छत्तीसगढ़ में पूरी आबादी से अधिक राशन कार्ड बनाए जाने के मामले में मुख्यमंत्री रमन सिंह के अपने ज़िले में कई गड़बड़ियां मिल रही हैं.
छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रहे पूर्व मंत्री लीला राम भोजवानी की तीन बहुओं के नाम से पिछले कई सालों से ग़रीबी रेखा से नीचे का राशन कार्ड बना हुआ है और इससे राशन भी लिया जाता रहा है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता भोजवानी के नाम से भी राशन कार्ड है. वह कहते हैं, “मुझे नहीं पता कि मेरे नाम से राशन कार्ड कैसे बना.”
लेकिन ग़रीबी रेखा से नीचे होने का हवाला देकर राशन कार्ड बनवाने वालों में भोजवानी परिवार ही नहीं है.
प्रशस्ति पत्र से निलंबन तक
भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व महापौर शोभा सोनी की मां के नाम से भी बीपीएल कार्ड है.
हालांकि शोभा सोनी का कहना है कि अगर कुछ भी नियम विरुद्ध हुआ है तो राशन कार्ड निरस्त करवाया जाएगा.
पूर्व विधायक खेदूराम साहू की बहुओं समेत भाजपा के कई पदाधिकारी और उनके परिजन बीपीएल कार्ड का राशन पा कर लाभ उठाते रहे हैं.
राजनांदगांव में बेहतर राशन कार्ड बनाने और अनाज का वितरण करने के लिए चुनाव से ठीक पहले ही सरकार ने यहां के अफ़सरों को प्रशस्ति पत्र दे कर सम्मानित किया था.
फ़र्ज़ीवाड़ा सामने आने के बाद इनमें से दो अफ़सरों को इसी सप्ताह निलंबित किया गया है जबकि कुछ अधिकारी पुलिस हिरासत में हैं.
विधायक और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल का कहना है कि रमन सिंह की सरकार को अपने पार्टी के लोगों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए.
वह कहते हैं, “सरकार ने अगर कार्रवाई नहीं की तो राशन कार्ड में फ़र्ज़ीवाड़े को लेकर हम क़ानूनी कार्रवाई करेंगे.”
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