भोपाल: कहते हैं कि बेटियां अपना सौभाग्य लेकर पैदा होती हैं. इन दिनों चल रहे एक घटनाक्र म से यह कहावत चरितार्थ हो रही है. किसी अभागी मां ने बेटी को पैदा होते ही कूड़े के ढेर पर फेंक दिया था. लेकिन अब उसको कलेजे से लगाने के लिए तीन प्रतिष्ठित परिवार एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. मामला राज्य बाल संरक्षण आयोग तक आ पहुंचा है.
दरअसल, शहर के अशोकनगर क्षेत्र में एक पखवाड़ा पहले नवजात कन्या शिशु लावारिस बिलखती हुई मिली. सूचना मिलने पर क्षेत्रीय पुलिस ने उसे शिशुगृह में पहुंचाया. लेकिन कचरे के संक्र मण से बिगड़ती सेहत को देखते हुए बच्ची को अशोकनगर स्थित जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया.
धीरे-धीरे उसकी हालत में काफी सुधार आने लगा. इस बीच औलाद की चाह रखने वाले अशोकनगर के एक संपन्न परिवार ने बच्ची की देखभाल शुरू कर दी. कपड़े-दवा से लेकर उसकी तमाम जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध करायीं. उधर संतान के इच्छुक गुना के भी एक प्रतिष्ठित परिवार को बेटी की चाह अस्पताल तक खींच लायी. उन्होंने भी बच्ची को अपनाने की ललक दिखायी. दोनों परिवार बेटी की परवरिश के जरूरी कानूनी तैयारी कर ही रहे थे, तभी जबलपुर के भी एक दंपती ने बिटिया के पालन-पोषण की इच्छा जता दी है. यह मामला फिलहाल अशोकनगर की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के पास सुरक्षित है.