हाल ही में बीबीसी मैग़ज़ीन में अमरीकी डॉलर पर महिलाओं की अनुपस्थिति पर एक लेख था.
इसे पढ़ने के बाद बीबीसी के पाठकों ने उन महिलाओं के नाम सुझाए जिनकी तस्वीर वह डॉलर के नोट पर देखना चाहेंगे.
इसकी शर्त यह थी कि जिसका नाम चुना जाए, वह ज़िंदा नहीं होना चाहिए. यह भी बेहतर रहेगा कि ऐसी महिला को अमरीकी पसंद करते हों.
पाठकों की पसंद में से चुनिंदा कुछ तस्वीरें.
ब्रिटेन में रहने वाले आरोन अलोयसिओस कहते हैं कि धरती पर जन्मी बहुत सी महान महिलाओं में मदर टेरेसा अलग नज़र आती हैं. वह शानदार व्यक्ति थीं और डॉलर के नोट पर तस्वीर छापने के लिए उनके नाम पर विचार होना ही चाहिए.
अमरीका के फ़्लोरिडा के रहने वाले स्टीवन ओब्साविक कहते हैं गृहयुद्ध के बाद नागरिक अधिकार आंदोलन ने अमरीका की पहचान को लाजवाब तरीके से पुनर्भाषित किया है. और हालांकि रोज़ा पार्क्स का योगदान बस में विरोध से शुरू हुआ था लेकिन वह रंगभेद आंदोलन का प्रतीक बन गई थीं.
ब्रिटेन के ब्रिस्टल में रहने वाले माइक रॉबर्ट्स एमिलिया ईयरहार्ट के नाम की वकालत करते हुए कहते हैं कि वह अटलांटिक के पार अकेले उड़ने वाली पहली महिला थीं.
एम्स्टर्डम, नीदरलैंड्स के जेमी रोलिंग कहती हैं कि एमिलिया को सब जानते हैं. वह पथप्रदर्शक हैं और इसके साथ ही महिला आज़ादी की भी प्रतीक हैं.
सेशर, ब्रिटेन की मेगन क्रिस्टा मैक्ऑलिफ़ का नाम सुझाते हैं. एक खोजी, पथ प्रदर्शक और शिक्षाविद् जिसे उस देश के द्वारा याद किया जाना चाहिए जिसकी वह सेवा करना चाहती थीं.
लोएस्टोफ़्ट, ब्रिटेन के एडम स्कॉट मैरी एन बिकरडाइक के पक्ष में हैं. कहते हैं कि वह उन लड़कों की देखरेख करती रहीं जो आज़ादी के लिए मर रहे थे.
लाहौर, पाकिस्तान, की इकरा ख़ान कहती हैं, "मैं सुसान बी एंथनी, सोजोनेर ट्रुथ और फ्रांसिस पर्किन्स के नाम रखना चाहूंगी."
कैलिफ़ोर्निया अमरीका, की शैरोन की पसंद शर्ली टेंपल ब्लैक हैं. एक बच्चे के रूप में उन्होंने मंदी के दौर में अमरीकियों को भावनात्मक अवसाद से बाहर निकाला. उसके बाद भी वह सार्वजनिक सेवा में लगी रहीं और राजनीति में प्रवेश कर एक राजदूत बनीं.
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