।। दक्षा वैदकर ।।
एक बहुत बड़ा जादूगर था. वह अपनी तीन बहनों के साथ दुनिया घूम रहा था. उसकी तीनों ही बहनें बेहद खूबसूरत थीं. ऑस्ट्रेलिया में किसी प्रांत का एक प्रसिद्ध योद्धा उसके पास आया और उससे बोला, ‘मैं तुम्हारी सुंदर बहनों में से किसी एक से विवाह करना चाहता हूं.’
जादूगर ने उससे कहा, ‘यदि मैं इनमें से एक का विवाह तुम्हारे साथ कर दूंगा, तो बाकी दोनों को लगेगा कि वे कुरूप हैं. मैं ऐसे कबीले की तलाश में हूं, जहां तीन वीर योद्धाओं से अपनी तीनों बहनों का एक साथ विवाह कर सकूं. इस तरह कई साल तक वे ऑस्ट्रेलिया में यहां से वहां घूमते रहे, पर उन्हें ऐसा कोई कबीला नहीं मिला, जहां एक जैसे तीन बहादुर योद्धाओं से उन बहनों का विवाह हो सकता.
ये बहनें काफी साल गुजर जाने और यात्र की थकान के कारण बूढ़ी हो गयीं. उन्होंने सोचा, हममें से कोई एक तो विवाह करके सुख से रह सकती थी. जादूगर भी यही सोचता था. वह बोला, ‘मैं गलत था, लेकिन अब बहुत देर हो गयी है.’ जादूगर ने उन तीन बहनों को पत्थर का बना दिया. आज भी सिडनी के पास ब्लू माउंटेन नेशनल पार्क जाने वाले पर्यटक पत्थर की बनी उन तीन बहनों को देख सकते हैं.
यह कहानी सीख देती है कि एक व्यक्ति की प्रसन्नता के कारण हमें दुखी नहीं होना चाहिए. सोचें, क्या होता अगर एक बहन की शादी उस वीर योद्धा से हो जाती. जादूगर बाकी बची अपनी दो बहनों के साथ घूमते हुए किसी दूसरी जगह जाता और वहां उसे कोई दूसरा अच्छा युवक मिल जाता. वहां वह दूसरे बहन की शादी करता और इसी तरह तीसरी बहन की भी हो जाती.
हो सकता है कि सभी बहनों को बेहतरीन योद्धा न मिल पाते. किसी का पति कुछ और काम करता, तो किसी का कम अमीर होता, लेकिन हमें यह याद रखना होगा कि सब अपना नसीब ले कर आये हैं. इसलिए दूसरों के भाग्य को देख कर दुखी होना बेकार है.
किसी की शादी जल्दी हो जाने से, किसी को अच्छा पति या पत्नी मिल जाने से, किसी की सैलरी ज्यादा होने से, किसी के ज्यादा खूबसूरत होने से हम भला खुद को छोटा क्यों महसूस करें.
बात पते की..
– ईश्वर ने हम सभी को एक समान नहीं बनाया है. किसी में कुछ गुण दिये हैं, तो किसी में कुछ और. एक-दूसरे से तुलना करना ही बेकार है.
– खुद पर विश्वास रखें. दूसरों की खुशी व तरक्की देख कर दुखी होना बंद करें. इस तरह आप केवल अपनी सेहत खराब करेंगे. नुकसान करेंगे.