संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टः अलकायदा कमजोर नहीं पड़ा, लश्कर-ए-तैयबा के साथ सहयोग जारी

संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन अलकायदा कमजोर नहीं पड़ा है और पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क आदि आतंकी गुटों के साथ उसका सहयोग का सिलसिला जारी है. हालांकि उसके सरगना अयमन मुहम्मद अल-जवाहिरी की सेहत और उसके बाद संगठन के काम करने के तरीके […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 30, 2019 1:59 PM
संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन अलकायदा कमजोर नहीं पड़ा है और पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क आदि आतंकी गुटों के साथ उसका सहयोग का सिलसिला जारी है. हालांकि उसके सरगना अयमन मुहम्मद अल-जवाहिरी की सेहत और उसके बाद संगठन के काम करने के तरीके को लेकर संदेह बरकरार है.
ये खुलासे विश्लेषणात्मक समर्थन एवं प्रतिबंध निगरानी टीम की 24वीं रिपोर्ट में हुए हैं जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अलकायदा प्रतिबंध समिति को इस माह सौंपी गयी. प्रतिबंध निगरानी टीम इस्लामिक स्टेट, अलकायदा एवं संबंधित व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों एवं कंपनियों पर सुरक्षा परिषद को हर छह महीने में स्वतंत्र रिपोर्ट सौंपती है.
इसमें कहा गया कि अलकायदा अफगानिस्तान को अपने नेतृत्व के लिए सुरक्षित पनाहगाह मानता रहा है और इसके लिए वह तालिबान के साथ अपने लंबे एवं मजबूत संबंधों पर निर्भर रहता है. रिपोर्ट में कहा गया कि तालिबान के आश्रय के तहत अलकायदा बदख्शां प्रांत, खास कर ताजिकिस्तान के साथ लगने वाले शिगनान इलाके के साथ ही पकतिका प्रांत के बारमल में अपनी मौजूदगी मजबूत करने का इच्छुक है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, अलकायदा का लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क के साथ करीब से सहयोग करना जारी है. अलकायदा के सदस्यों का तालिबान के लिए सैन्य एवं धार्मिक निर्देशकों के तौर पर नियमित रूप से काम करना जारी है.

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