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विदेशी शिक्षा का नया गढ़ जर्मनी

जर्मनी इन दिनों विदेशी शिक्षा के लिए नयी जगह के रूप में उभर रहा है. भारत से इस देश की ओर रुख करनेवाले छात्रों की संख्या में पिछले दिनों वृद्धि दर्ज की गयी है. आइए जानें कैसी है जर्मनी की शिक्षा पद्धित.. उच्च शिक्षा हासिल करने की इच्छा आपके ध्यान को कई तरफ ले जाती […]

जर्मनी इन दिनों विदेशी शिक्षा के लिए नयी जगह के रूप में उभर रहा है. भारत से इस देश की ओर रुख करनेवाले छात्रों की संख्या में पिछले दिनों वृद्धि दर्ज की गयी है. आइए जानें कैसी है जर्मनी की शिक्षा पद्धित..

उच्च शिक्षा हासिल करने की इच्छा आपके ध्यान को कई तरफ ले जाती है. एक बार फैसला कर लिया कि किस विषय और प्रोग्राम के लिए जाना चाहते हैं, तब अध्ययन करने के लिए सही जगह के बारे में सोचना शुरू किया जाता है. जगह का अर्थ है कौन-सा देश, शहर और विश्वविद्यालय है, जिससे आपकी सोच और सपने सही मायने में पूरे हो सकें.

जर्मनी का चुनाव है सही
जर्मनी में पढ़ाई करने के लिए भारतीय छात्रों की संख्या हाल के वर्षो में बढ़ी है. पांच वर्ष पहले तक भारत से जर्मनी जानेवाले छात्रों की संख्या लगभग 3,500 थी, जो पिछले वर्ष लगभग 7,500 हो गयी है. यह समझना आवश्यक होगा कि यहां पढ़ने के लिए जर्मन भाषा का जानकार होना आवश्यक नहीं है. हां, अपनी डिग्री की पढ़ाई करते हुए जर्मन अवश्य सीख सकते हैं. क्योंकि इसकी कक्षाएं प्रत्येक विश्वविद्यालय में निशुल्क चलायी जाती हैं. जर्मनी अपनी शिक्षा और रिसर्च दोनों के लिए ही उच्च कोटि का है. इसके विश्वविद्यालयों में पूरी दुनिया से छात्र उच्च शिक्षा के लिए आते हैं. सभी की संस्कृति को समझ कर उनके साथ घुल-मिल कर अपना एक नेटवर्क तैयार कर सकते हैं. इससे आप व्यावहारिक, सांस्कृतिक, व्यावसायिक, आर्थिक और राजनैतिक रूप से परिपक्व होंगे.

प्रवेश द्वार है आइइएलटीएस
सामान्यरूप से आइइएलटीएस या टोफेल टेस्ट्स हैं, जो आपके अंगरेजी ज्ञान को जांचते हैं और तय करते हैं कि आप कोर्स को अंगरेजी में पढ़ने और समझने में सक्षम हैं कि नहीं. आइइएलटीएस की आवश्यकता लगभग हर देश में दाखिले के लिए होती है. जर्मनी में पढ़ाई करने के लिए सिर्फ आइइएलटीएस देकर दाखिला पा सकते हैं. हां, यह जरूर है कि विश्वविद्यालय छात्रों से लेटर ऑफ रिकमेंडेशन और स्टेटमेंट ऑफ परपज भी मांगते हैं. इसे आवेदन पत्र के साथ देना होता है. ये सब चीजें आपके आवेदन पत्र को मजबूत बनाते हैं. किसी तरह का कार्यानुभव और एक्सट्रा करिक्यलम एक्टिविटीज आपके आवेदन प्रोफाइल को और मजबूती प्रदान करते हैं.

कौन से हैं मुख्य कोर्स
जर्मनी में सामान्यत: भारतीय छात्र मास्टर्स की पढ़ाई के लिए जाते हैं. सबसे अधिक इंजीनियरिंग में, फिर बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग साइंसेस में. जर्मन विश्वविद्यालयों से पीएचडी करनेवाले अधिकतर छात्र जर्मनी से ही मास्टर्स करते हैं. यानी यदि आप जर्मनी से पीएचडी करना चाहते हैं, तो आपको वहीं से ही मास्टर्स पूरा करना चाहिए. जर्मनी में पढ़ाई के लिए कुछ विषय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद अच्छे माने जाते हैं. जैसे मेकेनिकल इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, बायोटेक्नोलॉजी, बायोइंफॉर्मेटिक्स, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, नेचुरल साइंसेस, अर्थ साइंसेस, एंवायर्नमेंटल आर्किटेर, फॉरेस्ट्री, ट्रांसपोर्ट इंजीनियरिंग, नॉटिकल साइंसेस, मैथमेटिक्स आदि.

ट्यूशन फीस से रहें मुक्त
शायद आपको पता हो कि जर्मन विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के लिए ट्यूशन फीस नहीं लगती. अत: इन विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेना काफी प्रतियोगितापूर्ण होता है. प्रवेश की प्रतियोगिता लगभग 12 महीने पहले प्रारंभ हो जाती है. यदि आपको सितंबर/ अक्तूबर, 2015 से प्रारंभ होनेवाले सेशन में प्रवेश लेना है, तो अक्तूबर, 2014 में ही आवेदन करें. 12 महीने तो सिर्फ आवेदन प्रक्रिया के लिए कहे जाते हैं, लेकिन आवेदन प्रक्रिया में अपने आपको सबसे ऊपर रखने के लिए तैयारी लगभग एक वर्ष पहले से प्रारंभ करनी चाहिए. जैसे आइइएलटीएस की तैयारी करना फिर टेस्ट देना आदि.

इस तरह की बातों को ध्यान में रखते हुए छात्रों को स्वयं को तैयार करना चाहिए क्योंकि यह कदम उनके जीवन को एक नयी दिशा प्रदान करता है.

फॉरेन एजुकेशन

अमरेश कुमार राय

अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार

ceo@raiaa.in

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