हैं.
लोरना ह्यूज़ बताती हैं कि उनकी एक दोस्त को यह कहकर निकाल दिया गया कि कंपनी अब स्मार्टसाइज़्ड बन रही है.
ऐसे में कठोर क़दम उठाने की ज़रूरत है. कंपनी ने ना सिर्फ़ उन्हें निकाला बल्कि ये भी साफ़ कर दिया कि वो बहुत ही आसानी से ऐसा कर सकती है.
शिष्ट बहाने
जब मैनेजर के पास बर्खास्तगी का कोई ठोस कारण नहीं होता तो वे अक्सर कॉर्पोरेट जगत के कुछ तकिया क़लामों का इस्तेमाल करते हैं.
एंडी मिकॉन बताती हैं कि उन्हें ये तर्क़ सबसे अच्छा लगा था, "हम अपने संसाधनों को एकत्रित कर रहे हैं. और आपको जाने के लिए नहीं कहा जा रहा बल्कि आप एकत्रीकरण से बाहर हैं."
जॉर्ज आन्द्रे बताते हैं कि उन्होंने भी ऐसे पेचीदा शिष्ट बहानों का इस्तेमाल सुना है. जैसे "हम अपनी क्रिएटिव टीम में बदलाव करना चाहते हैं, हम कर्मचारियों की संख्या कम करने जा रहे हैं, हम भविष्य की रणनीति पर पुनर्विचार कर रहे हैं. वगैरह-वगैरह."
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