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इतना ख़तरनाक क्यों है इबोला?

पश्चिमी अफ़्रीक़ा में इबोला वायरस के संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) गंभीरता से ले रहा है. पश्चिम अफ़्रीकी देशों गिनी, सियेरा लियोन और नाइजीरिया में इबोला वायरस के संक्रमण के अब तक क़रीब 930 लोगों की मौत हो चुकी है. लाइबेरिया ने इस बीमारी के चलते आपातकाल घोषित कर दिया है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, […]

पश्चिमी अफ़्रीक़ा में इबोला वायरस के संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) गंभीरता से ले रहा है.

पश्चिम अफ़्रीकी देशों गिनी, सियेरा लियोन और नाइजीरिया में इबोला वायरस के संक्रमण के अब तक क़रीब 930 लोगों की मौत हो चुकी है. लाइबेरिया ने इस बीमारी के चलते आपातकाल घोषित कर दिया है.

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इबोला एक क़िस्म की वायरल बीमारी है. इसके लक्षण हैं अचानक बुख़ार, कमज़ोरी, मांसपेशियों में दर्द और गले में ख़राश.

ये लक्षण बीमारी की शुरुआत भर होते हैं. इसका अगला चरण है उल्टी होना, डायरिया और कुछ मामलों में अंदरूनी और बाहरी रक्तस्राव.

मनुष्यों में इसका संक्रमण संक्रमित जानवरों, जैसे, चिंपैंजी, चमगादड़ और हिरण आदि के सीधे संपर्क में आने से होता है.

संक्रमण

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एक दूसरे के बीच इसका संक्रमण संक्रमित रक्त, द्रव या अंगों के मार्फ़त होता है. यहां तक कि इबोला के शिकार व्यक्ति का अंतिम संस्कार भी ख़तरे से ख़ाली नहीं होता. शव को छूने से भी इसका संक्रमण हो सकता है.

बिना सावधानी के इलाज करने वाले चिकित्सकों को भी इससे संक्रमित होने का भारी ख़तरा रहता है.

संक्रमण के चरम तक पहुंचने में दो दिन से लेकर तीन सप्ताह तक का वक़्त लग सकता है और इसकी पहचान और भी मुश्किल है.

इससे संक्रमित व्यक्ति के ठीक हो जाने के सात सप्ताह तक संक्रमण का ख़तरा बना रहता है.

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक़, उष्णकटिबंधीय बरसाती जंगलों वाले मध्य और पश्चिम अफ़्रीका के दूरदराज़ गांवों में यह बीमारी फैली. पूर्वी अफ़्रीका की ओर कांगो, युगांडा और सूडान में भी इसका प्रसार हो रहा है.

तेज़ी से प्रसार

पू्र्व की ओर बीमारी का प्रसार असामान्य है क्योंकि यह यह पश्चिम की ओर ही केंद्रित था और अब शहरी इलाक़ों को भी अपनी चपेट में ले रहा है.

इस बीमारी की शुरुआत गिनी के दूर दराज़ वाले इलाक़े ज़ेरेकोर में हुई थी.

बीमारी का प्रकोप देखते हुए स्वयंसेवी संस्था मेडिसिंस सैंस फ्रंटियर्स ने इसे ‘अभूतपूर्व’ बताया है.

डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार, इबोला से पीड़ित रोगियों के शारीरिक द्रव और उनसे सीधे संपर्क से बचना चाहिए.

साथ ही साझा तौलिये के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि यह सार्वजनिक स्थलों पर संक्रमित हो सकता है.

डब्ल्यूएचओ ने मुताबिक़ इलाज करने वालों को दस्ताने और मास्क पहनने चाहिए और समय-समय पर हाथ धोते रहना चाहिए.

चेतावनी

चमगादड़, बंदर आदि से दूर रहना चाहिए और जंगली जानवरों का मांस खाने से बचना चाहिए.

लाइबेरिया की राजधानी मोनरोविया में मौजूद बीबीसी संवाददाता ने बताया कि वहां सुपरमार्केट और मॉल आदि में कर्मचारी दस्ताने पहन रहे हैं.

सेनेगल ने गिनी से लगती अपनी सीमा बंद कर दी है. यहां के गायक यूसुओ एन’डूर अपना एक संगीत कार्यक्रम रद्द कर चुके हैं.

उनका कहना था कि एक बंद जगह में हज़ारों लोगों को इकट्ठा करना इस समय ठीक नहीं है.

अभी तक इस बीमारी का इलाज नहीं खोजा जा सका है लेकिन नई दवाओं का प्रयोग चल रहा है.

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