चेहरे की झुर्रियां हटाने में प्रयोग किए जाने वाला बोटॉक्स इंजेक्शन अब कैंसर के इलाज में भी सहायक हो सकता है.
जानवरों पर किए गए प्रयोग में इसके संकेत मिले हैं.
विज्ञान पत्रिका ‘साइंस ट्रांज़िशनल मेडिसिन’ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक़ पेट के कैंसर के बढ़ने में तंत्रिकाएं सहायक होती हैं.
चूहों पर किए गए अध्ययन में पता चला कि टॉक्सिन का इंजेक्शन पेट में ट्यूमर का बढ़ना रोककर उन्हें कीमोथेरेपी के अनुकूल बना सकता है.
वेगस तंत्रिका की भूमिका
न्यूयार्क के कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर और ट्रानहैम के नार्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने पेट के कैंसर में वेगस तंत्रिका की भूमिका का अध्ययन किया.
यह तंत्रिका मस्तिष्क से पाचन तंत्र तक जाती है.
इसे काट देने या बोटॉक्स के इस्तेमाल से पता चला कि ट्यूमर का विकास रुक गया है या वह कीमोथेरेपी के अनुकूल हो गया है.
अध्ययन में शामिल डॉक्टर टिमोथी वॉन्ग ने कहा, "अगर आप तंत्रिका को ही काट दें तो क्या उससे कैंसर का इलाज हो पाएगा? शायद नहीं."
वह कहते हैं, ”अगर शुरुआती दौर में ही आप तंत्रिका को बाधित कर देते हैं, तो ट्यूमर कीमोथेरेपी के अधिक अनुकूल हो जाएगा. इसलिए हम इसे एक अकेले इलाज के रूप में नहीं देखते. लेकिन वर्तमान और भविष्य में इसके इलाज को और प्रभावी बना रहे हैं.”
और परीक्षण
ऑपरेशन से पेट के कैंसर का इलाज कराने वाले इंसानों पर इसके कुछ परीक्षण किए जा रहे हैं.
डॉक्टर वॉन्ग कहते हैं कि इसे इलाज मानने के लिए अभी और लंबा रास्ता तय करना है.
कैंसर के लिए काम करने वाले कैंसर रिसर्च यूके की एलिनॉर बैरी कहती हैं, "पिछले पांच साल में ऐसे प्रमाण सामने आए हैं, जिनसे पता चलता है कि पेट के कैंसर के कुछ मामले अपने विकास के लिए तंत्रिका तंत्र से मिले संकेतों पर निर्भर होते हैं."
वह कहती हैं कि अध्ययन अभी शुरुआती दौर में है. इसमें यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह मरीजों का जान बचाने में सहायक है या नहीं.
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