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बदलने लगी ताड़ी की दुकानों की शक्लो सूरत

परगित पी इलायथ बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए केरल में अचानक ताड़ी की दुकानों का हुलिया बदलने लगा है और इन्हें होटलों जैसी सुविधाएं देने की कोशिशें हो रही हैं. हालाँकि आकार में ये बहुत छोटे हैं, लेकिन इनमें शौचालय, केबिन आदि की व्यवस्था की जा रही है. केरल की कांग्रेस नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक […]

केरल में अचानक ताड़ी की दुकानों का हुलिया बदलने लगा है और इन्हें होटलों जैसी सुविधाएं देने की कोशिशें हो रही हैं.

हालाँकि आकार में ये बहुत छोटे हैं, लेकिन इनमें शौचालय, केबिन आदि की व्यवस्था की जा रही है.

केरल की कांग्रेस नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ़्रंट सरकार ने राज्य में चरणबद्ध तरीक़े से शराबबंदी की घोषणा की है.

इस घोषणा के साथ ही ताड़ी की इन दुकानों से देसी शराब की बिक्री बढ़ गई है और रौनक़ भी लौटने लगी है.

सुविधाएं बढ़ी

मुख्यमंत्री ओमेन चांडी ने कैबिनेट की बैठक के बाद स्पष्ट किया कि नारियल से तैयार होने वाली ताड़ी जिसमें एल्कोहल की मात्रा 10 फ़ीसदी से कम होती है, की बिक्री जारी रहेगी.

केरल हाईकोर्ट एक समय ताड़ी के कारोबार को ‘शर्मनाक’ बता चुका है, लेकिन अब यह केरलवासियों को आकर्षित कर रहा है.

त्रिशूर ज़िले में थ्रिपेकुलम टॉडी शॉप के लाइसेंस पर दुकान चलाने वाले एस बिजु कहते हैं, "पहले, ताड़ी की दुकानों पर सिर्फ़ कुछ बैंच होती थी. शौचालय की भी सुविधा नहीं थी लेकिन सरकार के सस्ते रेस्त्रां बार को बंद करने के फ़ैसले के बाद हमने अपनी दुकानों को ठीक किया है."

उन्होंने कहा कि ताड़ी की इन दुकानों की ख़ासियत यह है यहाँ ग़रीब भी अपने बजट में शराब पी सकते हैं.

परोसने का अंदाज़ बदला

इसके अलावा, इन दुकानों में ‘किंगफिशर’ और विदेशी ब्रांडों की बोतलों के बजाय अब बांस और मिट्टी के बर्तनों में शराब परोसी जा रही है.

अलपुज़ा में नियमित रूप से शराब का सेवन करने वाले के के थॉमस कहते हैं, "मेरे घर के पास का एक बार मेरे दोस्तों के लिए मौज मस्ती का नियमित अड्डा हुआ करता था. अब जब सरकार शराब को लेकर सख्त नीति ला रही है तो हमें ताड़ी की दुकानों पर जाना होगा."

उन्होंने कहा कि अब ताड़ी की दुकानों पर सुविधाएँ बेहतर हुई हैं और यह एक अच्छा विकल्प है.

चांडी का कहना है कि राज्य में अब बार पांचसितारा होटलों में ही होंगे. राज्य में शराब की 400 रीटेल दुकानें हैं जिनकी संख्या में हर साल 10 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव है.

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