पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान को सता रहा भारत से युद्ध में हार का डर, परमाणु युद्ध के बारे में कही ये बात

नयी दिल्लीः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत के साथ युद्ध की संभावना जतायी है मगर हार का डर भी सता रहा है. अल जजीरा को दिए साक्षात्कार में इमरान ने भी सांकेतिक रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान भारत के साथ एक पारंपरिक युद्ध में हार सकता है, और इस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 15, 2019 12:11 PM
नयी दिल्लीः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत के साथ युद्ध की संभावना जतायी है मगर हार का डर भी सता रहा है. अल जजीरा को दिए साक्षात्कार में इमरान ने भी सांकेतिक रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान भारत के साथ एक पारंपरिक युद्ध में हार सकता है, और इस मामले में परिणाम भयावह हो सकते हैं. इमरान ने कश्मीर मसले को लेकर परमाणु युद्ध होने के आसार भी जताए.
बता दें कि कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. आतंक को पनाह देने वाला पाकिस्तान भारत को हर दिन युद्ध की धमकी दे रहा है. हालिया साक्षात्कार में इमरान ने माना है कि कश्मीर के मसले पर दुनिया से वैसा समर्थन नहीं मिला जैसा उसे उम्मीद थी.
इमरान खान ने एक सवाल के जवाब में कहा , जब दो परमाणु सशस्त्र देश एक पारंपरिक युद्ध लड़ते हैं तो इसकी परिणीति परमाणु युद्ध में होने की पूरी संभावना है. अगर मैं कहूं कि पाकिस्तान पारंपरिक युद्ध में हार रहा हो और अगर एक देश दो विकल्पों के बीच फंस गया है तो आप या तो आत्मसमर्पण करेंगे या अपनी स्वतंत्रता के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे. मुझे पता है कि पाकिस्तान स्वतंत्रता के लिए अंतिम सांस तक लड़ेगा, जब एक परमाणु संपन्न देश अंतिम सांस तक लड़ता है तो परिणाम भयावह होते हैं.
इमरान ने कहा, भारत के साथ अब बातचीत की कोई संभावना नहीं है. यदि कश्मीर मुद्दे का समाधान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा नहीं किया जाता है तो यह वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने की पेशकश के बारे में पूछे जाने पर इमरान ने कहा, मैं राष्ट्रपति ट्रंप का शुक्रगुजार हूं, जो दुनिया में सबसे शक्तिशाली हैं. अगर वह हस्तक्षेप करते हैं, गंभीरता से हस्तक्षेप करते हैं, तो यह एक तरीका हो सकता है जिससे आप इसका कोई समाधान निकाल सकते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के माध्यम से कश्मीर पर अप्रत्यक्ष रूप से कोई कदम उठा सकता है. पाक पीएम ने कहा,हर अंतरराष्ट्रीय मंच से संपर्क कर रहे हैं कि उन्हें अब इस पर कदम उठाना चाहिए. क्योंकि कश्मीर एक संभावित आपदा है जो भारतीय उपमहाद्वीप से आगे जाएगी.
कश्मीर से विशेष दर्जा खत्म करने की बात पर इमरान खान ने कहा कि भारत ने कश्मीर पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है. गौरतलब है कि 16 अगस्त को यूएनएससी में बंद दरवाजे की एक बैठक में अमेरिका, फ्रांस और रूस ने कश्मीर पर भारत का समर्थन किया था, जबकि चीन ने अपने करीबी मित्र पाकिस्तान का समर्थन किया था.
26 अगस्त को फ्रांस के बिआरित्ज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान ट्रंप कश्मीर पर मध्यस्थता करने की बात से पीछे हट गए थे. इस मुलाकात में मोदी ने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि कश्मीर पर भारत किसी तीसरे देश की मध्यस्थता नहीं चाहता.

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